एनसीआर राज्यों और पंजाब में धान की पराली प्रबंधन का विश्लेषण
- चालू वर्ष में धान की पराली को जलाने की घटनाओं में महत्वपूर्ण कमी आई है। यह केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के साथ अन्य हितधारकों के किए गए शानदार और सिलसिलेवार प्रयासों को दिखाती है।
- धान की पराली को जलाने की घटनाओं की निगरानी के लिए मानक इसरो प्रोटोकॉल पर आधारित आंकड़ों के अनुसार 15 सितंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2022 की अवधि के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश व राजस्थान के एनसीआर जिलों में पराली को जलाने की घटनाएं 2021 के 78,550 से घटकर 2022 में 53,792 हो गई हैं। यानी इसमें 31.5 फीसदी की कमी दर्ज की गई है
- केंद्र सरकार ने अपनी सीआरएम (फसल अवशेष प्रबंधन) योजना के तहत पंजाब सरकार, एनसीआर राज्य सरकारों और जीएनसीटीडी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार) को 2018-19 से 2022-23 की पांच साल की अवधि के दौरान इस क्षेत्र में पराली के प्रभावी प्रबंधन के लिए 3,062 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जारी की है। इसमें से 1,426 करोड़ रुपये से अधिक पंजाब राज्य सरकार को जारी किए गए हैं।
- अब तक सीआरएम योजना के माध्यम से फसल अवशेष प्रबंधन के लिए पंजाब में लगभग 1.20 लाख, हरियाणा में लगभग 72,700 और उत्तर प्रदेश (एनसीआर) लगभग 7,480 मशीनें उपलब्ध हैं।
- उल्लेखनीय है कि पराली जलने की घटना की निगरानी और एकीकृत डेटा को सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने इसरो, आईएआरआई (भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान) और अन्य हितधारकों की सहायता से सैटेलाइट डेटा का उपयोग करके पराली को जलाने की निगरानी के लिए एक मानक प्रोटोकॉल भी तैयार किया था।
- फसल अवशेषों के अपने स्थान पर ही बेहतर प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार, पंजाब सरकार, एनसीआर राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों ने ठोस प्रयास किए।
- इसके लिए:
- सीआरएम साधन का उपयोग,
- पूसा जैव अपघटकों का उपयोग,
- पराली के उपयोग व व्यापक आईईसी गतिविधियों के लिए विभिन्न विकल्पों की सुविधा प्रदान करना,
- शैक्षणिक अभियान, जागरूकता शिविर और
- प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार ने पराली जलाने की संख्या को कम करने में काफी सहायता की है।
- चालू वर्ष में (3/11/2022 को) दिल्ली में दैनिक पीएम 2.5 स्तरों में पराली जलाने का अधिकतम योगदान 34 फीसदी था। वहीं, पिछले साल (7/11/2021 को) यह 48 फीसदी था।
- नवंबर, 2022 में दिल्ली का दैनिक औसत एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) नवंबर, 2021 के 376.50 की तुलना में कम होकर 320.60 दर्ज किया गया। यानी इसमें 56 अंकों की सुधार दर्ज की गई।