ब्रिटेन में कोयला आधारित बिजली के 142 वर्षीय युग का अंत:
चर्चा में क्यों है?
- ब्रिटेन का अंतिम कोयला आधारित बिजली संयंत्र 30 सितम्बर को बंद हो गया, जिससे देश में 142 वर्षों से कोयले से बिजली उत्पादन का सिलसिला समाप्त हो जाएगा, जिसने औद्योगिक क्रांति को जन्म दिया था।
- उल्लेखनीय है कि मध्य इंग्लैंड में रैटक्लिफ़-ऑन-सोअर स्टेशन, 1967 से कोयले से बिजली बनाने के आधे से ज़्यादा शताब्दी के बाद, आधी रात को अपनी अंतिम पारी समाप्त की।
ब्रिटेन की ग्रीन इकोनॉमी पहल:
- ब्रिटिश सरकार ने इस बंद को 2030 तक ब्रिटेन की सारी ऊर्जा अक्षय स्रोतों से बनाने के प्रयासों में एक मील का पत्थर बताया।
- इस शटडाउन के साथ ब्रिटेन, G-7 अर्थव्यवस्थाओं में से कोयले को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने वाला पहला देश बन गया है – हालांकि स्वीडन और बेल्जियम सहित कुछ अन्य यूरोपीय देश इस दिशा में पहले ही आगे बढ़ चुके हैं।
ब्रिटेन में नवीकरणीय ऊर्जा का विकासक्रम:
- दुनिया का पहला कोयला-आधारित बिजली घर: उल्लेखनीय है कि दुनिया का पहला कोयला-आधारित बिजली घर, हॉलबोर्न वियाडक्ट बिजलीघर, 1882 में लंदन में आविष्कारक थॉमस एडिसन द्वारा बनाया गया था – जिसने लंदन की सड़कों पर रोशनी ला दी।
- उस समय से लेकर बीसवीं सदी के प्रथम अर्द्ध तक, कोयले से ब्रिटेन की लगभग समस्त बिजली की आपूर्ति होती रही, तथा घरों और व्यवसायों को भी इसी से ऊर्जा मिलती रही।
- 1990 के दशक के प्रारम्भ में, गैस के कारण कोयले को विद्युत मिश्रण से बाहर किया जाने लगा, लेकिन अगले दो दशकों तक कोयला यू.के. ग्रिड का एक महत्वपूर्ण घटक बना रहा। वर्ष 2012 में भी यह ब्रिटेन की 39% बिजली पैदा करता था। हालांकि 2023 तक यह मात्र 1 प्रतिशत रह गई।
- वर्तमान में ब्रिटेन की आधी से ज़्यादा बिजली अब पवन और सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों से आती है, और बाकी प्राकृतिक गैस और परमाणु ऊर्जा से आती है।
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