Current Affairs – 28 September, 2021
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे परिवर्तनकारी टेक्नोलॉजी के लाभ जनहित के लिए और लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए मुहैया कराने का आग्रह किया। उन्होंने शिक्षण संस्थानों और अनुसंधानकर्ताओं से शिक्षा, कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित समाधानों को प्रयोग करने को कहा। इस संदर्भ में उन्होंने उद्योग और अनुसंधान कर्ताओं से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग, प्रिसिजन कृषि के माध्यम से कृषि उत्पादन की गुणवत्ता सुधारने में करने को कहा जिससे किसानों को उत्पाद का बेहतर मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में रिमोट डायग्नोसिस जांच में तथा शिक्षा के क्षेत्र में अंग्रेजी में उपलब्ध सामग्री का स्वत: भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभावी उपयोग हो सकता है। उन्होंने कहा अगर इस प्रकार के समाधानों का प्रयोग बढ़ता है तो कार्य क्षमता भी बढ़ेगी और उत्पादकता भी, जिससे लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकेगा।
प्रशासन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग की संभावना का जिक्र करते हुए श्री नायडू ने कहा कि जनसेवाएं तत्परता से उपलब्ध कराने में AI का प्रयोग किया जा सकता है। उस संदर्भ में उन्होंने जनधन खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से भ्रष्टाचार में आई कमी का जिक्र किया। उन्होंने विश्वविद्यालयों से स्थानीय प्रशासन के साथ मिल कर प्रशासन एवं जनकल्याण को और अधिक कारगर बनाने के लिए, नए समाधान खोजने का आग्रह किया। इस प्रकार के सहयोग से विद्यार्थियों को भी वास्तविकता का अनुभव मिलेगा और वे समाज के पुरानी जटिल समस्याओं के समाधान खोज सकेंगे।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आर्थिक पहलू पर विचार रखते हुए श्री नायडू ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से, वर्ष 2035 तक, भारत के वर्तमान ग्रास वैल्यू एडेड में 957 बिलियन डॉलर या 15% वृद्धि हो सकने का अनुमान है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा नियमित रोजगारों मैं कटौती की आशंकाओं को निराधार बताते हुए श्री नायडू ने निरंतर कौशल प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया जिससे हमारे युवा चौथी औद्योगिक क्रांति की जरूरतों के हिसाब से स्वयं को प्रशिक्षित सुर तैयार कर सकें।
क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस?
सरलतम शब्दों में कहें तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है एक मशीन में सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कंप्यूटर साइंस का सबसे उन्नत रूप माना जाता है और इसमें एक ऐसा दिमाग बनाया जाता है, जिसमें कंप्यूटर सोच सके…कंप्यूटर का ऐसा दिमाग, जो इंसानों की तरह सोच सके।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रकार
- पूर्णतः प्रतिक्रियात्मक (Purely Reactive)
- सीमित स्मृति (Limited Memory)
- मस्तिष्क सिद्धांत (Brain Theory)
- आत्म-चेतन (Self Conscious)
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है– बनावटी (कृत्रिम) तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैकार्थी के अनुसार यह बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और अभियांत्रिकी है अर्थात् यह मशीनों द्वारा प्रदर्शित की गई इंटेलिजेंस है।
- इसके ज़रिये कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है, जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट या फिर मनुष्य की तरह इंटेलिजेंस तरीके से सोचने वाला सॉफ़्टवेयर बनाने का एक तरीका है।
- यह इसके बारे में अध्ययन करता है कि मानव मस्तिष्क कैसे सोचता है और समस्या को हल करते समय कैसे सीखता है, कैसे निर्णय लेता है और कैसे काम करता है।
कैसे हुई थी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का आरंभ 1950 के दशक में ही हो गया था, लेकिन इसकी महत्ता को 1970 के दशक में पहचान मिली।
- जापान ने सबसे पहले इस ओर पहल की और 1981 में फिफ्थ जनरेशन नामक योजना की शुरुआत की थी।
- इसमें सुपर-कंप्यूटर के विकास के लिये 10-वर्षीय कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई थी।
- इसके बाद अन्य देशों ने भी इस ओर ध्यान दिया। ब्रिटेन ने इसके लिये ‘एल्वी’ नाम का एक प्रोजेक्ट बनाया।
- यूरोपीय संघ के देशों ने भी ‘एस्प्रिट’ नाम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की थी।
- इसके बाद 1983 में कुछ निजी संस्थाओं ने मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर लागू होने वाली उन्नत तकनीकों, जैसे-Very Large Scale Integrated सर्किट का विकास करने के लिये एक संघ ‘माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी’ की स्थापना की।
कहाँ-कहाँ हो रहा उपयोग?
वर्तमान दौर को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर किये जा रहे प्रयोगों का दौर कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रमुख अनुप्रयोग
- कंप्यूटर गेम (Computer Gaming)
- प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (Natural Language Processing)
- प्रवीण प्रणाली (Expert System)
- दृष्टि प्रणाली (Vision System)
- वाक् पहचान (Speech Recognition)
- बुद्धिमान रोबोट (Intelligent Robot)
इसके अलावा, किसी बेहद जटिल सिस्टम को चलाने…नई दवाएं तैयार करने…नए केमिकल तलाशने…खनन उद्योग से लेकर अंतरिक्ष…शेयर बाज़ार से लेकर बीमा कंपनियां…मानव जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है, जिसमें आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का दखल न हो।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
शहीद भगत सिंह
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शहीद भगत सिंह को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा:
“आजादी के महान सेनानी शहीद भगत सिंह को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि।
वीर भगत सिंह हर भारतवासी के दिल में रहते हैं। उनके साहसपूर्ण बलिदान ने असंख्य लोगों में देशप्रेम की भावना जगा दी थी। मैं उनकी जयंती पर उन्हें सिर झुकाकर नमन करता हूं और उनके उच्च आदर्शों को याद करता हूं।”
भगत सिंह
भगत सिंह (जन्म: 28 सितम्बर 1907 , वीरगति: 23 मार्च 1931) भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी क्रांतिकारी थे। चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर इन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया। पहले लाहौर में बर्नी सैंडर्स की हत्या और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलन्दी प्रदान की। इन्होंने असेम्बली में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। जिसके फलस्वरूप अंग्रेज सरकार ने इन्हें २३ मार्च १९३१ को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फाँसी पर लटका दिया गया।
अमृतसर में १३ अप्रैल १९१९ को हुए जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड ने भगत सिंह की सोच पर गहरा प्रभाव डाला था। लाहौर के नेशनल कॉलेज़ की पढ़ाई छोड़कर भगत सिंह ने भारत की आज़ादी के लिए नौजवान भारत सभा की स्थापना की थी। वर्ष 1922 में चौरी-चौरा हत्याकांड के बाद गाँधी जी ने जब किसानों का साथ नहीं दिया तब भगत सिंह बहुत निराश हुए। उसके बाद उनका अहिंसा से विश्वास कमजोर हो गया और वह इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि सशस्त्र क्रांति ही स्वतंत्रता दिलाने का एक मात्र रास्ता है। उसके बाद वह चन्द्रशेखर आजाद के नेतृत्व में गठित हुई गदर दल के हिस्सा बन गए। काकोरी काण्ड में राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ सहित ०४ क्रान्तिकारियों को फाँसी व १६ अन्य को कारावास की सजाओं से भगत सिंह इतने अधिक उद्विग्न हुए कि चन्द्रशेखर आजाद के साथ उनकी पार्टी हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन से जुड़ गए और उसे एक नया नाम दिया हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन। इस संगठन का उद्देश्य सेवा, त्याग और पीड़ा झेल सकने वाले नवयुवक तैयार करना था। भगत सिंह ने राजगुरु के साथ मिलकर १७ दिसम्बर १९२८ को लाहौर में सहायक पुलिस अधीक्षक रहे अंग्रेज़ अधिकारी जे० पी० सांडर्स को मारा था। इस कार्रवाई में क्रान्तिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद ने उनकी पूरी सहायता की थी। क्रान्तिकारी साथी बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर भगत सिंह ने वर्तमान नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश भारत की तत्कालीन सेण्ट्रल एसेम्बली के सभागार संसद भवन में ८ अप्रैल १९२९ को अंग्रेज़ सरकार को जगाने के लिये बम और पर्चे फेंके थे। बम फेंकने के बाद वहीं पर दोनों ने अपनी गिरफ्तारी भी दी।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1
सुवर्णमुखी नदी
राज्य प्रशासन के अधिकारियों से सोमवार शाम लगभग 5:30 बजे एक नौसैनिक हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने के एक एसओएस अनुरोध के आधार पर परेशानी में फंसे एक ग्रामीण की खोज और बचाव (एसएआर) के लिए पूर्वी नौसेना कमान नेमिशन के लिए तुरंत आईएनएस डेगा (INS Dega) से एक उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर (एएलएच) तैनातकिया, यह ग्रामीण सुवर्णमुखी नदी के बीच में अचानक आई बाढ़ में फंसा हुआ था। बताए गए स्थान (डेगा से लगभग 120 किमी) पर पहुंचने के बाद यह हेलीकॉप्टर गंभीर मौसम, भारी बारिश और गहन अंधेरे की स्थिति के कारण ग्रामीण का पता नहीं लगा सका।
इसके बाद लगभग 11 बजे बचाव अभियान शुरू करने के लिए उपयुक्त नाइट विजन उपकरणों के साथ एक सीकिंग 42सी हेलीकॉप्टर लॉन्च किया गया। इसी तरह केबरसात के मौसम और तेज हवाओं के बावजूद सीकिंग हेलीकॉप्टर ने खोजबीन की और बचे हुए इस ग्रामीण का पता लगाया। ग्रामीण को लेने के लिए हेलीकॉप्टर बहुतकम ऊंचाई पर सुवर्णमुखी नदी में उसके ऊपर मंडराया। हेलीकॉप्टर आईएनएस डेगा में लौट आया जहां प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया और बाद में इस ग्रामीण को आगे के चिकित्सा उपचार के लिए केजीएच में स्थानांतरित कर दिया गया। उनके परिवार के सदस्यों को नौसेना वायु स्टेशन द्वारा उसके सुरक्षित रहने के बारे में सूचित किया गया है।
स्वर्णामुखी नदी भारत के आंध्र प्रदेश राज्य में बहने वाली एक नदी है। तिरुपति और श्रीकालाहस्ती के तीर्थस्थल इसी नदी की द्रोणी में स्थित हैं। स्वर्णमुखी दक्षिण भारत की एक नदी है। तिरुमाला और श्रीकालहस्ती के पवित्र हिंदू मंदिर नदी के बेसिन में स्थित हैं। धूर्जती के कार्यों में इसका उल्लेख मोगलेरु के रूप में किया गया था।
25 मिलियन क्यूबिक मीटर लाइव स्टोरेज के साथ कल्याणी बांध का निर्माण 1977 में इसकी सहायक कल्याणी नदी पर किया गया था।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1
आकाश प्राइम मिसाइल
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 27 सितंबर, 2021 को आकाश मिसाइल के एक नए संस्करण ‘आकाश प्राइम’ का परीक्षण किया है।
मुख्य बिंदु
- इसे ओडिशा के चांदीपुर के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से लॉन्च किया गया।
- इस मिसाइल ने परीक्षण के दौरान एक मानव रहित हवाई लक्ष्य को इंटरसेप्ट किया और उसे नष्ट कर दिया।
- आकाश प्राइम मिसाइल को इसकी सटीकता में सुधार के लिए एक स्वदेशी सक्रिय RF (रेडियो फ्रीक्वेंसी) सीकर से लैस किया गया है।
- उच्च ऊंचाई पर कम तापमान वाले वातावरण में अधिक विश्वसनीय प्रदर्शन लाने के लिए अन्य सुधार भी किए गए हैं।
- ITR के रेंज स्टेशनों में रडार, ETOS (इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम) और टेलीमेट्री स्टेशन शामिल हैं। इसने मिसाइल प्रक्षेप वक्र और उड़ान मापदंडों की निगरानी में मदद की।
आकाश मिसाइल
यह एक मध्यम दूरी की मोबाइल सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया था, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने इन मिसाइलों का उत्पादन किया है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL), टाटा पावर स्ट्रैटेजिक इंजीनियरिंग डिवीजन के साथ-साथ लार्सन एंड टुब्रो द्वारा निगरानी और अग्नि नियंत्रण रडार, मिसाइल लॉन्चर और सामरिक नियंत्रण और कमांड सेंटर विकसित किए गए थे। आकाश मिसाइल की रेंज 50-80 किमी तक और ऊंचाई 18,000 मीटर तक है। ये मिसाइलें लड़ाकू जेट, क्रूज मिसाइल, हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों के साथ-साथ बैलिस्टिक मिसाइलों जैसे हवाई लक्ष्यों को भी बेअसर कर सकती हैं। यह भारतीय सेना के साथ-साथ भारतीय वायु सेना के साथ सेवा में है।
आकाश प्राइम मिसाइल
आकाश प्राइम मौजूदा आकाश सैम पर आधारित है। यह एक बेहतर सक्रिय रेडियो-फ्रीक्वेंसी (RF) सीकर से लैस है।
SOURCE-DANIK JAGRAN
PAPER-G.S.3
ICRA ने वित्त वर्ष 22 के GDP विकास पूर्वानुमान को 9% तक संशोधित किया
रेटिंग एजेंसी ICRA ने वित्तीय वर्ष 2022 के लिए भारत के लिए अपने वास्तविक GDP विकास पूर्वानुमान को संशोधित किया है। इसका GDP अनुमान 8.5% से बदलकर 9% कर दिया गया है।
मुख्य बिंदु
- ICRA ने GDP में वृद्धि का श्रेय वित्त वर्ष 22 की दूसरी तिमाही के लिए उज्ज्वल संभावनाओं को दिया, जो तेजी से कोविड-19 टीकाकरण, खरीफ उत्पादन के स्वस्थ अग्रिम अनुमानों के साथ-साथ संबंधित नकदी प्रबंधन उपायों को आसान बनाने के परिणामस्वरूप संभव हुआ है।
- वित्त वर्ष 2022 की दूसरी और तीसरी तिमाही में कृषि, वानिकी और मछली पकड़ने में GVA वृद्धि के पूर्वानुमान को संशोधित कर 3% (2% से) कर दिया गया है।
टीकाकरण का प्रभाव
ICRA के अनुसार, कोविड-19 टीकों की व्यापक कवरेज से आत्मविश्वास बढ़ेगा, जो बदले में, संपर्क-गहन सेवाओं की मांग को फिर से सक्रिय करेगा। यह कोविड-19 महामारी से सबसे अधिक प्रभावित अर्थव्यवस्था के हिस्से को पुनर्जीवित करने में मदद करेगा। ICRA के अनुमान के अनुसार, लगभग तीन-चौथाई भारतीय वयस्कों को 2021 के अंत तक अपना दूसरा कोविड-19 टीका प्राप्त होगा।
खरीफ उत्पादन
ICRA के अनुसार, खरीफ की मजबूत फसल कृषि क्षेत्र की खपत की मांग को बनाए रखेगी। देर से बुवाई से खरीफ का रकबा 2021 के रिकॉर्ड क्षेत्र के बराबर लाने में मदद मिली है।
राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (National Monetisation Pipeline)
प्रत्यक्ष कर राजस्व में वृद्धि और ‘राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन’ से आमद शुरू होने से भी केंद्र सरकार के लिए राजस्व दृश्यता में सुधार हुआ है। इससे वित्त वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में केंद्र सरकार के खर्च में तेजी आनी चाहिए।
ICRA लिमिटेड
इस भारतीय स्वतंत्र निवेश सूचना और क्रेडिट रेटिंग एजेंसी की स्थापना 1991 में हुई थी। इसका मूल नाम Investment Information and Credit Rating Agency of India Limited (IICRA India) था। यह मूडीज और कई भारतीय वाणिज्यिक बैंकों और वित्तीय सेवा कंपनियों का एक संयुक्त उद्यम था।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
भारत बना दुबई का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार
चीन के बाद भारत दुबई का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनकर उभरा है।
मुख्य बिंदु
- दुबई सरकार के एक बयान के अनुसार, दुबई का 2021 की पहली छमाही (पहली छमाही) में चीन के साथ 7 बिलियन दिरहम का व्यापार था। इसके बाद भारत और अमेरिका क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
- भारत के साथ व्यापार साल-दर-साल 5% बढ़कर 2021 में 67.1 बिलियन दिरहम हो गया है, जो वर्ष 2020 की पहली छमाही में 38.5 बिलियन दिरहम था।
- चीन ने साल-दर-साल 7% की वृद्धि दर्ज की। इसका H1 2021 में दुबई के साथ कुल 66.3 बिलियन दिरहम का व्यापार था।
- H1 2021 में, अमेरिका ने दुबई के साथ 32 बिलियन दिरहम का व्यापार किया। यह राशि 2020 में 7 बिलियन दिरहम से साल-दर-साल 1% बढ़ी है।
- सऊदी अरब को 5 अरब दिरहम के व्यापार मूल्य के साथ चौथे स्थान पर रखा गया था। 2020 की पहली तिमाही की तुलना में इसमें 26% की वृद्धि हुई है।
व्यापार भागीदारों का कुल हिस्सा
2021 की पहली छमाही में पांच सबसे बड़े व्यापार भागीदारों की कुल हिस्सेदारी 241.21 बिलियन दिरहम थी, जबकि 2020 की पहली छमाही में यह 185.06 बिलियन दिरहम थी। इसमें 30.34% की वृद्धि हुई है।
व्यापार की सूची में कौन सी वस्तुएं सबसे ऊपर हैं?
दुबई के H1 बाहरी व्यापार में वस्तुओं की सूची में सोना सबसे ऊपर है, जिसकी राशि 138.8 बिलियन दिरहम है। यह दुबई व्यापार का 19.2% हिस्सा है। सोने के बाद टेलीकॉम का नंबर आता है जो कुल व्यापार का 13% है। इसके बाद हीरे, आभूषण और वाहन व्यापार का स्थान है।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.3