Current Affair 28 November 2021

Current Affairs – 28 November, 2021

एनसीसी दिवस

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एनसीसी दिवस पर एनसीसी कैडेट्स को शुभकामनाएं दी हैं। श्री मोदी ने देश भर के एनसीसी के पूर्व छात्रों से एनसीसी अलुमनाई एसोसिएशन को समर्थन देने और गतिविधियों में भागीदारी से एसोसिएशन को समृद्ध बनाने का भी अनुरोध किया।

एनसीसी की स्थापना 15 जुलाई 1948 को हुई थी। लेकिन नवंबर माह के अंतिम रविवार को प्रथम यूनिट की स्थापना हुई। इसलिए नवंबर के अंतिम रविवार को एनसीसी दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) रविवार को अपना 73वां स्थापना दिवस मनाएगा. एनसीसी दिवस (NCC Day 2021) हर साल नवंबर माह के चौथे रविवार को मनाया जाता है। इस अवसर पर दिल्ली में अमर जवान ज्योति इंडिया पर माल्यार्पण समारोह, किसी समसामयिक विषय पर व्याख्यान एवं साहसिक अभियान जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। NCC की फुल फॉर्म ‘राष्ट्रीय कैडेट कोर’ (National Cadet Corps) है। इसकी स्थापना 16 अप्रैल 1948 में कुंजरु समिति ने की थी। यह एक त्रि-सेवा संगठन है, इसका आदर्श वाक्य “एकता और अनुशासन” है। पहला एनसीसी दिवस 1948 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू के निर्देशों के तहत मनाया गया था। उन्होंने एनसीसी दिवस मनाने का प्रावधान शुरू किया था।

एनसीसी का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। इस मुख्यालय को कमांड करने वाला अधिकारी डायरेक्टर जनरल एनसीसी कहलाता है जो लेफ्टिनेंट पद का अफसर होता है। यह सीधे भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के प्रति उत्तरदायी होता है। महानिदेशक के अधीन भारत के विभिन्न राज्यों में उप महानिदेशक एनसीसी कार्यरत हैं, जो ब्रिगेडियर के समकक्ष पद के अफसर होते हैं। इनका मुख्यालय राज्य की राजधानी या राज्य के किसी बड़े शहर में स्थित होता है।

एनसीसी क्या है :

NCC (एनसीसी) भारत का एक सैन्य कैडेट कोर है जो स्कूल और कॉलेज के छात्रों को सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए उपयुक्त सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह 3 साल का एक कोर्स टाइप होता है जिसे पूरा करने पर योग्यता अनुसार सर्टिफिकेट भी मिलता है। ये मानिए कि इसे ज्वॉइन करने वाला छात्र फौजी ही बन जाता है।

इसके झंडे में तीन रंग है: लाल.. सेना के लिए, गहरा नीला.. नौसेना के लिए और हल्का नीला.. वायु सेना के लिए है। NCC के छात्र अलग-अलग तरह की वर्दी पहनते है- खाकी.. सेना के लिए, सफेद.. नौसेना के लिए और हल्की नीली.. वायु सेना के लिए। कॉलेज में NCC और NSS दोनों इकट्ठी भी ज्वॉइन की जा सकती है।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.1 PRE

 

कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन

27 और 28 नवंबर 2021 को भारत, मालदीव और श्रीलंका की प्रमुख समुद्री सुरक्षा एजेंसियों के बीच पहला कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव (सीएससी) केंद्रित ऑपरेशन का आयोजन किया जा रहा है। भारतीय नौसेना (आईएन), मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) और श्रीलंकाई नौसेना (एसएलएन) के जहाज और विमान दक्षिणी अरब सागर में तीनों देशों के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्रों (ईईजेड) के बड़े इलाके में इस ऑपरेशन में भाग ले रहे हैं और इसका संचालन कर रहे हैं।

यह गौरतलब है कि आईएन, एमएनडीएफ और एसएलएन के बीच एक त्रिपक्षीय टेबल टॉप अभ्यास (टीटीएक्स) 14 और 15 जुलाई 2021 को आयोजित किया गया था। तीनों देशों ने 04 अगस्त 2021 को कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन की 5वीं उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तरीय बैठक में भाग लिया था जिसमें हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया।

हिंद महासागर क्षेत्र के इस महत्वपूर्ण हिस्से को वाणिज्यिक नौवहन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वैध समुद्री गतिविधियों के संचालन के लिए सुरक्षित रखने के उद्देश्य से सीएससी केंद्रित ऑपरेशन आयोजित किया जा रहा है। केंद्रित ऑपरेशन प्रमुख समुद्री सुरक्षा एजेंसियों के बीच आपसी समझ और पारस्परिकता का निर्माण करने में मदद करेगा और इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय अपराधों की रोकथाम और उसको दबाने के लिए संस्थागत उपाय प्रदान करेगा। यह समुद्री घटनाओं/दुर्घटनाओं से निपटने के लिए सूचनाओं के आदान-प्रदान और समन्वित संचालन के जरिए परिचालन तालमेल को और बढ़ाएगा।

सीएससी केंद्रित ऑपरेशन का संचालन भारत, मालदीव और श्रीलंका के बीच गहरे त्रिपक्षीय जुड़ाव का उदाहरण है, और इस क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए उनकी प्रतिबद्धता को जाहिर करता है।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.2

 

राजनयिक दिवस

वोकल फॉर लोकल तथा एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए समृद्ध आदिवासी विरासत को प्रस्तुत करने के लिए शनिवार, 27 नवंबर 2021 को ट्राइब्स इंडिया आदि महोत्सव में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के सहयोग से एक ट्राइब्स इंडिया कॉन्कलेव का आयोजन किया गया था। विदेश मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के अतिरिक्त इस कार्यक्रम में भारत में 20 से अधिक विदेशी मिशनों के लगभग 100 राजनयिक शामिल हुए।

गणमान्य व्यक्तियों में पोलैंड, किरिबाती, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, थाईलैंड, लाओस, स्विट्जरलैंड, बांग्लादेश, मालदीव, अमेरिका और ब्राजील जैसे 20 से अधिक देशों के राजनयिक शामिल थे। कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।

गणमान्य व्यक्तियों ने देश भर के जनजातीय कारीगरों के स्टालों का अवलोकन किया और अनूठी हस्तशिल्प तथा परंपराओं के बारे में और अधिक जानने की उत्सुकता प्रदर्शित की। डिस्प्ले पर लगभग 200 स्टॉल थे, जिनमें पारंपरिक बुनाई से लेकर आभूषण और पेंटिंग तथा खिलौनों तक के उत्पादों को प्रदर्शित किया गया था, गणमान्य व्यक्तियों को जनजातीय कला और शिल्प की एक झलक दिखाई गई। इसके अतिरिक्त, मिट्टी के बर्तनों, लाख की चूड़ियों और गोंद चित्रों को बनाने के लिए कारीगरों द्वारा लाइव प्रदर्शन भी किए गए। कार्यक्रम में जनजातीय कारीगरों ने कठपुतली शो का लाइव प्रदर्शन भी किया।

इस प्रस्तुति में जनजातीय कारीगरों और वनवासियों की दुनिया के बारे में और अधिक जानकारी दी गई है तथा उन्हें जनजातीय कलात्मक परंपराओं और उन्हें सशक्त बनाने और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए ट्राइफेड की पहल के बारे में कुछ अंतर्दृष्टि प्रदान की गई है। प्रतिनिधियों के लिए दोपहर के भोजन का भी आयोजन किया गया था, जहां उन्होंने कुछ उत्कृष्ट जनजातीय व्यंजनों जैसे जम्मू और कश्मीर से मटन सीक कबाब, ओडिशा से मछली पकौड़ा, जम्मू और कश्मीर से चमन पनीर, राजस्थान से बेसन के गट्टे की सब्जी, तेलंगाना से मटन और चिकन बंजारा बिरयानी, मध्य प्रदेश से बाजरा और मक्के की रोटी और गुजरात से मूंग के हलवे का नमूना लिया।

आदि महोत्सव, एक छत के नीचे एक मिनी-इंडिया, एक वन-स्टॉप उपहार देने वाला गंतव्य है जो विभिन्न प्रकार की जरूरतों को पूरा करता है। प्राकृतिक और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली जनजातीय उपज जैसे सूखा आंवला, जंगली शहद, काली मिर्च, दलिया, मिर्च, रागी, त्रिफला और मूंग दाल, उड़द की दाल, सफेद बीन्स जैसे मसूर के मिश्रण से लेकर वार्ली शैली या पटचित्र पेंटिंग जैसी कलाकृतियों तक; डोकरा शैली में दस्तकारी के आभूषण से लेकर उत्तर-पूर्व की वांचो और कोन्याक जनजातियों के मोतियों के हार तक, समृद्ध और जीवंत वस्त्र और रेशम, अर्थात् एरी रेशम और चंदेरी रेशम; रंगीन कठपुतलियों और बच्चों के खिलौनों से लेकर पारंपरिक बुनाई जैसे डोंगरिया शॉल और बोडो बुनाई तक; टोडा कढ़ाई और कोटा-डोरिया दुपट्टे; बस्तर से लोहे के शिल्प से लेकर लोंगपी पत्थर के बर्तनों तक 1500 ऐसी वस्तुओं की पहचान की गई है, जिनमें से लोग अपनी पसंद का उत्पाद चुन सकते हैं।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.2

 

Women’s Involvement in Science and Engineering Research (WISER) कार्यक्रम

विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान में महिलाओं की भागीदारी (WISER) कार्यक्रम 26 नवंबर, 2021 को लांच किया गया था।

मुख्य बिंदु

  • यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है, जिसे लेटरल एंट्री द्वारा अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है।
  • इसे अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं में महिला शोधकर्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए इंडो-जर्मन साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (IGSTC) द्वारा लॉन्च किया गया था।
  • WISER कार्यक्रम IGSTC के कार्यक्रम के माध्यम से लैंगिक समानता के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं की भागीदारी को सक्षम करेगा।
  • यह कार्यक्रम IGSTC के चल रहे फ्लैगशिप 2+2 कार्यक्रम के अतिरिक्त शुरू किया गया।

यह कार्यक्रम कौन चलाएगा?

IGSTC का यह कार्यक्रम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत और जर्मनी के संघीय शिक्षा और अनुसंधान मंत्रालय (BMBF) की एक संयुक्त पहल है।

कार्यक्रम की विशेषताएं

यह कार्यक्रम उन महिला वैज्ञानिकों का समर्थन करेगा जो अकादमिक या अनुसंधान संस्थानों या उद्योग में नियमित या दीर्घकालिक शोध पदों पर हैं। महिलाएं लेटरल एंट्री के जरिए इस कार्यक्रम में शामिल हो सकती हैं। ब्रेक-इन-कैरियर या किसी आयु सीमा की कोई आवश्यकता नहीं है।

कार्यक्रम द्वारा पुरस्कार

IGSTC पुरस्कार विजेताओं को भारतीय पक्ष से अधिकतम 39 लाख रुपये और जर्मन पक्ष से € 48000 की सहायता प्रदान करेगा। WISER कार्यक्रम प्रति वर्ष 20 पुरस्कार प्रदान करेगा।

SOURCE-THE HINDU

PAPER-G.S.3

 

स्टारलिंक इंटरनेट सेवाओं

भारत सरकार ने लोगों को स्टारलिंक इंटरनेट सेवाओं (Starlink Internet Services) का सब्सक्रिप्शन नहीं लेने के लिए आगाह किया है।

मुख्य बिंदु

  • सरकार ऐसा इसलिए कर रही है क्योंकि भारत में उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए इंटरनेट सेवा को लाइसेंस नहीं दिया गया है।
  • दूरसंचार विभाग ने स्टारलिंक को उपग्रह आधारित संचार सेवाओं की पेशकश के लिए नियामक ढांचे का पालन करने का भी निर्देश दिया है।

पृष्ठभूमि

स्टारलिंक इंटरनेट सेवा प्रदाता यहां अपनी ब्रॉडबैंड सेवाओं का विस्तार करने के लिए भारत में दूरसंचार कंपनियों के साथ सहयोग तलाशने की योजना बना रहा है। इसने मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाई है। हालांकि, भारत में उपग्रह आधारित सेवाओं की पेशकश के लिए केंद्र सरकार से अपेक्षित लाइसेंस की आवश्यकता होती है।

भारत में इंटरनेट ग्राहक

Starlink भारत से 5,000 से अधिक प्री-ऑर्डर प्राप्त करने का दावा करती है। कंपनी प्रति ग्राहक 7,350 रुपये जमा कर रही है। कंपनी बीटा चरण में लगभग 50-150 मेगाबिट प्रति सेकंड की डेटा गति देने का दावा करती है।

स्टारलिंक (Starlink)

स्टारलिंक स्पेसएक्स द्वारा संचालित एक उपग्रह इंटरनेट तारामंडल है। यह पृथ्वी के अधिकांश भाग में उपग्रह इंटरनेट का उपयोग प्रदान करता है। इसमें 2021 के मध्य तक 1600 से अधिक उपग्रह शामिल हैं। भविष्य में, इसमें पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में बड़े पैमाने पर उत्पादित हजारों छोटे उपग्रह शामिल होंगे। नवंबर 2021 तक स्टारलिंक वर्तमान में 20 देशों में बीटा सेवा की पेशकश कर रहा है।

SOURCE-GK TODAY

PAPER-G.S.3

 

भारत में महिला मतदाताओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक

भारत के चुनाव आयोग (Election Commission of India – ECI) ने नई दिल्ली में “Enhancing electoral participation of Women, Persons with Disabilities (PwDs) & Senior citizen Voters: Sharing Best Practices and New Initiatives” थीम पर एक अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार की मेजबानी की।

मुख्य बिंदु

  • इस वेबिनार में, भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त, सुशील चंद्रा ने कहा कि 7 दशकों और 17 आम चुनावों के बाद, मताधिकार का प्रयोग करने में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक हो गई है।
  • 2019 के आम चुनाव में महिलाओं की भागीदारी 67% से अधिक रही।
  • 1962 में लिंग अंतर -71 प्रतिशत था, 2019 में यह +0.17 प्रतिशत हो गया है।
  • 1971 के चुनावों के बाद से भारत में महिला मतदाताओं में 72% की वृद्धि हुई है।

महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए ECI द्वारा की गई पहल

चुनाव में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए ECI ने कई पहल की हैं:

  1. अधिक महिलाओं को पोलिंग बूथ अधिकारी के रूप में जोड़ा
  2. सभी महिला प्रबंधित मतदान केंद्रों की बड़ी संख्या
  3. मतदान केंद्रों पर क्रेच की सुविधा
  4. मतदान केंद्रों पर अलग शौचालय व प्रतीक्षालय
  5. महिला ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों आदि के साथ पंजीकरण में आसानी

वेबिनार में किन देशों ने भाग लिया?

भूटान, बांग्लादेश, कंबोडिया, इथियोपिया, जॉर्जिया, फिजी, कोरिया गणराज्य, कजाकिस्तान, मंगोलिया, लाइबेरिया, मलावी, मॉरीशस, रूस, फिलीपींस, रोमानिया, साओ टोम और प्रिंसिपे, सोलोमन द्वीप, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, ताइवान, सूरीनाम, यमन, उज्बेकिस्तान और जाम्बिया जैसे 24 देशों के प्रतिनिधियों ने इस वेबिनार में भाग लिया।

SOURCE-GK TODAY

PAPER-G.S.1

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