Register For UPSC IAS New Batch

शहरी भूमि अभिलेखों को अद्यतन करने की पायलट योजना, ‘नक्शा’:

For Latest Updates, Current Affairs & Knowledgeable Content.

शहरी भूमि अभिलेखों को अद्यतन करने की पायलट योजना, ‘नक्शा’:

परिचय:

  • केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 18 फरवरी को मध्य प्रदेश के रायसेन में 26 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों (UT) के 152 शहरी स्थानीय निकायों (ULB) में पायलट आधार पर ‘शहरी बस्तियों के राष्ट्रीय भू-स्थानिक ज्ञान-आधारित भूमि सर्वेक्षण (नक्शा)’ का उद्घाटन किया।
  • उल्लेखनीय है कि नक्शा कार्यक्रम का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में भूमि रिकॉर्ड बनाना और उन्हें अपडेट करना है ताकि भूमि स्वामित्व का सटीक और विश्वसनीय दस्तावेज़ीकरण सुनिश्चित किया जा सके।

‘नक्शा’ कार्यक्रम क्या है?

  • ‘शहरी बस्तियों के राष्ट्रीय भू-स्थानिक ज्ञान-आधारित भूमि सर्वेक्षण (नक्शा)’ मौजूदा डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (DILRMP) के तहत एक शहर सर्वेक्षण पहल है। इसका नेतृत्व ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत भूमि संसाधन विभाग (DoLR) द्वारा किया जाता है।
  • इस नई पहल के तहत कस्बों और शहरों के नक्शे तैयार किए जाएंगे। इस पायलट कार्यक्रम के लिए चुने गए शहर दो मानदंडों को पूरा करते हैं: 35 वर्ग किलोमीटर से कम क्षेत्रफल और 2 लाख से कम आबादी।
  • नक्शा कार्यक्रम का उद्देश्य शहरी भूमि रिकॉर्ड के लिए एक व्यापक और सटीक भू-स्थानिक डेटाबेस बनाना है। उन्नत जीआईएस तकनीक के साथ हवाई और क्षेत्र सर्वेक्षणों को एकीकृत करके, यह कार्यक्रम भूमि प्रशासन में दक्षता बढ़ाता है, संपत्ति स्वामित्व रिकॉर्ड को सुव्यवस्थित करता है और शहरी नियोजन को सुविधाजनक बनाता है।
  • यह पहल नागरिकों को सशक्त बनाएगी, जीवन को आसान बनाएगी, शहरी नियोजन को बेहतर बनाएगी और भूमि संबंधी विवादों को कम करेगी।

‘नक्शा’ कार्यक्रम की आवश्यकता क्यों थी?

  • यह कार्यक्रम शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों के अद्यतनीकरण के मुद्दे को संबोधित करता है – जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों में सुधार हुआ है, कई शहरों में आज भी नक्शे नहीं हैं।
  • DoLR के एक अधिकारी बताया कि अधिकांश शहरी क्षेत्रों – तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा जैसे कुछ राज्यों को छोड़कर – में पुराने या असंरचित भूमि अभिलेख हैं, जिससे शासन और कराधान में अक्षमताएँ पैदा होती हैं।
  • उल्लेखनीय है कि इस पहल का विचार पहली बार पिछले साल केंद्रीय बजट में रखा गया था। वित्त मंत्री ने 1 फरवरी, 2025 को अपने बजट भाषण में, इसे दोहराते हुए कहा कि शासन, नागरिक सेवाओं, शहरी भूमि और नियोजन से संबंधित शहरी क्षेत्र के सुधारों को इसके जरिये प्रोत्साहित किया जाएगा।

नक्शा कार्यकम में क्या शामिल है?

  • उल्लेखनीय है कि जनगणना 2011 के अनुसार, भारत में 7,933 कस्बे हैं, जो देश के कुल 32.87 लाख वर्ग किलोमीटर भौगोलिक क्षेत्र में से 1.02 लाख वर्ग किलोमीटर को कवर करते हैं। नक्शा कार्यक्रम 4,142.63 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करेगा।
  • यह पहल 100 प्रतिशत केंद्र द्वारा वित्तपोषित है। पायलट प्रोजेक्ट पर लगभग 194 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है।
  • एक बार पूरा हो जाने पर, नक्शा से व्यापक डिजिटल शहरी भूमि रिकॉर्ड उपलब्ध कराने, भूमि विवादों को कम करने, तेज़ और अधिक कुशल शहरी नियोजन में सहायता करने, संपत्ति कर संग्रह में सुधार करने, संपत्ति लेनदेन को सरल बनाने और ऋण तक पहुँच में सुधार करने की उम्मीद है।
  • केंद्र सरकार पायलट पूरा होने के बाद ‘नक्शा’ को बढ़ाने की योजना बना रहा है। परिणामों और सीखों के आधार पर, यह पहल देश के 4,912 शहरी स्थानीय निकायों में शुरू की जाएगी।

नोट : आप खुद को नवीनतम UPSC Current Affairs in Hindi से अपडेट रखने के लिए Vajirao & Reddy Institute के साथ जुडें.

नोट : हम रविवार को छोड़कर दैनिक आधार पर करेंट अफेयर्स अपलोड करते हैं

Read Current Affairs in English

Call Now Button