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Current Affair 27 September 2021

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Current Affairs – 27 September, 2021

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह कल नई दिल्ली में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के 17वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करेंगे।

तकनीकी सत्र में प्रमुख विशेषज्ञ देश के हिमालयी क्षेत्र में भूस्खलन, बादल फटने, भूकंप और ग्लेशियल लेक आउटबस्ट फ्लड (जीएलओएफ) सहित आपदा की घटनाओं के व्यापक प्रभावों पर चर्चा करेंगे।

एनडीएमए के सदस्य एवं अधिकारी, गृह मंत्रालय (एमएचए), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम), केंद्र सरकार, के मंत्रालयों/विभागों, राज्य सरकारें, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारी (एसडीएमए), विभिन्न राज्यों के अग्निशमन एवं वन विभाग, सिविल सोसाइटी यानी नागरिक समाज के लोग, एनडीएमए के पूर्व सदस्य और सलाहकार समिति के सदस्य इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।

इस अवसर पर निम्नलिखित योजनाओं से संबंधित दस्तावेज जारी किए जाएंगे:

  1. आपदामित्र
    1. आपदामित्र के प्रशिक्षण की नियमावली का विमोचन
    2. आपदामित्र के योजना दस्तावेज का विमोचन
  2. सीएपी (सामान्य चेतावनी प्रोटोकॉल)

सामान्य चेतावनी प्रोटोकॉल (सीएपी) के योजना दस्तावेज का विमोचन

  1. भूकंप प्रतिरोधक परिवेश के निर्माण के लिए सरलीकृत दिशानिर्देश।
  2. शीतलहर पर दिशानिर्देश।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाला राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) भारत में आपदा प्रबंधन के लिए शीर्ष निकाय है। आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत एनडीएमए की स्थापना और राज्य एवं जिला स्तर पर संस्थागत तंत्र के लिए सक्षम वातावरण बनाया जाना अनिवार्य किया गया है। आपदा प्रबंधन के लिए नीतियों, योजनाओं और दिशानिर्देशों के निर्धारण के लिए एनडीएमए को अधिकृत किया गया है। भारत रोकथाम, शमन, तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए लोकाचार के विकास की परिकल्पना करता है।

भारत सरकार प्राकृतिक तथा मानव जनित आपदाओं द्वारा होने वाले विनाश तथा हानि की रोकथाम, शमन और तैयारी के राष्‍ट्रीय संकल्‍प को प्रोत्‍साहित करता है। भारत सरकार सभी सरकारी एजेंसियों, गैर-सरकारी संगठनों और लोगों की भागीदारी के निरंतर और सामूहिक प्रयासों के माध्‍यम से प्राकृतिक और मानव-निर्मित आपदाओं से होने वाली क्षति और विनाश को कम करने के लिए एक राष्‍ट्रीय संकल्‍प को बढ़ावा देने का प्रयास करती है। तकनीक के माध्‍यम से, सक्रिय, बहु-आपदा तथा बहु-आयामी रणनीति के द्वारा एक आपदा रोधी, गतिशील भारत का निर्माण करने की योजना है।

राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का प्रतीक चिन्‍ह भारत में आपदा प्रबंधन की प्रभावशीलता में सुधार करने के लिए सभी हितधारकों को सशक्‍त बनाने की राष्‍ट्रीय परिकल्‍पना को प्रतिबिंबित करता है। राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पांच प्रमुख प्रभाग नीति एवं योजना प्रभाग, प्रशमन प्रभाग, प्रचालन प्रभाग, संचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी प्रभाग, प्रशासन और वित्‍त प्रभाग हैं।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.3

 

पहले जनता के सार के साथ स्वच्छ सर्वेक्षण, 2022

केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री (एमओएचयूए) श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज नई दिल्ली में स्वच्छ भारत मिशन – शहरी (एसबीएम-यू) द्वारा कराया जाने वाला दुनिया के सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण, स्वच्छ सर्वेक्षण (एसएस) के सातवें संस्करण का शुभारम्भ किया।  ‘पहले जनता’ के इसके मुख्य दर्शन के साथ तैयार किए गए स्वच्छ सर्वेक्षण, 2022 में शहरों में अग्रणी स्वच्छता कर्मचारियों के समग्र कल्याण और स्वास्थ्य पर केंद्रित पहलों को शामिल किया गया है। Azaadi@75 की विषयवस्तु से जुड़े इस सर्वेक्षण में वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं की बात को भी प्राथमिकता दी जाएगी और शहरी भारत की स्वच्छता को बनाए रखने की दिशा में उनकी भागीदारी को मजबूत बनाया जाएगा।

महामारी की अचानक शुरुआत से सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में अप्रत्याशित चुनौतियां सामने आई थीं। हालांकि, इस दौरान शहरी भारत को सुरक्षित रखने के लिए सफाई कर्मचारियों ने जो कर्तव्य की भावना प्रदर्शित की, वह सबसे अलग थी। सफाई कर्मचारियों की मूक सेना द्वारा राष्ट्र के प्रति किए गए योगदान को पहचान और सम्मान देने के क्रम में, सरकार ने उनके समग्र कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने का संकल्प लिया है। एसएस 2022 में वैज्ञानिक संकेतकों को शामिल किया गया है, जो शहरी भारत के स्वच्छता के सफर में इन अग्रणी सैनिकों के लिए काम की स्थितियों और आजीविका के अवसरों में सुधार के लिए शहरों को प्रेरित करते हैं।

यह प्रतीकात्मक है कि विश्व के सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण का सातवां संस्करण भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उत्सव के साथ शुरू हो रहा है। Azaadi@75 की विषय वस्तु को ध्यान में रखते हुए और अपने बुजुर्गों की बुद्धिमत्ता को नमन करने के लिए, एसएस 2022 का उद्देश्य सर्वेक्षण के अभिन्न अंग के रूप में वरिष्ठ नागरिकों की प्रतिक्रिया लेना होगा। विचारों की विविधता सुनिश्चित करने के लिए, एसएस 2022 में युवा वयस्कों से भी संपर्क किया जाएगा, जो देश और स्च्छता आंदोलन के भावी नेता हैं। इसके अलावा, यह सर्वेक्षण शहरी भारत के स्मारकों और विरासत स्थलों को साफ करने के लिए नागरिकों को जिम्मेदारी लेने और पहल करने के लिए प्रेरित करके भारत की प्राचीन विरासत और संस्कृति की रक्षा करने के लिए तैयार है।

इसकी शुरुआत के साथ, एमओएचयूए ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के सप्ताह भर चलने वाले समारोहों की भी शुरुआत कर दी गई है। ‘पहले जनता’ की अपनी विषय वस्तु पर चलते हुए, एसबीएम-यू ‘जन भागीदारी’ की अपनी समग्र विषय वस्तु के अंतर्गत नागरिक केंद्रित गतिविधियों की एक श्रृंखला का आयोजन करेगा। इस सप्ताह के दौरान, शहरी भारत के नागरिक स्वच्छता के उद्देश्य से अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने के लिए होने वाले कई अभियानों में भाग लेंगे। ‘खर्चा अलग करो’ जैसे अभियानों का लक्ष्य स्रोत अलग-अलग करने की प्रक्रिया को बढ़ावा देना है, जो प्रभावी कचरा प्रबंधन का आधार है। इसके साथ ही, ‘स्वच्छता से संपन्नता’ की विषय वस्तु को ध्यान में रखते हुए, विभिन्न शहरों में नागरिकों द्वारा संचालित प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी। इस सप्ताह के दौरान शहरी स्थानीय निकायों और समुदायों को भी पहचान मिलेगी और नागरिक नेताओं, कचरा उद्यमियों, रेजिडेंट वेलफेयर एसोशियनों (आरडब्ल्यूए), गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) आदि को अपने आसपास स्वच्छता रखने के लिए सम्मानित किया जाएगा। सफाई कर्मचारियों के साहस को सलाम करने के लिए विशेष समारोह आयोजित किए जाएंगे, जो कोविड-19 के खिलाफ प्रयासों में अग्रणी रहे थे। मिशन सार्वजनिक स्वच्छता इन्फ्रास्ट्रक्चर और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए नागरिकों को लगातार जोड़े रखने को भी प्रतिबद्ध है।

इसके लिए, सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों की गुणवत्ता का आकलन करने व भविष्य में प्रक्रिया में सुधार के उद्देश्य से नागरिकों की प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए ‘सार्वजनिक शौचालय सफाई जन भागीदारी उत्सव’ की शुरुआत की जाएगी।

73 शहरों में स्वच्छता के मानकों पर शहरों को श्रेणीबद्ध करने के उद्देश्य से एमओएचयूए द्वारा 2016 में शुरू किया गया, स्वच्छ सर्वेक्षण 4,000 यूएलबी को शामिल करते हुए आज दुनिया का सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण बन गया है। सर्वेक्षण की रूपरेखा कई साल के दौरान विकसित हुई है और आज यह एक विशेष प्रबंधन टूल बन गया है, जो स्वच्छता परिणामों को प्राप्त करने के लिए जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन को गति देता है। वास्तविकता यह है कि एसएस 2021 का पिछला संस्करण महामारी के चलते जमीनी स्तर पर पैदा चुनौतियों के बावजूद रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया था और इसमें 5 करोड़ नागरिकों की प्रतिक्रिया लेना एक बार फिर से ‘सम्पूर्ण स्वच्छता’ के लक्ष्य पर नागरिकों के जिम्मेदारी लेने का प्रमाण है। नागरिक अब उत्सुकता से इसके परिणामों का इंतजार कर रहे हैं, जिसकी मंत्रालय द्वारा जल्द ही घोषणा की जाएगी।

इस साल का सर्वेक्षण 15 हजार से कम और 15-25 हजार के बीच की जनसंख्या वाली दो श्रेणियों की शुरुआत के द्वारा छोटे शहरों को समान अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है। सर्वेक्षण के दायरे को बढ़ाने के लिए, पहली बार जिला रैकिंग शुरू कर दी गई है। सर्वेक्षण का विस्तार करते हुए अब इसमें नमूने के लिए 100 प्रतिशत वार्डों को शामिल कर लिया गया है, पिछले वर्षों में यह आंकड़ा 40 प्रतिशत था। इस महत्वाकांक्षी कवायद को निर्बाध रूप से जारी रखने के क्रम में, एसएस 2022 में क्षेत्रीय मूल्यांकन के लिए पिछले साल की तुलना में दोगुनी से ज्यादा संख्या में मूल्यांकनकर्ताओं को लगाया जाएगा। माननीय प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के विजन को ध्यान में रखते हुए, सर्वेक्षण के आगामी संस्करण में दस्तावेजों की डिजिटल ट्रैकिंग, स्वच्छता की जियो टैगिंग जैसे बेहतर तकनीक हस्तक्षेप और बेहतर दक्षता के लिए कचरा प्रबंधन सुविधाओं का उपयोग बढ़ेगा व जनता तक पहुंच बढ़ाने के लिए क्यूआर कोड आधारित नागरिक प्रतिक्रिया का उपयोग होगा। इन बहुआयामी पहलों के माध्यम से, एसएस 2022 फ्रेमवर्क संसाधनों के अधिकतम उपयोग के माध्यम से मिशन एक सर्कुलर इकोनॉमी के दृष्टिकोण की ओर प्रेरित हो।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.2

 

श्रमिकों को नियोजित करने वाले तिमाही रोजगार

सर्वेक्षण (क्यूईएस) की रिपोर्ट

श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने आज श्रम ब्यूरो द्वारा तैयार अखिल भारतीय तिमाही प्रतिष्ठान आधारित रोजगार सर्वेक्षण (एक्यूईईएस) के तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (क्यूईएस) की  अप्रैल से जून 2021 तक की पहली तिमाही की रिपोर्ट जारी की।

तिमाही रोजगार सर्वेक्षण के पहले दौर की मुख्य विशेषताएं :

  • आईटी/बीपीओ क्षेत्र में 152 प्रतिशत की सबसे प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि स्वास्थ्य में यह वृद्धि दर 77 प्रतिशत, शिक्षा में यह 39 प्रतिशत, विनिर्माण क्षेत्र में 22 प्रतिशत, परिवहन में यह 68 प्रतिशत और निर्माण में यह 42 प्रतिशत रही है। हालांकि व्यापार में रोजगार में 25 प्रतिशत की कमी आई जबकि आवास और रेस्तरां में 13 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं वित्तीय सेवाओं में 48 प्रतिशत के रोजगार में वृद्धि दर देखी गई।
  • लगभग 90 प्रतिशत प्रतिष्ठानों में 100 से कम श्रमिकों के साथ काम करने का अनुमान लगाया गया है, छठी आर्थिक जनगणना (ईसी 6 के) दौरान यह आंकड़ा 95 प्रतिशत है। लगभग 35 प्रतिशत आईटी/बीपीओ प्रतिष्ठानों ने कम से कम 100 श्रमिकों के साथ काम किया, जिसमें लगभग 8 प्रतिशत ने 500 या अधिक श्रमिकों को शामिल किया गया। स्वास्थ्य के क्षेत्र में 18 प्रतिशत प्रतिष्ठानों में 100 या अधिक कर्मचारी थे।
  • महिला कामगारों की समग्र भागीदारी 29 प्रतिशत रही, जो छठी आर्थिक जनगणना के दौरान दर्ज की गई 31 प्रतिशत से थोड़ी कम है।
  • नौ चयनित क्षेत्रों में नियमित कामगार अनुमानित कार्यबल का 88 प्रतिशत हैं, जिसमें केवल 2 प्रतिशत दिहाड़ी कामगार हैं। हालांकि, निर्माण क्षेत्र के 18 फीसदी कर्मचारी संविदा कर्मचारी हैं और 13 फीसदी दिहाड़ी कर्मचारी हैं।
  • केवल 9 प्रतिशत प्रतिष्ठान (कम से कम 10 श्रमिकों के साथ) किसी भी प्राधिकरण या किसी अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं थे। जबकि सभी प्रतिष्ठानों में से 26 प्रतिशत आईटी/बीपीओ में 71 प्रतिशत पंजीकरण, निर्माण में 58 प्रतिशत पंजीकरण, विनिर्माण में 46 प्रतिशत, परिवहन में 42 प्रतिशत, व्यापार में 35 प्रतिशत और वित्तीय सेवाओं में 28 प्रतिशत पंजीकरण के साथ कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत थे।
  • लगभग 18 प्रतिशत प्रतिष्ठानों में रोजगार के दौरान (ऑन-जॉब) कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रावधान है।

अखिल भारतीय तिमाही प्रतिष्ठान आधारित रोजगार सर्वेक्षण (एक्यूईईएस) के तहत दो घटक हैं, तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (क्यूईएस) और एरिया फ़्रेम प्रतिष्ठान सर्वेक्षण (एएफईएस)। प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के भीतर नौ क्षेत्रों के साथ ही प्रत्येक क्षेत्र-राज्य /केंद्र शासित प्रदेश के भीतर प्रत्येक आकार-वर्ग (श्रमिकों की संख्या की सीमा) से हर एक का प्रतिनिधित्व करने के लिए नमूना डिजाइन के माध्यम से चुने गए लगभग 12,000 प्रतिष्ठानों से प्रासंगिक आंकड़े (डेटा) संकलित करने के लिए क्यूईएस शुरू किया गया है।

  • एरिया फ्रेम प्रतिष्ठान सर्वेक्षण (एएफईएस) नमूना सर्वेक्षण के माध्यम से असंगठित क्षेत्र (10 से कम श्रमिकों के साथ) तक पहुँचता है। एक्यूईईएस गैर-कृषि अर्थव्यवस्था के संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के साथ एक समेकित तस्वीर प्रदान करेगा। तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (क्यूईएस) के पहले दौर में किसी भी प्रतिष्ठान के बारे में जानकारी के विभिन्न मदों के लिए संदर्भ तिथि 01 अप्रैल, 2021 थी।
  • “तिमाही रोजगार सर्वेक्षण” अप्रैल-जून 2021 के पहले दौर के परिणाम क्षेत्रीय रोजगार अनुमानों के आकलन के लिए अपनाई गई अवधारणाओं, परिभाषाओं और नमूना डिजाइन में अंतर्दृष्टि देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह सर्वेक्षण नीति निर्माताओं, केंद्र/राज्य सरकार के अधिकारियों, शोधकर्ताओं और अन्य हितधारकों के लिए उपयोगी आंकड़े (डेटा) के रूप में काम करेगा।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.3

 

एवरग्रैंड संकट

हाल के दिनों में पूरी दुनिया में एवरग्रांड संकट चर्चा में है और हो भी क्यों ना। अकेले इस संकट की वजह से सिर्फ एक दिन में दुनिया के 500 बड़े अमीरों के 10 लाख करोड़ रुपये जो डूब चुके हैं। दुनियाभर के दिग्गज कारोबारियों को इस संकट की वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ा है। यहां तक कि जेफ बेजोस, वॉरेन बफे और एलन मस्क आदि भी इससे अछूते नहीं रह गए हैं। चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक एवरग्रांड के भारी कर्ज में डूबने के चलते संकट पैदा हो गया है जिसकी वजह से दुनियाभर में कारोबारी माहौल को चिंता में डाल दिया है। जानकारों का अनुमान है कि एवरग्रांड संकट की वजह से स्थितियां और बिगड़ने का खतरा बना हुआ है। इन सब स्थितियों को देखते हुए हम सभी के लिए यह जानना जरूरी हो गया है कि आखिर यह एवरग्रांड संकट है क्या और इसके क्या दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।

1996 में बोतलबंद पानी बेचने की कंपनी के तौर पर हुई थी शुरुआत

जानकारों का कहना है कि चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक Evergrande के दिवालिया होने का खतरा पैदा हो गया है। दरअसल, कंपनी बैंकों के भारी भरकम कर्ज को चुकाने में नाकाम साबित हो रही है। बता दें कि Evergrande चीन की दूसरी सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी है और मौजूदा समय में यह कंपनी 280 से ज्यादा शहरों में काम कर रही है. मौजूदा समय में कंपनी के पास 1,300 बड़े प्रोजेक्ट हैं। बता दें कि 1996 में बोतलबंद पानी बेचने की कंपनी के तौर पर एवरग्रैंड की शुरुआत हुई थी। कंपनी ने रियल एस्टेट के धंधे में उतरने के बाद मध्यमवर्गिय लोगों के लिए जबर्दस्त स्कीमें पेश की और समय बीतने के साथ ही यह चीन की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बन गई। यही नहीं Evergrande के पास चीन की एक प्रोफेशनल फुटबॉल टीम ग्वांगझू फुटबॉल क्लब का मालिकाना हक है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने इस साल डिजिटल इकोनॉमी और डिजिटल एजुकेशन जैसे सेक्टर्स पर पाबंदियां लगाईं तो उस समय रियल एस्टेट सेक्टर में भी डर फैल गया। दरअसल, रियल एस्टेट सेक्टर में इस बात का डर फैल गया कि चीन कर्ज की सीमा को सीमित करने के लिए सीलिंग तय कर सकता है। बता दें कि पिछले साल भी चीन की सरकार ने रियल एस्टेट मालिकों के लिए कुछ नियम बनाए थे जिसके तहत उनको मिलने वाले कर्ज के ऊपर नियंत्रण लगाया जाना तय किया गया था। यही वजह थी कि Evergrande ने अपने कारोबार की बिक्री शुरू कर दी थी। साथ ही कोविड महामारी की वजह से कंपनी को अपनी सपंत्तियों को काफी सस्ती कीमतों पर बेचना पड़ा था।

चिंताएं

इस तरह की गतिविधियों से बुलबुले के पंचर होने का खतरा बढ़ जाता है और नीचे की ओर सर्पिल हो जाता है, जिससे सॉफ्ट-लैंडिंग अनिवार्य हो जाती है। अगर इस स्थिति को गलत तरीके से संभाला जाता है; यह चीन को आर्थिक मंदी की ओर धकेल सकता है।

सामान्य समृद्धि अभियान (Common Prosperity Campaign)

अगस्त 2021 में, चीन ने “साझा समृद्धि” के विषय पर एक राजनीतिक अभियान शुरू किया था। इसका उद्देश्य चीन में असमानता से निपटना है। चीन में असमानता का प्रमुख तत्व वह धन है जो धनी अचल संपत्ति की सट्टेबाजी (real estate speculation) के माध्यम से कमाते हैं।

SOURCE-BBC NEWS

PAPER-G.S.2

 

स्विट्जरलैंड ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दी

स्विट्जरलैंड में मतदाताओं ने 26 सितंबर, 2021 को समलैंगिक विवाह को वैध बनाने का फैसला किया। यह स्विट्जरलैंड को ऐसा करने वाले पश्चिमी यूरोप के अंतिम देशों में से एक बनाता है।

मुख्य बिंदु

  • सभी जोड़ों के लिए शादी के विकल्प को खोलने के अलावा, सरकार ने स्विट्जरलैंड के विवाह कानून में एक संशोधन को भी मंजूरी दी जिसे मतदाताओं के लिए एक जनमत संग्रह में रखा गया था।
  • यह कानून समलैंगिक जोड़ों को शुक्राणु बैंकों (sperm banks) तक पहुंच प्रदान करने के साथ-साथ समलैंगिक जोड़ों को बच्चे गोद लेने की भी अनुमति देता है।
  • इस संशोधित कानून के तहत समलैंगिक जोड़े सिविल वेडिंग कर सकेंगे। उन्हें विषमलैंगिक जोड़ों के समान संस्थागत और कानूनी अधिकार दिए जाएंगे।
  • जनमत संग्रह के माध्यम से इस कानून को मंजूरी दी गई थी।
  • 1% मतदाताओं ने कानून परिवर्तन को स्वीकार किया। इसे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी मजबूत समर्थन मिला।

पृष्ठभूमि

संघीय सरकार ने वर्ष 2020 में विवाह कानूनों को मंजूरी दी है और इसी क्रम में संसद ने भी सभी जोड़ों को समान अधिकार प्रदान करते हुए उन्हें मंजूरी दी थी।

स्विट्ज़रलैंड में समलैंगिक जोड़े

स्विट्ज़रलैंड में समलैंगिक जोड़े 2007 से एक नागरिक साझेदारी में प्रवेश करने में सक्षम हैं। यह उन्हें कुछ कानूनी अधिकार प्रदान करता है। हालांकि, यह शादी के बराबर नहीं है।

समलैंगिक विवाह की अनुमति नहीं देने वाला देश

पश्चिमी यूरोप में इटली एकमात्र ऐसा देश है जो समलैंगिक जोड़ों के बीच विवाह की अनुमति नहीं देता है।

SOURCE-GK TODAY

PAPER –G.S.1PRE

 

विश्व पर्यटन दिवस

हर साल, विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर को मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एकीकृत करने में पर्यटन क्षेत्र द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिन मनाया जाता है।

विश्व पर्यटन दिवस (World Tourism Day)

विश्व पर्यटन दिवस का रंग नीला है। 1997 में, UNWTO ने इस दिवस को मनाने के लिए अपने भागीदार के रूप में कार्य करने के लिए एक मेजबान देश को नामित करने का निर्णय लिया।

विश्व कृषि-पर्यटन दिवस (World Agri-Tourism Day)

हर साल 16 मई को विश्व कृषि-पर्यटन दिवस (World Agri-Tourism Day) मनाया जाता है। कृषि-पर्यटन में शहरी पर्यटक किसानों के घर में रहते हैं। अपने प्रवास के दौरान वे खेती की गतिविधियों, ट्रैक्टर की सवारी, बैलगाड़ी की सवारी में संलग्न होते हैं। इसके अलावा, वे लोक गीतों और नृत्यों का आनंद लेते हैं। वे ताजा कृषि उपज खरीदते हैं।

बदले में, किसान पर्यटकों को आवास प्रदान करते हैं और उनके प्रवास के दौरान उनका मनोरंजन करते हैं। यह किसानों के लिए एक अतिरिक्त आय के रूप में कार्य करता है। साथ ही, यह स्थानीय युवाओं को टूरिस्ट गाइड के रूप में नियुक्त करता है। इस तरह यह कार्यक्रम रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है।

SOURCE-GK TODAY

PAPER-G.S.1 PRE

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