Current Affairs – 24 October, 2021
आर.के. लक्ष्मण
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कार्टूनिस्ट आर.के. लक्ष्मण को उनकी 100वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी है। श्री मोदी ने अपने उस भाषण को साझा किया, जो उन्होंने वर्ष 2018 में “टाइमलेस लक्ष्मण” पुस्तक का विमोचन करने के दौरान दिया था।
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा;
“बहुमुखी प्रतिभा के धनी आर.के. लक्ष्मण को उनकी 100वीं जयंती पर याद कर रहा हूँ। अपने कार्टूनों के माध्यम से, उन्होंने तत्कालीन सामाजिक-राजनीतिक वास्तविकताओं को खूबसूरती से व्यक्त किया था। वर्ष 2018 का एक भाषण साझा कर रहा हूँ, जो मैंने ‘टाइमलेस लक्ष्मण’ पुस्तक का विमोचन करने के दौरान दिया था।
रासीपुरम कृष्णस्वामी लक्ष्मण (संक्षेप में आर॰के॰ लक्ष्मण; २४ अक्टूबर १९२१ – २६ जनवरी २०१५) भारत के प्रमुख हास्यरस लेखक और व्यंग-चित्रकार थे। उन्हें द कॉमन मैन नामक उनकी रचना और द टाइम्स ऑफ़ इंडिया के लिए उनके प्रतिदिन लिखी जानी वाली कार्टून शृंखला “यू सैड इट” के लिए जाना जाता है जो वर्ष १९५१ में आरम्भ हुई थी।
लक्ष्मण ने अपना कार्य स्थानीय समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में अंशकालिक कार्टूनकार के रूप में अपना कैरियर आरम्भ किया था। जबकि कॉलेज छात्र के रूप में उन्होंने अपने बड़े भाई आर॰के॰ नारायण की कहानियों को द हिन्दू में चित्रित किया। उनका पहला पूर्णकालिक कार्य मुम्बई में द फ्री प्रेस जर्नल में राजनीतिक कार्टूनकार के रूप में आरम्भ किया था। उसके बाद उन्होंने द टाइम्स ऑफ़ इंडिया में कार्य करना आरम्भ कर दिया और कॉमन मैन के चरित्र ने उन्हें प्रसिद्धि दी।
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PAPER-G.S.1 PRE
आईटीबीपी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आईटीबीपी के सभी कर्मियों को उनके स्थापना दिवस की बधाई दी है।
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा;
“अरुणाचल प्रदेश के घने जंगलों से लेकर हिमालय की बर्फीली ऊंचाइयों तक, हमारे @ITBP_official हिमवीरों ने देश के आह्वान को अत्यंत समर्पण के साथ निभाया है। आपदाओं के दौरान उनके द्वारा किये गए मानवीय कार्य उल्लेखनीय हैं। आईटीबीपी के सभी कर्मियों को उनके स्थापना दिवस पर बधाई।
भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) बल की स्थापना 24 अक्टूबर, 1962 को हुई थी। वर्तमान में आईटीबीपी प्राथमिकत: लद्दाख में काराकोरम दर्रे से अरुणाचल प्रदेश में जाचेप ला तक 3,488 किमी. लंबी भारत-चीन सीमा की सुरक्षा के लिए तैनात है। इसके अलावा बल कई आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों एवं छत्तीसगढ में वामपंथी उग्रवाद के विरूद्ध अभियानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
बल की अधिकांश सीमा चौकियां 9,000 फीट से 18,800 फीट तक की ऊंचाइयों पर स्थित हैं जहां तापमान शून्य से 45 डिग्री सेल्शियस तक नीचे चला जाता है।
आईटीबीपी राष्ट्र का एक विशेष सशस्त्र पुलिस बल है जो अपने जवानों को गहन सामरिक प्रशिक्षण के अलावा पर्वतारोहण और स्कीइंग समेत अन्य कई विधाओं में प्रशिक्षित करता है जिससे बल की एक विशिष्ट छवि है।
आईटीबीपी हिमालय क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं के लिए ‘फर्स्ट रेस्पोंडर’ के रूप में राहत व बचाव अभियानों का संचालन भी करती है।
बल का पिछले 6 दशकों का स्वर्णिम इतिहास रहा है जिसमें बल के जवानों ने विभिन्न कर्तव्यों के दौरान देश सेवा में अनेकों बलिदान दिए हैं।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
आईबीबीआई
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के हिस्से के रूप में, भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने विदेशी राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय, यूके (एफसीडीओ) के सहयोग से दो दिवसीय “ट्रेन द ट्रेनर” कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें दिवालियापन समाधान प्रक्रिया में सहायता के लिए वैकल्पिक विवाद समाधान तकनीकों का उपयोग के बारे में जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम का आयोजन 22 और 23 अक्टूबर, 2021 को ऑनलाइन मोड में किया गया।
“ट्रेन द ट्रेनर” कार्यक्रम भारत में अगले स्तर तक क्षमता निर्माण और दिवाला ढांचे के विकास पर केंद्रित था। इस पहल के हिस्से के रूप में प्रतिभागियों को गहन व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया और विवादों को देखने के तरीके को बदलने, मध्यस्थता तकनीकों की प्रभावी तरीके के इस्तेमाल और सॉफ्ट मूल्यांकन के गुण आदि से संबंधित क्षेत्रों को व्यापक रूप से जानकारी मुहैया कराई गई। इस पहल से प्रतिभागियों के कौशल में सुधार आने की उम्मीद है ताकि वे आगे चलकर दिवाला पेशेवरों और अन्य हितधारकों के लिए प्रशिक्षकों के रूप में कार्य कर सकें। इससे भारत में दिवाला इको सिस्टम को और मजबूत किया जा सकेगा।
दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता, 2016
- अगर कोई कंपनी कर्ज़ वापस नहीं चुकाती तो दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता, 2016 (IBC) के तहत कर्ज़ वसूलने के लिये उस कंपनी को दिवालिया घोषित किया जा सकता है।
- इस संहिता की धारा 7 किसी कंपनी के विरुद्ध दिवालिया प्रक्रिया की शुरुआत से जुड़ी है अर्थात् जब कोई कर्ज़ देने वाला व्यक्ति, संस्था या कंपनी, कर्ज़ नहीं चुकाने वाली कंपनी के खिलाफ दिवालिया कोर्ट में अपील दायर करती है।
- संहिता की धारा 12 दिवालिया प्रक्रिया को पूरी किये जाने की समयसीमा को तय करती है। इस धारा के तहत यह पूरी प्रक्रिया 180 दिनों के भीतर पूरी की जानी अनिवार्य है।
भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (IBBI)
- भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (IBBI) की स्थापना दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता, 2016 के तहत 1 अक्तूबर, 2016 को हुई थी।
- भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (IBBI) मुख्य तौर पर दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता, 2016 को सही ढंग से लागू करने के लिये ज़िम्मेदार है।
- वर्तमान में डॉ. एम.एस. साहू भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (IBBI) के अध्यक्ष के तौर पर कार्यरत हैं।
भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (स्वैच्छिक परिसमापन प्रक्रिया) नियम, 2017 में संशोधन
- संशोधन : नियमों में किये गए संशोधन के अनुसार, कॉरपोरेट व्यक्ति अपने वर्तमान परिसमापक (Liquidator) के स्थान पर किसी अन्य दिवाला पेशेवर (इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल) को एक सामान्य प्रस्ताव के माध्यम से परिसमापक (Liquidator) के रूप में नियुक्त कर सकता है।
- पृष्ठभूमि : भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता, 2016 एक कॉर्पोरेट व्यक्ति को स्वैच्छिक परिसमापन प्रक्रिया शुरू करने में सक्षम बनाती है, यदि उस पर कोई ऋण नहीं है या वह परिसंपत्तियों की आय से अपने ऋण का पूरी तरह से भुगतान करने में सक्षम है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि योजना
केन्द्रीय वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल और वस्त्र राज्यमंत्री श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश ने वस्त्र मंत्रालय द्वारा आयोजित पांचवीं अंतर मंत्रालयी संचालन समिति (आईएमएससी) की बैठक में विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, वस्त्र उद्योग से जुड़े संघों और बैंकों आदि के साथ संशोधित प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि योजना (एटीयूएफएस) की समीक्षा की। उन्होंने व्यापार को आसान बनाकर, निर्यात को सहारा प्रदान कर और रोजगार को बढ़ावा देकर भारतीय वस्त्र उद्योग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से संशोधित प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि योजना की समीक्षा की। इस योजना के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने की दृष्टि से अंतर मंत्रालयी संचालन समिति (आईएमएससी) की त्रैमासिक बैठक के आयोजन के लिए समय-सीमा तय करने के अलावा, लंबित मुद्दों को हल करने और आगे की राह के संबंध में किए गए कुछ महत्वपूर्ण निर्णयों में शामिल हैं:
- दावा की गई मशीनरी के भुगतान के साक्ष्य के संबंध में संबंधित बैंक से कई दस्तावेजों के बजाय केवल एक प्रमण-पत्र स्वीकार करके अनुपालन संबंधी बोझ में कमी लाना
- संघीय सहायता वित्त के मामलों से संबंधित जीआर को तर्कसंगत बनाना
- एटीयूएफएस की स्थापना के बाद से विशिष्ट कढ़ाई मशीनों पर विचार
- 23 मार्च 2021 और 22 अक्टूबर 2021 (कोविड की दूसरी लहर की अवधि) के दौरान की कट ऑफ तिथियों वाले मामलों के अलावा 1795 लंबित मामलों को यूआईडी से संबंधित विवरण वस्त्र आयुक्त/आईटीयूएफएस के कार्यालय में 90 दिनों (यानी, उत्पादन इकाइयों और बैंकों के लिए कुल अवधि) के भीतर जमा करने की समय सीमा में छूट प्रदान करके वस्त्र उद्योग को सुविधा प्रदान करना
- कोविड-19 के बाद के काल में जेआईटी संबंधी अनुरोध जमा करने की अंतिम तिथि वाली इकाईयों के अलावा 814 इकाइयों को जेआईटी संबंधी अनुरोध जमा करने में छूट
वस्त्र मंत्रालय संयुक्त निरीक्षण को सब्सिडी समर्थन के आकार से जोड़ने के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण का उपयोग करके संयुक्त निरीक्षण से जुड़ी प्रक्रिया को सरल करेगा, जोकि मौजूदा शत प्रतिशत के बजाय 50 लाख रुपये से कम वाले वर्ग पर बोझ को कम करेगा।
सचिव (वस्त्र) और वस्त्र आयुक्त मशीनरी निर्माताओं और सहायक उपकरण/स्पेयर पार्ट्स निर्माताओं को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया के सरलीकरण के तौर-तरीकों पर विचार करेंगे।
इस अवसर पर बोलते हुए, श्री पीयूष गोयल ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान आने वाली बाधाओं के बावजूद, वस्त्र मंत्रालय और वस्त्र आयुक्त कार्यालय ने नीतिगत बाधाओं को दूर करने तथा दावों के निपटारे की दिशा में गंभीर प्रयास किए हैं। उन्होंने बताया कि बैंक गारंटी के बरक्स आंशिक सब्सिडी जारी करने का एक विकल्प पेश करके वस्त्र उद्योग में तरलता प्रवाह को कम करने की दिशा में एक विशेष उपाय किया गया।
उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि एटीयूएफएस की स्थापना के बाद से इसके तहत निपटाए गए कुल दावों में से लगभग 61 प्रतिशत दावों का निपटारा महामारी की अवधि यानी वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान किया गया है। केन्द्रीय मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि वस्त्र मंत्रालय और वस्त्र आयुक्त को भौतिक सत्यापन से संबंधित तंत्र के स्थान पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वचालित सत्यापन की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा भौतिक निरीक्षण के स्थान पर इकाइयों द्वारा मशीनरी के स्वप्रमाणन तथा वस्त्र आयुक्त के कार्यालय द्वारा आकस्मिक सत्यापन के प्रावधान पर विचार किया जा सकता है।
एटीयूएफएस की पृष्ठभूमि
वस्त्र मंत्रालय ने भारतीय वस्त्र उद्योग के आधुनिकीकरण एवं उससे संबंधित प्रौद्योगिकी के उन्नयन, व्यापार को आसान बनाने, रोजगार पैदा करने और निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना के रूप में 1999 में प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि योजना (टीयूएफएस) की शुरुआत की थी। तब से, इस योजना को विभिन्न संस्करणों में लागू किया गया है।
वर्तमान में चल रहे एटीयूएफएस को 2016 में अनुमोदित किया गया है और वेब आधारित आईटीयूएफएस प्लेटफॉर्म के माध्यम से लागू किया गया है। भौतिक सत्यापन के बाद वस्त्र उद्योग द्वारा स्थापित चिन्हित मशीनरी को पूंजी निवेश से संबंधित सब्सिडी प्रदान की जाती है।
एटीयूएफएस को 2015-16 से लेकर 2021-22 की अवधि के लिए 17,822 करोड़ रुपये के आवंटन (टीयूएफएस के पिछले संस्करणों की प्रतिबद्ध देयता के लिए 12,671 करोड़ रुपये और एटीयूएफएस के तहत नए मामलों के लिए 5151 करोड़ रुपये) के साथ अनुमोदित किया गया था।
इस योजना को तकनीकी सलाहकार-सह-निगरानी समिति (टीएएमसी) और अंतर-मंत्रालयी संचालन समिति (आईएमएससी) द्वारा दो चरणों वाले निगरानी तंत्र के साथ प्रशासित किया जा रहा है। एटीयूएफएस को एक वेब आधारित प्लेटफॉर्म, आईटीयूएफएस, के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।
वर्ष 2018 में इस योजना के दिशा-निर्देशों में किए गए संशोधन तथा इससे संबंधित प्रक्रियाओं को और सुव्यवस्थित करने की कवायद ने इस योजना के तहत सब्सिडी प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाया है।
वर्ष 2019 में, अंतर मंत्रालयी संचालन समिति (आईएमएससी) ने इस योजना के पिछले संस्करणों (एमटीयूएफएस, आरटीयूएफएस एवं आरआरटीयूएफएस) के तहत प्रतिबद्ध देयता जारी करने से पहले मशीनरी का भौतिक सत्यापन और सब्सिडी की गणना शुरू करने का निर्णय लिया।
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PAPER-G.S.3
वैश्विक खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2021
वैश्विक खाद्य सुरक्षा सूचकांक (Global Food Security Index) का दसवां संस्करण हाल ही में प्रकाशित किया गया था। इस सूचकांक में भारत ने 71वां स्थान हासिल किया है।
मुख्य बिंदु
- वैश्विक खाद्य सुरक्षा (GFS) सूचकांक 2021 को 113 देशों के आंकड़ों का विश्लेषण करके तैयार किया गया था।
- दूसरी ओर, हाल ही में जारी किये गये, भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) 2021 में 101वें स्थान पर था।
वैश्विक खाद्य सुरक्षा सूचकांक (GFS)
GFS इंडेक्स Corteva Agriscience द्वारा प्रायोजित है, जबकि इसे लंदन बेस्ड Economist Impact द्वारा डिज़ाइन और निर्मित किया गया है। यह सूचकांक हर साल प्रकाशित होता है। GFS खाद्य सुरक्षा के अंतर्निहित कारकों को नीचे बताए गए कारकों के आधार पर मापता है:
- सामर्थ्य
- उपलब्धता
- गुणवत्ता और सुरक्षा
- प्राकृतिक संसाधन और लचीलापन
यह सूचकांक 58 अद्वितीय खाद्य सुरक्षा संकेतकों जैसे आय और आर्थिक असमानता पर विचार करता है। यह उन प्रणालीगत अंतरालों और कार्यों पर भी ध्यान देने का आह्वान करता है जो 2030 तक शून्य भूख के सतत विकास लक्ष्य की दिशा में प्रगति में तेजी लाने के लिए आवश्यक हैं।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- आयरलैंड, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, यूके, स्विटजरलैंड, नीदरलैंड, जापान, कनाडा, अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों ने शीर्ष रैंक साझा की। उनका कुल GFS स्कोर 8 और 80 अंक के दायरे में था।
- भारत को 113 देशों में से 71वें स्थान पर रखा गया है । इसका कुल स्कोर 2 अंक है।
- भारत ने पाकिस्तान (75वें ), श्रीलंका (77वें ), नेपाल (79वें ) और बांग्लादेश (84वें ) से बेहतर प्रदर्शन किया।
- चीन भारत से काफी आगे 34वें स्थान पर है।
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PAPER-G.S.3
सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
भारत का 52वां अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) 20 नवंबर से 28 नवंबर, 2021 तक गोवा में आयोजित किया जायेगा, जिसमें हंगेरियन फिल्म निर्माता इस्तवान स्जाबो (Istvan Szabo) और हॉलीवुड आइकन मार्टिन स्कॉर्सेस (Martin Scorsese) को “सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड” से सम्मानित किया जाएगा।
इस्तवान ज़ाबो (Istvan Szabo)
- इस्तवान स्ज़ाबो सबसे उल्लेखनीय हंगेरियन फिल्म निर्माता हैं। वह 1960 के दशक से हंगेरियन भाषी दुनिया के बाहर जाने जाते हैं।
- उन्होंने मेफिस्टो (1981) नामक फिल्म के साथ अपनी सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय सफलता हासिल की। इसके लिए उन्हें बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म कैटेगरी में ऑस्कर से नवाजा गया।
मार्टिन स्कॉर्सेस (Martin Scorsese)
वह फिल्म इतिहास के सबसे महान और सबसे प्रभावशाली निर्देशकों में से एक हैं। उन्होंने रॉबर्ट डी नीरो के साथ बनी नौ फिल्मों में फिल्म निर्माण का इतिहास स्थापित किया, जैसे कि जीवनी पर आधारित खेल नाटक रेजिंग बुल (1980) और मनोवैज्ञानिक थ्रिलर टैक्सी ड्राइवर (1976)। उन्हें अभिनेता लियोनार्डो डिकैप्रियो के साथ उनके सहयोग के लिए भी जाना जाता है। स्कोर्सेसे ने लियोनार्डो को पांच फिल्मों में निर्देशित किया, अर्थात्, गैंग्स ऑफ न्यूयॉर्क (2002), द एविएटर (2004), द डिपार्टेड (2006), शटर आइलैंड (2010) और द वुल्फ ऑफ वॉल स्ट्रीट (2013)।
भारत का 52वां अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव
भारत का 52वां अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 20 नवंबर से 28 नवंबर, 2021 तक गोवा में आयोजित किया जायेगा। इसे हाइब्रिड रूप में आयोजित किया जाएगा। वर्ष 2021 में, सत्यजीत राय की जन्मशती के अवसर पर, फिल्म समारोह निदेशालय एक ‘Special Retrospective’ के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि देगा।
सत्यजीत रे (Satyajit Ray)
वह एक भारतीय फिल्म निर्देशक, वृत्तचित्र फिल्म निर्माता, पटकथा लेखक, निबंधकार, लेखक, चित्रकार, गीतकार, पत्रिका संपादक, सुलेखक और संगीत संगीतकार थे। उन्हें अब तक के सबसे महान फिल्म निर्माताओं में से एक माना जाता है।
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PAPER-G.S.3
हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट का परीक्षण किया
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 22 अक्टूबर, 2021 को ‘अभ्यास’ (ABHYAS) नामक हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
मुख्य बिंदु
- ABHYAS हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट का इस्तेमाल कई मिसाइल सिस्टम के मूल्यांकन के लिए किया जाएगा।
- इसका परीक्षण ओडिशा में बंगाल की खाड़ी के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR), चांदीपुर से किया गया था।
‘अभ्यास’ का विकास किसने किया?
‘अभ्यास’ को DRDO के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (Aeronautical Development Establishment – ADE) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है, जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में है।
अभ्यास
ABHYAS का उड़ान परीक्षण विकासात्मक उड़ान परीक्षणों के एक भाग के रूप में किया गया था। उनके उत्पादन के लिए, भारतीय उद्योगों के लिए रुचि की अभिव्यक्ति पहले ही जारी की जा चुकी है। यह स्वदेशी लक्ष्य विमान अपने विकास के बाद हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। इसे भारतीय सशस्त्र बलों के लिए विकसित किया जा रहा है।
अभ्यास की विशेषताएं
‘अभ्यास’ एक गैस टर्बाइन इंजन द्वारा संचालित होता है जिसके कारण, विमान एक सबसोनिक गति से एक लंबी उड़ान भर सकता है। मार्गदर्शन और नियंत्रण के लिए उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर (FCC) के साथ नेविगेशन के लिए इस लक्ष्य विमान को MEMS- आधारित जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली (INS) से लैस किया गया है।
वैमानिकी विकास एजेंसी (Aeronautical Development Agency – ADA)
ADA की स्थापना वर्ष 1984 में रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग (DR&D) के तहत की गई थी। यह भारत के हल्के लड़ाकू विमान (LCA) कार्यक्रम के विकास को देखता है। यह पहले से ही HAL तेजस विकसित कर चुका है और वर्तमान में HAL AMCA, DRDO घातक और HAL TEDBF के विकास में शामिल है।
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PAPER-G.S.3
RBI ने AIFI के लिए न्यूनतम 11.5% पूंजी का प्रस्ताव रखा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चार अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों (All India Financial Institutions – AIFI) के लिए न्यूनतम 11.5% पूंजी का प्रस्ताव रखा।
मुख्य बिंदु
- तनाव की अवधि में AIFI के लचीलेपन को बढ़ाने के लिए बेसल III ढांचे के अनुसार यह न्यूनतम पूंजी प्रस्तावित की गई थी।
- वित्तीय वर्ष 2022 से राष्ट्रीय आवास बैंक, एक्ज़िम बैंक, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक पर सख्त पूंजी मानदंड लागू होंगे।
- RBI के अनुसार, इन संस्थानों के पास 1 अप्रैल, 2022 से न्यूनतम कुल पूंजी 9% और न्यूनतम पूंजी बफर 5% होनी चाहिए।
- इन संस्थानों की न्यूनतम सामान्य इक्विटी टियर 1 (CET1) पूंजी 5% होगी, दूसरी ओर न्यूनतम टियर 1 पूंजी आवश्यकता 7% प्रस्तावित की गई है।
- इन संस्थाओं को बाजार जोखिम और ऋण जोखिम के लिए पूंजी प्रभार के मापन के लिए मानकीकृत दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
RBI ने नए मानदंड क्यों प्रस्तावित किए?
RBI ने सख्त पूंजी मानदंड प्रस्तावित किए क्योंकि जैसे-जैसे भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, AIFI को उन आर्थिक क्षेत्रों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष ऋण के प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख संस्थान के रूप में माना जा रहा है, जिन्हें वे सेवाएं प्रदान करते हैं। इस प्रकार, AIFI को बेसल III पूंजी ढांचा प्रस्तावित किया गया है।
अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (All India Financial Institutions – AIFI)
AIFI वित्तीय नियामक निकायों और विकास वित्त संस्थानों से युक्त एक समूह है जो वित्तीय बाजारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्हें वित्तीय साधन के रूप में भी जाना जाता है। वे संसाधनों के उचित आवंटन में सहायता करते हैं। वित्तीय संस्थान सुरक्षा और तरलता प्रदान करने के लिए अंतिम उधारदाताओं और उधारकर्ताओं के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं।
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PAPER-G.S.1 PRE