भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (ISMR) के दूसरे बैठक का आयोजन:
चर्चा में क्यों है?
- भारत और सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्रियों ने दूसरे भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (ISMR) में इस बात पर विचार किया कि दोनों देश डिजिटल, कौशल विकास, स्वास्थ्य सेवा, संपर्क और अत्याधुनिक विनिर्माण में द्विपक्षीय सहयोग को कैसे बढ़ा सकते हैं।
- उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में विदेश मंत्री एस जयशंकर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा और आपसी हितों के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए दूसरे ISMR में भाग लिया।
भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज (ISMR):
- उल्लेखनीय है कि ‘भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज (ISMR)’ सिंगापुर और भारत के मंत्रियों के लिए द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा करने और आपसी हितों के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मंच है। यह भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक नया एजेंडा निर्धारित करने के लिए स्थापित एक अनूठा तंत्र है।
- इसकी उद्घाटन बैठक सितंबर 2022 में नई दिल्ली में हुई थी। यह बैठक दोनों पक्षों को अपनी रणनीतिक साझेदारी के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करने और इसे और आगे बढ़ाने और व्यापक बनाने के लिए नए रास्ते तलाशने में सक्षम बनाती है।
- प्रथम ISMR के दौरान, सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण (MAS) और गुजरात में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) के बीच फिनटेक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
- दूसरे ISMR में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए डिजिटल कनेक्टिविटी, फिनटेक, ग्रीन इकोनॉमी, ग्रीन हाइड्रोजन, कौशल विकास और खाद्य सुरक्षा जैसे उभरते क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- साथ ही भारत में निवेश के अवसरों की खोज, देश की आर्थिक वृद्धि का लाभ उठाने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
भारत-सिंगापुर का व्यापार और आर्थिक संबंध:
- उल्लेखनीय है कि भारत और सिंगापुर के बीच मजबूत व्यापारिक और आर्थिक संबंध है। दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) 2005 से ही क्रियाशील है।
- दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय व्यापार 2004-05 में 6.7 अरब डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 35.6 अरब डॉलर हो गया, जो सिंगापुर को भारत का छठा सबसे बड़ा वैश्विक व्यापार भागीदार बनता है। इसमें सिंगापुर को भारत का निर्यात 14.4 अरब डॉलर रहा, जबकि आयात 21.1 अरब डॉलर रहा।
- सिंगापुर भारत के लिए FDI का प्रमुख स्रोत:
- सिंगापुर भारत के लिए FDI का एक प्रमुख स्रोत भी रहा है।
- वर्ष 2023-24 में, सिंगापुर भारत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का सबसे बड़ा स्रोत था, जिसमें अनुमानित 11.77 अरब डॉलर का प्रवाह था।
- अप्रैल 2000 से मार्च 2024 तक सिंगापुर से FDI का संचयी प्रवाह लगभग 159.94 अरब डॉलर है।
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