CURRENTS AFFAIRS – 24th APRIL
महावीर जयंती
उपराष्ट्रपति श्री वैंकेया नायडू ने आज देशवासियों को महावीर जंयती की शुभकामनाएं दी हैं।
महावी जयंती जैन धर्म का प्रमुख त्योहार है। भगवान महावीर के जन्म का उत्सव मनाने के लिए महावीर जयंती मनाई जाती है। भगवान महावीर जैन धर्म के अंतिम आध्यात्मिक लीडर थे। इस साल 25 अप्रैल, रविवार यानी कल महावीर जयंती मनाई जाएगी। इस पर्व को जैन समुदाय के लोग बड़े ही धूम- धाम से मनाते हैं।
कैसे मनाई जाती है महावीर जयंती
महावीर जयंती का पावन पर्व बड़े ही हर्षो- उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान महावीर की मूर्ति के साथ जूलूस निकाला जाता है और धार्मिक गीत गाए जाते हैं। हालांकि इस बार कोरोना वायरस की वजह से महावीर जयंती का पर्व इस तरह नहीं मनाया जाएगा।
भगवान महावीर
भगवान महावीर का जन्म 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में बिहार में हुआ था। भगवान महावीर का जन्म जन्म रानी त्रिशला और राजा सिद्धार्थ से हुआ था। 30 वर्ष की आयु में उन्होंने सबकुछ छोड़कर आध्यात्मिक मार्ग अपना लिया।
भगवान महावीर के संस्कार-
अहिंसा
सत्य
ईमानदारी
ब्रह्मचर्य (शुद्धता)
गैर-भौतिक चीजों से दू
SOURCE-PIB
ई–प्रॉपर्टी कार्ड के वितरण
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से देश के 409945 ग्रामीण परिवारों को स्वामित्व योजना के अंतर्गत ई-प्रापर्टी कार्ड देकर उन्हें उनके मकान का मालिकाना हक प्रदान किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना को पूरे देश में लागू किए जाने का शुभारंभ भी किया। प्रधानमंत्री जी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार विजेता पंचायतों के बैंक खाते में बटन दबाकर सीधे पुरस्कार की धनराशि भी अंतरित की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोविड-19 की इस प्रतिकूलता में कोई भी परिवार भूखा ना सोए, गरीब से गरीब का भी चूल्हा जले, ये भी हमारी जिम्मेदारी है। भारत सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त राशन देने की योजना को फिर से आगे बढ़ाया है। मई और जून के महीने में देश के हर गरीब को मुफ्त राशन मिलेगा। इसका लाभ 80 करोड़ से ज्यादा देशवासियों को होगा। इस पर केंद्र सरकार 26 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च करेगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामित्व योजना में अब तक हुए कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्वामित्व योजना गाँव और गरीब के आत्मविश्वास को, आपसी विश्वास को और विकास को नई गति देने वाली है। आज गांव और गरीब को उसके घर का कानूनी दस्तावेज देने वाली यह अहम योजना पूरे देश में लागू की गई है।
प्रधानमंत्री जी ने अब तक गांवों में कारोना के प्रसार को रोकने में पंचायतों की भूमिका की प्रशंसा भी की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि एक साल पहले जब हम पंचायती राज दिवस पर मिले थे, तब पूरा देश कोरोना से मुकाबला कर रहा था। तब मैंने आपसे आग्रह किया था कि आप कोरोना को गांव में पहुंचने से रोकने में अपनी भूमिका निभाएं। आप सभी ने बड़ी कुशलता से, ना सिर्फ कोरोना को गांवों में पहुंचने से रोका, बल्कि गांव में जागरूकता पहुंचाने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई। इस वर्ष भी हमारे सामने जो चुनौती है, वो चुनौती पहले से जरा ज्यादा है कि गांवों तक इस संक्रमण को किसी भी हालत में पहुंचने नहीं देना है, उसे रोकना ही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार हमारे साथ वैक्सीन की ताकत भी है और मुझे विश्वास है कि गांव कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सबसे पहले विजयी होंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि पंचायतों की भूमिका को बढ़ाया जा रहा है, पंचायतों को नए अधिकार दिये जा रहे हैं। पंचायतों को डिजिटल बनाने के लिए हर गाँव को फाइबर नेट से जोड़ने का काम भी तेजी से चल रहा है। आज हर घर को शुद्ध जल देने के लिए चल रही जल जीवन मिशन जैसी बड़ी योजना की जिम्मेदारी पंचायतों को ही सौंपी गई है। आज गांव में रोजगार से लेकर गरीब को पक्का घर देने तक का जो व्यापक अभियान केंद्र सरकार चला रही है, वो ग्राम पंचायतों के माध्यम से ही आगे बढ़ रहा है।
श्री तोमर ने बताया कि तेरहवें वित्त आयोग के दौरान पांच साल की अवधि में देश की पंचायतों को 65 हजार करोड़ रूपए विकास के लिए मिलते थे, लेकिन श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद चौदहवें वित्त आयोग ने 2 लाख 292 करोड़ रूपए सीधे पंचायतों को देने की अनुशंसा की थी। प्रधानमंत्री जी ने कई लोगों की आपत्ति के बावजूद इस बात पर बल देते हुए कि पंचायते आगे बढ़ेगी तो देश आगे बढ़ेगा पूरी धनराशि पंचायतों तक पहुंचाई। पंद्रहवे वित्त आयोग के तहत स्वास्थ्य क्षेत्र में सुविधा विस्तार की राशि मिलाकर देश की ग्राम पंचायतों को 2 लाख 80 हजार करोड़ रूपए पहुंचाए जाएंगे। इस धनराशि से देश के गावों की तस्वीर बदलना सुनिश्चित है।
केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री तोमर ने कहा कि आनलाइन ऑडिट, प्रियासॉफ्ट जैसे अनुप्रयोगों के माध्यम से पंचायतों के कामकाज में पूर्ण पारदर्शिता आई है। देश की 1 लाख 52 हजार पंचायतों में 41 हजार करोड़ का लेनदन डिजीटल माध्यम से किया गया है। श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में न केवल पंचायतों को वित्तीय संसाधन बढ़े हैं अपितु उस राशि के बेहतर उपयोग के लिए ग्राम पंचायत विकास योजना के निर्माण से गांवों का सुनियोजित विकास भी हो रहा है। देश में 2 लाख 44 हजार पंचायतें अपनी विकास योजना बनाकर कार्य कर रही है।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने बताया कि इस वर्ष 313 पंचायतों को राष्ट्रीय पंचायती राज पुरस्कार के लिए सम्मानित किया जा रहा है, जो कि 74 हजार से ज्यादा पंचायतों के बीच हुई प्रतिस्पर्धा में से चुनकर आई है।
पंचायती राज मंत्री ने बताया कि विगत वर्ष पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री जी के करकमलों से स्वामित्व योजना के पायलट चरण का शुभांरभ हुआ था। 11 अक्टूबर 2020 को प्रधानमंत्री जी ने 3 लाख ग्रामीण परिवारों को उनकी संपत्ति के अधिकार अभिलेख प्रदान किए थे। तब से लेकर अब तक स्वामित्व के कार्य में काफी प्रगति हुई और आज प्रधानमंत्री जी के हाथों 7 राज्यों के 5 हजार से अधिक गांवों के 409945 हजार ग्रामीणों को स्वामित्व योजना के तहत अधिकार अभिलेख प्रदान किए जा रहे है। इस तरह अब तक देश में 7 लाख से ज्यादा ग्रामीणों को उनके मकान का मालिकाना हक प्राप्त हो चुका है। केंद्रीय मंत्री ने स्वामित्व योजना में राज्यों की भूमिका की भी सराहना की।
इस अवसर पर राजस्थान, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, अरूणाचल प्रदेश, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री एवं कई राज्यों के पंचायती राज मंत्री उपस्थित थे।
SOURCE-PIB
ऑक्सीजन एक्सप्रेस
रेलवे ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस के परिचालन को एक चुनौती के रूप में लिया और कलंबोली से विशाखापट्टणम तक और वापस नासिक तक पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस सफलतापूर्वक चलाई। जिस पल रेलवे को, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंकरों के आवागमन के लिए जैसे ही निवेदन मिला , तुरंत काम सुरू हुआ। मुंबई टीम द्वारा किए गए काम की सराहना की जानी चाहिए क्योंकि कलंबोली में केवल 24 घंटे में रैंप बनाया गया है।
रो-रो सेवा के आवागमन के लिए रेलवे को कुछ स्थानों पर घाट सेक्शन, रोड ओवर ब्रिज, टनल, कर्व्स, प्लेटफॉर्म कैनोपीज़, ओवर हेड इक्विपमेंट आदि विभिन्न बाधाओं पर विचार करते हुए पूरे मार्ग का एक खाका तैयार करना था। क्योंकि इस मूवमेन्ट में ऊंचाई एक महत्वपूर्ण पहलू है, रेलवे ने वसई के रास्ते मार्ग का खाका तैयार किया। 3320 मिमी की ऊंचाई वाले सड़क टैंकर T1618 के मॉडल को फ्लैट वैगनों पर रखा जाना संभव पाया गया।
चूंकि ऑक्सीजन क्रायोजेनिक और खतरनाक रसायन है, इसलिए रेलवे को अचानक एक त्वरण, मंदी से बचना पड़ता है, बीच-बीच में प्रेशर की जांच करनी पड़ती है, खासकर जब यह भरी हुई स्थिति में हो। फिर भी, रेलवे ने इसे चुनौती के रुप में लिया, मार्ग का खाका तैयार किया, लोगों को प्रशिक्षित किया और इन विशेष आकार के टैंकरों को वसई, सूरत, भुसावल, नागपुर मार्ग के माध्यम से विशाखपट्टणम तक ले जाया गया।
कलंबोली और विविशाखपट्टणम के बीच की दूरी 1850 किमी से अधिक है, जो इन टैंकरों द्वारा केवल 50 घंटों में पूरी की गई थी। 100 से अधिक टन एलएमओ (लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन) वाले 7 टैंकरों को 10 घंटे में लोड किया गया और केवल 21.00 घंटे में वापस नागपुर ले जाया गया। रेलवे ने कल नागपुर में 3 टैंकरों को उतार दिया है और शेष 4 टैंकर आज सुबह 10.25 बजे नासिक पहुंच गए हैं, यानि नागपुर से नासिक का अंतर केवल 12 घंटे में पूरा किया।
ट्रेनों के माध्यम से ऑक्सीजन का परिवहन, सड़क परिवहन की तुलना में लंबा है परंतु फ़ास्ट है। रेलवे द्वारा परिवहन में दो दिन लगते है जबकि सडक मार्ग द्वारा 3 दिन लगते है।
ट्रेन दिन में 24 घंटे चलती है, ट्रक ड्राइवरों को रोड पर हाल्ट आदि लेने की आवश्यकता होती है। इन टैंकरों की तेज गति के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है और आवाजाही की निगरानी शीर्ष स्तर पर की गयी है क्योंकि हम जानते हैं कि यह हमारे लिए एक कठिन समय है। हमारे लिए राष्ट्र सबसे पहले है।
रेलवे ने आवश्यक वस्तुओं का परिवहन किया और पिछले साल लॉकडाउन के दौरान भी आपूर्ति श्रृंखला को बरकरार रखा और आपात स्थिति में राष्ट्र की सेवा जारी रखी है।
SOURCE-PIB
अप्रैल–फरवरी 20-21 के दौरान प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात 27% बढ़ा
अप्रैल-फरवरी 2020-21 के दौरान प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात 26.51% बढ़ा है। इस दौरान उनका निर्यात 43,798 करोड़ रुपये का रहा।
प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात
2020-21 के दौरान निर्यात किए गए प्रमुख खाद्य उत्पादों में सब्जियां, दालें, प्रसंस्कृत फल और जूस, मूंगफली, तेल भोजन, मादक पेय शामिल थे।
2020-21 में प्रसंस्कृत सब्जियों और मादक पेय का निर्यात 40% तक बढ़ गया।
APEDA के अनुसार, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात 2021-22 में जारी रहेगा। यह क्योंकि प्रसंस्कृत फल और सब्जियों, दालों की मांग मध्य पूर्व, अमेरिका, ब्रिटेन जैसे बाजारों में बढ़ रही है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में भारत सरकार के कदम
मार्च 2021 में, भारत सरकार ने उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी।इसके माध्यम से, भारत सरकार का लक्ष्य खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को 10,900 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन प्रदान करना है। इस योजना के तहत प्रोत्साहन का भुगतान छह साल के लिए किया जायेगा।
देश में खाद्य प्रसंस्करण केंद्रों को विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री सम्पदा योजना (Pradhan Mantri SAMPADA Yojana) लागू की जा रही है। SAMPADA का अर्थ Scheme for Agro-Marine Processing and Development of Agro-Processing Clusters है। यह योजना मेगा फूड पार्क बनाएगी।
2020 में, भारत सरकार ने 134 खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाओं को मंजूरी दी। इसमें 21 कृषि-प्रसंस्करण क्लस्टर, 43 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, 47 कोल्ड चेन, 3 ऑपरेशन ग्रीन्स और बारह खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं शामिल हैं।
भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में एफडीआई प्रवाह 2018-19 में 628.24 मिलियन अमरीकी डालर से बढ़कर 2019-20 में 904.7 मिलियन अमरीकी डालर हो गया।
भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश
न्यायमूर्ति एन.वी. रमण ने भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली है। जस्टिस रमण का कार्यकाल 26 अगस्त, 2022 तक होगा। 17 फरवरी, 2014 को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति से पहले, जस्टिस रमण दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे।
न्यायमूर्ति एन.वी. रमण (Justice N.V. Ramana – Nuthalapati Venkata Ramana)
न्यायमूर्ति एन.वी. रमण (नूतलपति वेंकटरमण) वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्न्याय यधीश हैं। वे 8 साल से सर्वोच्च न्यायालय में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने 24 अप्रैल, 2021 को भारत के मुख्य न्यायधीश का पद संभाला।
एन.वी. रमण का जन्म आंध्र प्रदेश में 27 अगस्त, 1957 को हुआ था। छात्र के रूप में उन्होंने 1975 में आपातकाल के दौरान नागरिक स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। उन्होंने अधिवक्ता के रूप में 10 फरवरी, 1983 को एनरोल किया था। वे 27 जून, 2000 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के स्थाई न्यायधीश बने थे। 2 सितम्बर, 2013 को उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायधीश नियुक्त किया गया था। 17 फरवरी, 2014 को वे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश बने थे।
SOURCE-GK TODAY
गुजरात की GIFT City में कार्य करेंगी गैर–बैंकिंग वित्तीय कंपनियां
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (International Financial Service Centre) ने हाल ही में गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (NBFCs) को गुजरात की गिफ्ट सिटी (GIFT City) में काम करने की अनुमति दी थी। NBFCs को अब ऋण, निवेश बैंकिंग, डेरीवेटिव ट्रेड और तीसरे पक्ष के उत्पाद की बिक्री जैसी संपूर्ण सेवाओं की पेशकश करने की अनुमति दी जाएगी।
महत्व
यह कदम दुनिया भर की शीर्ष वित्तीय सेवाओं को आकर्षित करेगा। साथ ही, यह उन सेवाओं को स्थानीय बनाने में मदद करेगा जो आमतौर पर विदेशों में दी जाती हैं।
गिफ्ट सिटी (GIFT City)
GIFT City भारत का पहला अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) है। यह विशेष आर्थिक अधिनियम, 2005 के तहत स्थापित किया गया था। GIFT City अपतटीय बैंकिंग, व्यक्तियों के लिए धन जुटाने की सेवाएं, अपतटीय संपत्ति प्रबंधन आदि जैसी सेवाएं प्रदान करती है।
GIFT City के विचार की कल्पना वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर समिट, 2007 में की गई थी। गिफ्ट सिटी में गुजरात मैरीटाइम क्लस्टर स्थापित किया जाना है। एक समुद्री क्लस्टर संस्थानों, समुद्री क्षेत्र में व्यवसायों का एक संग्रह है।
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (International Financial Service Centre)
IFSC विदेशी मुद्राओं में कारोबार करता है। ये केंद्र सीमाओं के पार वित्तीय उत्पादों और सेवाओं से संबंधित हैं। IFSC में बीमा क्षेत्रों और पूंजी बाजारों को SEBI, RBI और IRDAI जैसे कई नियामकों द्वारा विनियमित किया गया था। इस प्रकार, भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण अधिनियम पारित किया, जिसमें उन सभी को IFSC प्राधिकरण कहा गया। यह अधिनियम दिसंबर 2019 में पारित किया गया था।
विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम, 2005
विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम, 2005 विशेष आर्थिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करता है।
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस
हर साल, भारत सरकार 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाती है। इस दिन को राष्ट्रीय स्थानीय स्वशासन दिवस (National Local Self Government Day) भी कहा जाता है।
मुख्य बिंदु
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पहली बार 2010 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह द्वारा घोषित किया गया था। इस दिन को हर साल पंचायती राज मंत्रालय द्वारा चिह्नित किया जाता है।
पृष्ठभूमि
73वें संशोधन अधिनियम (73rd Amendment Act) ने भारत के इतिहास में एक निर्णायक क्षण का नेतृत्व किया था जिसने राजनीतिक शक्ति को जमीनी स्तर तक विकेंद्रीकरण करने में मदद की। इसने गाँव, मध्यवर्ती और जिला स्तर की पंचायतों के माध्यम से पंचायती राज को संस्थागत रूप दिया।
73वां संशोधन 1992 (73rd Amendment 1992)
73वें संशोधन 1992 ने संविधान में एक नया भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243 (O) तक के प्रावधान शामिल हैं; और पंचायतों के कार्यों के भीतर 29 विषयों को शामिल करते हुए एक नई ग्यारहवीं अनुसूची भी शामिल है।
24 अप्रैल ही क्यों?
73वां संवैधानिक संशोधन 24 अप्रैल को लागू हुआ था। इस संशोधन ने पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा दिया।
SOURCE-PIB