इजराइल-हिजबुल्लाह के मध्य नवीनतम संघर्ष:
चर्चा में क्यों है?
- रविवार तड़के, मध्य पूर्व उस समय गहरे संकट में फंस गया जब इजरायली सेना ने लेबनान के खिलाफ हवाई हमलों की एक श्रृंखला शुरू कर दी, जिसके जवाब में हिजबुल्लाह ने भारी संख्या में ड्रोन से हमला किया।
- इजरायली रक्षा बलों ने कहा कि “उसने हिजबुल्लाह आतंकवादी संगठन की पहचान की है जो इजरायली क्षेत्र की ओर मिसाइल और रॉकेट दागने की तैयारी कर रहा है। इन खतरों के जवाब में, इजरायली सेना लेबनान में आतंकी ठिकानों को निशाना बना रहा है”।
- उल्लेखनीय है कि गाजा में युद्ध के समानांतर शुरू हुई लड़ाई में किसी भी बड़े फैलाव से क्षेत्रीय संघर्ष में तब्दील होने का खतरा है, जिसमें हिजबुल्लाह के समर्थक ईरान और इजरायल के मुख्य सहयोगी संयुक्त राज्य अमेरिका भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि, दोनों पक्षों ने संकेत दिया कि वे फिलहाल तनाव को और बढ़ाने से बचना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में और हमले हो सकते हैं।
इस नवीनतम संघर्ष की पृष्ठभूमि:
- उल्लेखनीय है कि पिछले महीने इजरायल के गोलान हाइट्स में मिसाइल हमले में 12 युवकों की मौत हो गई थी और जवाब में इजरायली सेना ने बेरूत में हिजबुल्ला के वरिष्ठ कमांडर फुआद शुक्र की हत्या कर दी थी, जिसके बाद से तनाव बढ़ने की उम्मीदें बढ़ गई थी।
- हिजबुल्ला के एक अधिकारी ने कहा कि हिजबुल्ला ने युद्धविराम वार्ता के लिए समय देने के लिए अपने जवाबी हमले में देरी की थी और पूर्ण पैमाने पर युद्ध को रोकने के लिए अपने हमले को कम किया था।
- इस बीच गाजा में इजरायली आक्रमण जारी रहा। काहिरा में हुई गाजा युद्धविराम वार्ता में कोई समझौता नहीं हुआ, जिसमें न तो हमास और न ही इजरायल मध्यस्थों द्वारा प्रस्तुत कई समझौतों पर सहमत हुए, हालांकि एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने वार्ता को “रचनात्मक” बताया और कहा कि यह प्रक्रिया आने वाले दिनों में जारी रहेगी।
हिज़्बुल्लाह क्या है?
- हिज़्बुल्लाह एक शिया मुस्लिम मिलिशिया संगठन है और लेबनान में सबसे शक्तिशाली सशस्त्र बल पर इसका नियंत्रण है।
- इस संगठन की स्थापना 1980 के दशक की शुरुआत में क्षेत्र की सबसे प्रभावशाली शिया शक्ति ईरान ने इजरायल का विरोध करने के लिए की थी। क्योंकि उस समय, देश के गृहयुद्ध के दौरान इजरायल की सेना ने दक्षिणी लेबनान पर कब्जा कर लिया था।
- उल्लेखनीय है कि हिज़्बुल्लाह 1992 से लेबनान के राष्ट्रीय चुनावों में भाग ले रहा है और एक प्रमुख राजनीतिक उपस्थिति बन गया है।
- जब 2000 में इजरायली सेना लेबनान से वापस लौटी, तो हिजबुल्लाह ने उसको बाहर निकालने का श्रेय लिया। तब से हिजबुल्लाह ने दक्षिणी लेबनान में हजारों लड़ाके और मिसाइलों का विशाल भंडार बना रखा है।
- उल्लेखनीय है कि पश्चिमी देशों, इजरायल, खाड़ी अरब देशों और अरब लीग ने हिज़्बुल्लाह को आतंकवादी संगठन घोषित किया है।
- 2006 में हिज़्बुल्लाह द्वारा सीमा पार से किये गए घातक हमले के कारण हिज्बुल्लाह और इजरायल के बीच पूर्ण युद्ध छिड़ गया था। इजरायली सैनिकों ने हिजबुल्लाह के खतरे को खत्म करने के लिए दक्षिणी लेबनान पर हमला किया। हालांकि, यह बच गया और तब से इसने अपने लड़ाकों की संख्या बढ़ा दी है और नए और बेहतर हथियार हासिल कर लिए हैं।
हिज़्बुल्लाह की सैन्य ताकत कितनी है?
- हिजबुल्लाह दुनिया की सबसे भारी हथियारों से लैस मिलिशिया सैन्य ताकतों में से एक है। इसे ईरान से धन और उपकरण मिलते हैं।
- हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह ने दावा किया है कि उसके पास 1,00,000 लड़ाके हैं, हालांकि स्वतंत्र अनुमानों के अनुसार यह संख्या 20,000 से 50,000 के बीच है।
- इनमें से कई लोग अच्छी तरह प्रशिक्षित और युद्ध में अनुभवी हैं तथा सीरियाई गृहयुद्ध में लड़ चुके हैं।
- हिजबुल्लाह के पास अनुमानतः 120,000-200,000 रॉकेट और मिसाइलें हैं। इसका अधिकांश शस्त्रागार छोटे, बिना निर्देशित सतह से सतह पर मार करने वाले रॉकेटों से बना है। लेकिन ऐसा भी माना जा रहा है कि इसमें विमान रोधी और जहाज रोधी मिसाइलें भी होंगी, साथ ही इसमें निर्देशित मिसाइलें भी होंगी जो इजरायल के भीतर तक हमला करने में सक्षम होंगी।
क्या हिज़्बुल्लाह इजरायल के साथ युद्ध कर सकता है?
- 7 अक्टूबर के हमास के हमले के बाद इजरायल की गाजा में जबाबी कार्यवाही के विरुद्ध फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए हिजबुल्लाह ने इजरायली ठिकानों पर गोलीबारी की। तब से, इसने उत्तरी इजरायल और गोलान हाइट्स पर इजरायली ठिकानों पर 8,000 से अधिक रॉकेट दागे हैं, बख्तरबंद वाहनों पर एंटी-टैंक मिसाइलें दागी हैं और विस्फोटक ड्रोन से सैन्य ठिकानों पर हमला किया है।
- इजरायल सुरक्षा बलों ने भी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले और टैंक और तोपखाने की आग का इस्तेमाल करते हुए जवाबी कार्रवाई की है।
- लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 10 महीनों में 560 से अधिक लोग मारे गए हैं। उनमें से अधिकांश हिजबुल्लाह के लड़ाके थे, लेकिन कम से कम 133 नागरिक भी थे। इजरायली अधिकारियों का कहना है कि कम से कम 26 नागरिक और 23 सैनिक मारे गए हैं।
- इन लड़ाईयों के बावजूद, पर्यवेक्षकों का कहना है कि अब तक दोनों पक्षों ने पूर्ण पैमाने पर युद्ध की सीमा पार किए बिना शत्रुता को नियंत्रित करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन ऐसी आशंका है कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है।
- वहीं अमेरिका गाजा में युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई के समझौते के जरिए तनाव कम करने की उम्मीद कर रहा है, और वह इजरायल और हमास पर लगातार दबाव बना रहा है। जबकि हिज़्बुल्लाह ने कहा है कि वह गाजा में लड़ाई खत्म होने के बाद ही शत्रुता को रोकेगा।
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