वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में चालू खाता अधिशेष की संभावना:
मामला क्या है?
- इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) का अनुमान है कि भारत का चालू खाता शेष (CAB) वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में लगभग 6 अरब डॉलर (GDP का 0.6 प्रतिशत) का अधिशेष प्राप्त करेगा।
- उल्लेखनीय है कि यह वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के बाद पहला अधिशेष है, जो पिछली तिमाही के 10.5 अरब डॉलर (GDP का 1.2 प्रतिशत) के घाटे से एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
- इस सकारात्मक तिमाही के बावजूद, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कुल चालू खाता शेष (CAB) GDP के 0.6 प्रतिशत पर घाटे में रहने की उम्मीद है, जो महामारी से प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 को छोड़कर वित्त वर्ष 2016-17 के बाद से सबसे कम है।
वैश्विक आर्थिक माहौल में सुधार के संकेत:
- वैश्विक आर्थिक माहौल, हालांकि अभी भी अनिश्चित है, लेकिन 2024 के लिए सुधार के संकेत दे रहा है। मुद्रास्फीति के दबाव में कमी और अमेरिका तथा कई उभरते बाजारों में मजबूत आर्थिक वृद्धि एक उज्जवल दृष्टिकोण में योगदान करती है।
- वैश्विक विनिर्माण परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) लगातार तीन महीनों से बढ़ रहा है, जो अप्रैल 2024 में 50.3 तक पहुंच गया है, जिसमें यूरोपीय क्षेत्र को छोड़कर अमेरिका और उभरती अर्थव्यवस्थाओं में लगातार वृद्धि हुई है।
वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही को लेकर संभावनाएं:
- इंड-रा ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में वस्तु निर्यात में लगभग 112 अरब डॉलर की तीव्र वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो साल-दर-साल 8 प्रतिशत की वृद्धि है।
- इसी अवधि में वस्तु आयात 169 अरब डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है, जो कि साल-दर-साल 6 प्रतिशत अधिक है, जिसके परिणामस्वरूप 57 अरब डॉलर का वस्तु व्यापार घाटा होगा।
- सेवा निर्यात, हालांकि लचीला बना हुआ और सेवा व्यापार अधिशेष 6.5 प्रतिशत सालाना बढ़कर 38 अरब डॉलर हो गया है।
- नतीजतन, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में चालू खाता शेष (CAB) में मामूली घाटा दर्ज करने की उम्मीद है।
चालू खाता शेष (CAB) क्या होता है?
- चालू खाता शेष (CAB) किसी देश के बाकी दुनिया के साथ लेन-देन का दस्तावेज होता है। यह एक निश्चित समय में वस्तुओं और सेवाओं में शुद्ध व्यापार, शुद्ध हस्तांतरण भुगतान और सीमा पार निवेश पर शुद्ध आय रिकॉर्ड करता है।
- यह दुनिया के साथ किसी देश के समग्र आर्थिक संबंधों का अवलोकन प्रदान करता है और यह इंगित करता है कि क्या यह शेष दुनिया के लिए शुद्ध उधारकर्ता या ऋणदाता है।
- इसमें अधिशेष यह दर्शाता है कि कोई देश आयात की तुलना में अधिक निर्यात करता है, जबकि घाटा इसके विपरीत संकेत देता है।
- इनका इस्तेमाल अक्सर किसी देश की बाहरी वित्तीय स्थिति और उसके अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करने की क्षमता का आकलन करने के लिए किया जाता है। चालू खाते में अधिशेष वित्तीय मजबूती का संकेत दे सकता है, जबकि घाटा किसी देश की विदेशी पूंजी पर निर्भरता के बारे में चिंता पैदा कर सकता है।
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