भारत-चीन LAC पर “मतभेदों को कम करने” के लिए संपर्क बढ़ाने पर सहमत:
चर्चा में क्यों है?
- पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर मई 2020 में शुरू हुए भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध को हल करने के लिए कूटनीतिक वार्ता में कुछ प्रगति का संकेत देते हुए, भारत ने 29 अगस्त को कहा कि दोनों पक्षों ने LAC पर स्थिति में “मतभेदों को कम करने” और “बकाया मुद्दों का शीघ्र समाधान खोजने” के लिए “स्पष्ट, रचनात्मक और दूरंदेशी” विचारों का आदान-प्रदान किया।
- उल्लेखनीय है कि सीमा गतिरोध पर द्विपक्षीय वार्ता में पहली बार “मतभेदों को कम करना” शब्द का प्रयोग किया गया है और कूटनीतिक भाषा में यह वार्ता में प्रगति का संकेत देता है।
- विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC) की 31वीं बैठक 29 अगस्त 2024 को बीजिंग में आयोजित की गई है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर इस प्रगति के पीछे की वजह:
- यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि रूस ने दो दिन पहले कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर में रूस के कज़ान में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अपनी “तैयारी की पुष्टि की है”। इससे प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को शिखर सम्मेलन से इतर मिलने का अवसर भी मिलेगा।
- उल्लेखनीय है कि इस बैठक में जुलाई 2024 में अस्ताना और वियनतियाने में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठकों द्वारा अपनी चर्चा में तेजी लाने के लिए दिए गए मार्गदर्शन के अनुरूप, और पिछले महीने आयोजित WMCC बैठक से आगे बढ़ते हुए, दोनों पक्षों ने मतभेदों को कम करने और लंबित मुद्दों का शीघ्र समाधान खोजने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति पर विचारों का स्पष्ट, रचनात्मक और दूरदर्शी आदान-प्रदान किया।
- जुलाई में WMCC की बैठक के बाद, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि दोनों पक्ष स्थापित राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से “मोमेंटम बनाए रखने” पर सहमत हुए हैं। इस बार, “गंभीर संपर्क” को रेखांकित किया गया है, जो वार्ता में तात्कालिकता (urgency) की भावना का सुझाव देता है।
- साथ ही जुलाई की बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा था कि शांति और सौहार्द की बहाली तथा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए “एक आवश्यक आधार” है। जबकि इस बार बयान में कहा गया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली “आवश्यक आधार” है – जिससे बयान को और अधिक निश्चित स्वर मिला।
पूर्वी लद्दाख में LAC पर टकराव के बिंदु:
- पूर्वी लद्दाख में LAC के साथ शेष टकराव बिंदुओं में मुख्य रूप से डेपसांग मैदान और डेमचोक जैसे पहले से चले आ रहे बिंदु शामिल हैं। LAC के साथ सेनाओं का अंतिम औपचारिक अलगाव सितंबर 2022 में हुआ था जब दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख के गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पैट्रोलिंग पॉइंट-15 से सैनिकों को पीछे हटा लिया था।
- उल्लेखनीय है कि गतिरोध की शुरुआत के बाद से, गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो के उत्तरी और दक्षिणी तट और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र जैसे टकराव बिंदुओं पर LAC के साथ बफर जोन के निर्माण के साथ, कुछ हद तक समाधान देखा गया है। ध्यातव्य है कि दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में LAC के साथ लगभग 50,000-60,000 सैनिकों को तैनात किया है।
भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC):
- भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC) की स्थापना 2012 में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के प्रबंधन के लिए परामर्श और समन्वय हेतु एक संस्थागत तंत्र के रूप में की गई थी, साथ ही इसका उद्देश्य दोनों पक्षों के सीमा सुरक्षा कर्मियों के बीच संचार और सहयोग को मजबूत करने पर विचारों का आदान-प्रदान करना भी था।
- इस तंत्र का नेतृत्व “भारत के विदेश मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी और चीन के विदेश मंत्रालय के एक महानिदेशक स्तर के अधिकारी द्वारा किया जाएगा और इसमें राजनयिक और सैन्य अधिकारी शामिल होंगे”।
नोट : आप खुद को नवीनतम UPSC Current Affairs in Hindi से अपडेट रखने के लिए Vajirao & Reddy Institute के साथ जुडें.
नोट : हम रविवार को छोड़कर दैनिक आधार पर करेंट अफेयर्स अपलोड करते हैं
Read Current Affairs in English ⇒