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केंद्र सरकार की स्मार्ट खेती में 6,000 करोड़ रुपये निवेश की योजना:

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केंद्र सरकार की स्मार्ट खेती में 6,000 करोड़ रुपये निवेश की योजना:

चर्चा में क्यों है?

  • केंद्र सरकार सटीक खेती को बढ़ावा देने के लिए 6,000 करोड़ रुपये निर्धारित करने पर विचार कर रही है। यह एक आधुनिक दृष्टिकोण है, जिसमें इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन और डेटा एनालिटिक्स जैसी स्मार्ट तकनीक का उपयोग करके संसाधनों का अधिकतम उपयोग करके उत्पादन को बढ़ावा दिया जाता है, जबकि पर्यावरणीय प्रभाव को कम से कम किया जाता है।

क्या होती है सटीक खेती?

  • उल्लेखनीय है कि सटीक खेती उत्पादन बढ़ाने, इनपुट कम करने और/या पर्यावरण की रक्षा करने के लिए सही समय पर सही जगह पर सही मात्रा में इनपुट (उर्वरक, कीटनाशक, पानी आदि) लगाने की तकनीक है।
  • सटीक खेती का उद्देश्य फसल और कृषि-जलवायु स्थितियों के अनुसार कृषि इनपुट और प्रथाओं का मिलान करना है, ताकि उनके अनुप्रयोगों की सटीकता में सुधार हो सके।
  • इस प्रकार, सटीक खेती एक आकर्षक अवधारणा है जिसमे खेती के इनपुट का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप लाभ में सुधार और पर्यावरण की दृष्टि से कम बोझिल उत्पादन हो सकता है। भारत जैसे विकासशील देशों में छोटे किसानों के मामले में, सटीक खेती न्यूनतम बाहरी इनपुट उपयोग के साथ पर्याप्त उपज सुधार का वादा करती है।

 ‘स्मार्ट सटीक बागवानी कार्यक्रम’ को लाने की योजना: 

  • केंद्रीय कृषि मंत्रालय मौजूदा एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) योजना के तहत एक ‘स्मार्ट सटीक बागवानी कार्यक्रम’ की योजना बना रहा है।
  • यह योजना 2024-25 से 2028-29 तक पांच वर्षों में 15,000 एकड़ भूमि को कवर करेगा और इससे लगभग 60,000 किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
  • वर्तमान में, कोविड-19 के दौरान शुरू किए गए कृषि अवसंरचना कोष (AIF) में स्मार्ट और सटीक कृषि के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण के प्रावधान हैं। AIF के तहत, व्यक्तिगत किसानों के साथ-साथ किसान उत्पादक

    संगठन, प्राथमिक कृषि ऋण समितियां और SHG जैसे किसान समुदाय कृषि पद्धतियों में तकनीकी समाधानों का उपयोग करने के लिए 3% की ब्याज छूट के साथ ऋण के लिए पात्र हैं।

  • इन पद्धतियों में कृषि/फसल का स्वचालन; ड्रोन की खरीद, खेतों में विशेष सेंसर लगाना; कृषि में ब्लॉकचेन और एआई का उपयोग; रिमोट सेंसिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) शामिल हैं।

नीदरलैंड और इजरायल के सहयोग से ‘उत्कृष्टता केंद्रों’ की स्थापना:

  • केंद्र सरकार नीदरलैंड और इजरायल के साथ सहयोग करने पर भी विचार कर रही है, जहां ‘उत्कृष्टता केंद्रों (CoE)’ के माध्यम से तकनीक आधारित आधुनिक कृषि समाधानों का उपयोग किया जा रहा है।
  • अगले पांच वर्षों में ‘उत्कृष्टता केंद्रों (CoE)’ की संख्या 100 होने की संभावना है।
  • उल्लेखनीय है कि इंडो-इजरायल कृषि परियोजना के तहत, 14 राज्यों में 32 ‘उत्कृष्टता केंद्र’ पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं।
  • केंद्र सरकार ने नई तकनीकों का परीक्षण करने और स्थानीय जरूरतों के अनुसार उन्हें संशोधित करने के लिए देश भर में 22 सटीक खेती विकास केंद्र (PFDC) भी स्थापित किए हैं।

 

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