Current Affairs – 17 September, 2021
अफगानिस्तान पर आयोजित SCO-CSTO आउटरीच शिखर सम्मेलन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान पर एससीओ-सीएसटीओ आउटरीच शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे जैसे पड़ोसी देश अफगानिस्तान में होने वाली घटनाओं से ज्यादातर प्रभावित हुए हैं। इसलिए, इस संदर्भ में क्षेत्रीय फोकस और क्षेत्रीय सहयोग बहुत महत्वपूर्ण हैं। अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रमों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह के घटनाक्रमों से अवैध हथियारों, ड्रग्स और मानव तस्करी की तस्करी में वृद्धि हो सकती है।
सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) रूस के नेतृत्व वाला सुरक्षा ब्लॉक (सीएसटीओ) ताजिकिस्तान में बड़े सैन्य अभ्यास करने की योजना बना रहा है।
ताजिकिस्तान में सैन्य अभ्यास का औचित्य रूस के नेतृत्व वाले छह सदस्यीय गुट में से ताजिकिस्तान एकमात्र ऐसा देश है जिसकी सीमा अफगानिस्तान से लगती है।
अभ्यास की श्रृंखला में सीएसटीओ देशों के बीच इस साल का सबसे बड़ा अभ्यास शामिल होगा।
अफगानिस्तान के साथ अपनी सीमा पर “उत्तेजना” के मामले में ताजिकिस्तान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सामूहिक उपाय के रूप में।
सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन के बारे में
यह एक अंतर सरकारी सैन्य गठबंधन है जिस पर 15 मई 1992 को हस्ताक्षर किए गए थे।
१९९२ में, सोवियत संघ के बाद के छह स्वतंत्र राज्यों-रूस, आर्मेनिया, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रमंडल से संबंधित राज्यों ने सामूहिक सुरक्षा संधि पर हस्ताक्षर किए।
इसे “ताशकंद संधि” या “ताशकंद संधि” के रूप में भी जाना जाता है। सोवियत के बाद के तीन अन्य राज्यों-अज़रबैजान, बेलारूस और जॉर्जिया ने अगले वर्ष हस्ताक्षर किए और संधि 1994 में प्रभावी हुई।
पांच साल बाद, नौ में से छह – अज़रबैजान, जॉर्जिया और उजबेकिस्तान को छोड़कर – पांच और वर्षों के लिए संधि को नवीनीकृत करने के लिए सहमत हुए, और 2002 में उन छह ने सीएसटीओ को एक सैन्य गठबंधन के रूप में बनाने पर सहमति व्यक्त की।
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) :
- परिचय :
- SCO एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।
- यह एक यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन है, जिसका उद्देश्य संबंधित क्षेत्र में शांति, सुरक्षा व स्थिरता बनाए रखना है।
- गठन :
- इसका गठन वर्ष 2001 में किया गया था।
- SCO चार्टर पर वर्ष 2002 में हस्ताक्षर किये गए थे और यह वर्ष 2003 में लागू हुआ।
- अधिकारिक भाषा या राजभाषा :
- रूसी और चीनी SCO की आधिकारिक भाषाएँ हैं।
- सदस्य :
- वर्तमान में विश्व के 8 देश (कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान) SCO के सदस्य हैं।
- SCO के दो स्थायी निकाय हैं :
- SCO सचिवालय, यह चीन की राजधानी बीजिंग में स्थित है।
- क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी संरचना (Regional Anti-Terrorist Structure – RATS), इसकी कार्यकारी समिति का कार्यालय ताशकंद (उज़्बेकिस्तान) में स्थित है।
- SCO की अध्यक्षता, सदस्य राज्यों द्वारा एक वर्ष के लिये चक्रीय (Rotation) प्रक्रिया द्वारा की जाती है।
- ताजिकिस्तान गणराज्य ने 2021-22 के लिये SCO की अध्यक्षता ग्रहण की है।
- SCO का 20वाँ शिखर सम्मेलन वर्ष 2020 में हुआ था।
- हाल ही में भारत के उपराष्ट्रपति ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से साझी बौद्ध विरासत पर पहली SCO ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी की शुरुआत की है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2
पोषक-अनाज हितधारक महासम्मेलन का शुभारंभ
भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद द्वारा खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ), केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, कृषि अनुसंधान व शिक्षा विभाग तथा नीति आयोग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय “पोषक-अनाज हितधारक महासम्मेलन” का शुभारंभ आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। इसका आयोजन अंतर्राष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष 2023 के परिप्रेक्ष्य में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष में किया गया है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री तोमर ने कहा कि देश की जनता ने बरसों बाद श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को ऐसा भारी बहुमत दिया है और यह सिर्फ सरकार चलाने के लिए नहीं, बल्कि देश में बदलाव लाने के लिए बहुमत दिया है। देश बदलता हुआ व आगे बढ़ता हुआ दिखे और देश को दुनिया में सिरमौर बना सकें, यह प्रधानमंत्री जी का लक्ष्य है, जिसकी प्राप्ति के लिए देश के करोड़ों लोगों को कंधे से कंधा और कदम से कदम मिलाकर योगदान देना है। महासम्मेलन से देश भर के लगभग सवा सात सौ कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) में उपस्थित एक लाख किसान व केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों एवं राज्य कृषि विश्वविद्यालयों की टीमें व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सैकड़ों संस्थानों के वैज्ञानिक गण व कृषि छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में वर्चुअल जुड़े थे। इन सभी स्थानों पर प्रधानमंत्रीजी के जन्मदिन के उपलक्ष में 71 हजार से ज्यादा पौधे रोपे गए। हरेक KVK में कन्याओं को पोषक-अनाज से बने व्यंजन व किसानों को बीजों का वितरण किया गया।
श्री तोमर ने आगे कहा कि पीएम श्री मोदी के कुशल नेतृत्व में उनके अथक प्रयत्नों से भारत की साख दुनिया भर में बढ़ी है और दुनिया भारत का लोहा मान रही है। एक समय था जब भारत की अनदेखी होती थी लेकिन आज मोदी जी के कारण हमारे देश की स्थिति इतनी सम्मानजनक है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर एजेंडा तय करना हो तो कोई भी मंच भारत की अनदेखी नहीं कर सकता।
श्री तोमर ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था – 21वीं सदी भारत की होगी, अब मोदीजी के नेतृत्व में भारत के उत्कर्ष का समय नजदीक है। सभी को मिलकर देश को आगे बढ़ाने का पुरजोर प्रयत्न करना चाहिए, “पहले देश- बाद में मैं”, यह सोच हों। हर व्यक्ति को अपनी पूरी योग्यता, क्षमता व सक्षमता के साथ भारत के नवनिर्माण व आत्मनिर्भर भारत बनाने में योगदान देना चाहिए। आत्मनिर्भर भारत, यह केवल नारा नहीं है, बल्कि इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सरकार ठोस योजनाएं बनाकर मिशन मोड में काम कर रही है। इस दृष्टि से विशेष अभियान के अंतर्गत कृषि क्षेत्र की गैप्स भरने के लिए पैकेजों के रूप में डेढ़ लाख करोड़ रूपए से ज्यादा राशि के प्रावधान किए गए हैं। दलहन का उत्पादन प्रधानमंत्री के आव्हान के बाद काफी बढ़ा है। इसके साथ ही तिलहन व आयल पाम के लिए भी मिशन शुरू किया गया है। पूर्वोत्तर सहित तेलंगाना में भी इसकी काफी संभावनाएं है, यहां के किसानों से बात कर, कठिनाइयां समझते हुए प्रधानमंत्री जी मंत्रिपरिषद में निर्णय कर मिशन लाए है। तेलंगाना की धरती इस दृष्टि से उर्वरा है, मिशन से यहां किसानों को फायदा होगा।
श्री तोमर ने कहा कि नई पीढ़ी खेती की ओर प्रवृत्त हो, खेतों में सुविधाएं बढ़े, किसानों को अपनी कृषि उपज बेचने के लिए देश भर में खुला बाजार मिलें, कांट्रेक्ट फार्मिंग के माध्यम से वे महंगी फसलों की ओर आकर्षित हो और टेक्नालाजी से भी जुड़ सकें, ऐसे पावन उद्देश्यों के साथ नए कृषि सुधार कानून लाए गए हैं। देश में 10 हजार नए एफपीओ बनाने पर केंद्र सरकार 6,850 करोड़ रूपए खर्च करने वाली है, जिससे 86 प्रतिशत छोटे-मंझौले किसानों के जीवन में बदलाव आएगा। किसानों को वाजिब दाम मिले, उनकी उत्तरोतर प्रगति हो, इसके लिए सरकार प्रतिबद्धता से काम कर रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति पोषक-अनाज का महत्व समझे और उसे अपनी थाली का हिस्सा बनाएं। संयुक्त राष्ट्र के समक्ष भारत ने कुपोषण की बात रखी, सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया व प्रस्ताव रखा, जिस पर 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष मनाने का निश्चय किया गया। इस महासम्मेलन के साथ इसकी तैयारियां शुरू हो गई है।
श्री तोमर ने “अनुसंधान सुविधाओं”, “पोषक-अनाज बीज विज्ञान केंद्र”, पोषण केंद्र (न्यूट्री-हब) की “पोषक-अनाज नवोद्यम प्रदर्शनी”, “नवोद्यम/स्टार्टअप सुविधाएं : कदन्न खाद्य प्रसंस्करण एककों” एवं “पोहाकरण श्रंखला” तथा इफको की “पोषण वाटिका” का उद्घाटन व पौधारोपण किया। उन्होंने संस्थान की खाद्य प्रसंस्करण सुविधाओं, व्यवसाय उष्मायन केंद्र व पोषण केंद्र का निरीक्षण एवं प्रक्षेत्र भ्रमण किया। श्री तोमर ने ‘पोषक-अनाज- स्वादिष्ट व्यंजन, स्वाद भी, स्वास्थ्य भी’, ‘100 कदन्न (पोषक-अनाज) नवोद्यमियों की सफल गाथाओं का संकलन’ तथा ‘पोषक-अनाज : किसान उत्पादक संगठनों के जरिये पोषण मूल्य एवं किसानों की आय बढ़ाने हेतु मूल्य श्रंखला का सुदृढ़ीकरण’ नामक तीन प्रकाशनों का विमोचन’ तथा ‘नवोद्यमियों के 8 विविध कदन्न उत्पादों का लोकार्पण’ किया।
कार्यक्रम में उत्तम-उभरते एफपीओ के लिए हलचलित महिला किसान वुमेन प्रोड्यूसर कंपनी लि. मध्य प्रदेश, उत्तम मिलेट नवोद्यमियों हेतु इन्नरबिइंग वेलनेस प्राइवेट लि. एवं फाउंडेशन हेल्थ फूड्स प्रा.लि., तेलंगाना, उत्तम प्रदर्शन करने वाले राज्य हेतु ओडिशा मिलेट मिशन तथा कदन्नों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए उत्तम एकीकृत मूल्य श्रंखला हेतु श्रेस्टा नेचुरल बायोप्रोडक्ट्स प्रा.लि., तेलंगाना को पोषक-अनाज पुरस्कार प्रदान किए गए। श्री तोमर की उपस्थिति में भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान ने एपीडा, एनआरएलएम, टीसीपीएल, हेरिटेज फूड्स के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2
भारत-नेपाल संयुक्त अभ्यास सूर्य किरण
भारत-नेपाल संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास सूर्य किरण का 15वां संस्करण 20 सितंबर 2021 से पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) में शुरू हो रहा है। इस अभ्यास के दौरान, भारतीय सेना की एक इन्फैंट्री बटालियन और नेपाली सेना के समकक्ष सैन्य बल अपने-अपने देशों में लंबे समय तक विभिन्न आतंकवाद विरोधी अभियानों के संचालन के दौरान प्राप्त अपने अनुभवों को साझा करेंगे।
अभ्यास के अंतर्गत दोनों देशों की सेना एक-दूसरे के हथियारों, उपकरणों, रणनीति, तकनीकों और पहाड़ी इलाकों में आतंकवाद रोधी वातावरण में संचालन की प्रक्रियाओं से परिचित होंगी। इसके अलावा मानवीय सहायता और आपदा राहत, ऊंचाई वाले युद्ध, वनों में युद्ध आदि जैसे विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञ अकादमिक चर्चाओं की एक श्रृंखला होगी। संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण दोनों देशों की सेना के पहाड़ी इलाकों में उग्रवाद का मुकाबला करने में प्रदर्शन का परीक्षण करने के लिए 48 घंटे के कठिन अभ्यास के साथ समाप्त होगा। यह अभ्यास दोनों देशों के बीच अंतर-संचालनीयता और विशेषज्ञता साझा करने के लिए एक पहल का हिस्सा है।
यह संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा और दोनों देशों के बीच पारंपरिक दोस्ती को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। अभ्यास सूर्य किरण का अंतिम संस्करण 2019 में नेपाल में आयोजित किया गया था।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2
भारत का पहला पायलट प्लांट स्वच्छ प्रौद्योगिकी
भारत ने अधिक राख वाले भारतीय कोयले को मेथनॉल में बदलने के लिए एक स्वदेशी तकनीक विकसित की है और इसके लिए हैदराबाद में अपना पहला पायलट प्लांट स्थापित किया है। यह तकनीक देश को स्वच्छ प्रौद्योगिकी को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगी और परिवहन ईंधन (पेट्रोल के साथ सम्मिश्रण) के रूप में मेथनॉल के उपयोग को बढ़ावा देगीI इस प्रकार यह कच्चे तेल के आयात को कम करेगी।
कोयले को मेथनॉल में परिवर्तित करने की व्यापक प्रक्रिया में कोयले का संश्लेषण (सिनगैस) गैस, सिनगैस की सफाई और उसका अनुकूलन (कंडीशनिंग), सिनगैस से मेथनॉल में रूपांतरण और मेथनॉल का शुद्धिकरण शामिल हैं। अधिकतर देशों में कोयले से मेथनॉल बनाने वाले संयंत्र कम राख वाले कोयले से संचालित होते हैं। अधिक राख की मात्रा को पिघलाने के लिए आवश्यक अधिक राख और ऊष्मा का प्रबन्धन करना भारतीय कोयले के मामले में एक ऐसी चुनौती है जिसमें आमतौर पर राख की मात्रा बहुत अधिक होती है।
इस चुनौती को दूर करने के उद्देश्य से भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने सिनगैस का उत्पादन करने और फिर 99% शुद्धता के साथ सिनगैस को मेथनॉल में परिवर्तित करने के लिए अधिक राख वाले भारतीय कोयले के लिए उपयुक्त द्रवीकृत शायिका गैसीकरण तकनीक (फ़्ल्यूइडाइज्ड बेड गैसीफिकेशन टेक्निक) विकसित की है। बीएचईएल ने सिनगैस को मेथनॉल में परिवर्तित करने के लिए उपयुक्त डाउनस्ट्रीम प्रक्रिया के साथ हैदराबाद में सिनगैस पायलट प्लांट में अपने पास उपलब्ध मौजूदा कोयले को समाहित किया है। प्रति दिन 0.25 मीट्रिक टन मेथनॉल उत्पादन क्षमता वाली यह पायलट-स्तरीय परियोजना नीति आयोग द्वारा शुरू की गई है तथा स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान पहल के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा वित्त पोषित है।
वर्तमान में यह पायलट प्लांट 99% से अधिक शुद्धता के साथ मेथनॉल का उत्पादन कर रहा है। इसे बढ़ाने से देश के ऊर्जा भंडार के इष्टतम उपयोग में मदद मिलेगी और आत्मनिर्भरता की दिशा में और तेजी आएगी।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
लॉकडाउन में अपराध में कमी आई : NCRB डाटा
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने “Crime in India” शीर्षक से अपनी रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन (2020) के वर्ष में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ पारंपरिक अपराध कम हुए लेकिन नागरिक संघर्ष अधिक देखे गए।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
- सांप्रदायिक दंगे : इसने 2019 की तुलना में 2020 में 96% की वृद्धि दर्ज की गयी।
- जातिय दंगे : इसमें लगभग 50% की वृद्धि देखी गई
- कृषि दंगे : 38% की वृद्धि
- आन्दोलन या मोर्चे के दौरान दंगे : 33% की वृद्धि।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में मार्च और मई के बीच पूर्ण लॉकडाउन के कारण महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराधों के मामलों; चोरी, डकैती; चोरी व डकैती की संख्या में 2 लाख की कमी आई।
- हत्या के मामलों में 1% की मामूली वृद्धि दर्ज की गई, जबकि “हिंसक अपराधों” की श्रेणी में मामलों में 5% की कमी आई।
- ‘राज्य के खिलाफ अपराध’ से जुड़े मामलों में भी 27% की कमी आई है।
सांप्रदायिक हिंसा
- आंकड़ों के अनुसार, 2020 में 2019 में 438 की तुलना में पूरे भारत में सांप्रदायिक दंगों के 857 मामले देखे गए। इनमें से ज्यादातर मामले फरवरी 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के हैं। दिल्ली सांप्रदायिक दंगों के 520 मामले दर्ज किए गए।
- 117 मामलों के साथ बिहार दूसरे स्थान पर है।
- हरियाणा और झारखंड में 51 मामले सामने आए।
- इसके बाद महाराष्ट्र (26) और गुजरात (23) का स्थान है।
- उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा का एक भी मामला सामने नहीं आया।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो
- NCRB की स्थापना केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत वर्ष 1986 में इस उद्देश्य से की गई थी कि भारतीय पुलिस में कानून व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये पुलिस तंत्र को सूचना प्रौद्योगिकी समाधान और आपराधिक गुप्त सूचनाएँ प्रदान करके समर्थ बनाया जा सके।
- NCRB नीति संबंधी मामलों और अनुसंधान हेतु अपराध, दुर्घटना, आत्महत्या और जेल संबंधी डेटा के प्रामाणिक स्रोत के लिये नोडल एजेंसी है।
- NCRB ‘भारत में अपराध’, ‘दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और आत्महत्या’, ‘जेल सांख्यिकी’ तथा फ़िंगर प्रिंट पर 4 वार्षिक प्रकाशन जारी करता है।
- बाल यौन शोषण से संबंधित मामलों की अंडर-रिपोर्टिंग के चलते वर्ष 2017 से NCRB ने बाल यौन शोषण के आँकड़ों को भी एकत्रित करना प्रारंभ किया है।
- NCRBको वर्ष 2016 में इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा ‘डिजिटल इंडिया अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया था।
- भारत में पुलिस बलों का कंप्यूटरीकरण वर्ष 1971 में प्रारंभ हुआ। NCRB ने CCIS (Crime and Criminals Information System) को वर्ष 1995 में, CIPA (Common Integrated Police Application) को वर्ष 2004 में और अंतिम रूप में CCTNS को वर्ष 2009 में प्रारंभ किया।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.2
AUKUS : हिन्द-प्रशांत के लिए नई सुरक्षा साझेदारी
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक नई त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी की घोषणा की है। सुरक्षा साझेदारी ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका के बीच की गई थी।
मुख्य बिंदु
- AUKUS नामक यह सुरक्षा समूह, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
साझेदारी की विशेषताएं
- इस साझेदारी की केंद्रीय विशेषता में परमाणु संचालित पनडुब्बियों को प्राप्त करने में ऑस्ट्रेलिया की मदद करने के लिए 18 महीने का एक त्रिपक्षीय प्रयास शामिल है।
- ऐसी पनडुब्बियों को लंबी अवधि के लिए तैनात किया जा सकता है।
- AUKUS में तीन देशों के बीच बैठक और जुड़ाव की एक नई वास्तुकला भी शामिल होगी।
- इसमें AI, क्वांटम प्रौद्योगिकियों के साथ-साथ पानी के नीचे की क्षमताओं जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग भी शामिल है।
साझेदारी की आवश्यकता
- ऑस्ट्रेलिया ने इस क्षेत्र के अन्य देशों की तरह मुखर चीन के बढ़ते दबाव को महसूस किया है। इसलिए, ऑस्ट्रेलिया ने भारत, अमेरिका, यूके और जापान के साथ-साथ अन्य बहुपक्षीय मंचों के माध्यम से अपनी साझेदारी को मजबूत करने की मांग की है।
SOURCE-DANIK JAGARAN
PAPER-G.S.2
RMI इंडिया ने लांच किया ‘शून्य’ अभियान
नीति आयोग ने RMI और RMI इंडिया के साथ मिलकर 15 सितंबर, 2021 को शून्य अभियान शुरू किया।
मुख्य बिंदु
- ‘शून्य’ अभियान प्रदूषण मुक्त डिलीवरी वाहनों को बढ़ावा देने के लिए उपभोक्ताओं और उद्योग के साथ काम करने की एक पहल है।
- यह अभियान शहरी वितरण खंड में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को अपनाने में तेजी लाने और प्रदूषण मुक्त वितरण के लाभों के बारे में उपभोक्ता जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
- ई-कॉमर्स कंपनियों, मूल उपकरण निर्माताओं (OEM), फ्लीट एग्रीगेटर्स और लॉजिस्टिक्स कंपनियों जैसे उद्योग के हितधारक अंतिम मील डिलीवरी को विद्युतीकृत करने के अपने प्रयासों का विस्तार कर रहे हैं।
- प्रारंभिक चरण में टाटा मोटर्स, महिंद्रा इलेक्ट्रिक, अशोक लीलैंड, जोमैटो, सन मोबिलिटी, लाइटनिंग लॉजिस्टिक्स, बिग बास्केट, स्विगी और हीरो इलेक्ट्रिक जैसी लगभग 30 कंपनियों ने एक किक-ऑफ बैठक में भाग लिया, जिसकी अध्यक्षता नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने की।
ब्रांडिंग और प्रमाणन कार्यक्रम
इस अभियान के तहत, अंतिम माइलेज डिलीवरी के लिए EV की ओर बढ़ने के उद्योग के प्रयासों को पहचानने और सुविधाजनक बनाने के लिए एक कॉर्पोरेट ब्रांडिंग और प्रमाणन कार्यक्रम शुरू किया गया है। ऑनलाइन ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म विद्युतीकृत वाहनों के किलोमीटर, मानक प्रदूषक बचत, कार्बन बचत और स्वच्छ वितरण वाहनों से अन्य लाभ से सम्बंधित डेटा प्रदान करके इस अभियान के प्रभाव को साझा करता है।
अभियान का मुख्य उद्देश्य
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य शहरी माल ढुलाई क्षेत्र से प्रदूषण को खत्म करना है। इस उद्देश्य के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों, वाहन निर्माताओं और लॉजिस्टिक्स फ्लीट ऑपरेटरों को अवसर को पहचानने के लिए कहा गया है।
भारत में शहरी मालवाहक वाहन
भारत के माल ढुलाई से संबंधित CO2 उत्सर्जन में शहरी मालवाहक वाहनों की हिस्सेदारी 10% है। ये उत्सर्जन 2030 तक 114% बढ़ने की उम्मीद है। चूंकि EV ऐसे उत्सर्जन का उत्सर्जन नहीं करते हैं, वे वायु गुणवत्ता में सुधार करने में योगदान कर सकते हैं।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3