नीति आयोग द्वारा एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24 जारी:
चर्चा में क्यों है?
- एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय प्रगति को मापने के लिए देश के प्रमुख उपकरण का चौथा संस्करण 12 जुलाई को नीति आयोग द्वारा जारी किया गया।
- एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24 सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय संकेतक की संरचना (NIF) से जुड़े 113 संकेतकों पर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की राष्ट्रीय प्रगति को मापता है और ट्रैक करता है।
एसडीजी इंडिया इंडेक्स क्या है?
- नीति आयोग द्वारा 2018 में लांच किया गया एसडीजी इंडिया इंडेक्स प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश के लिए 16 एसडीजी पर लक्ष्य-वार स्कोर की गणना करता है। 16 एसडीजी में इसके प्रदर्शन के आधार पर उप-राष्ट्रीय इकाई के समग्र प्रदर्शन को मापने के लिए लक्ष्य-वार स्कोर से राज्यों के व्यक्तिगत स्कोर और समग्र स्कोर तैयार किए जाते हैं।
- ये स्कोर 0-100 के बीच होते हैं, और यदि कोई राज्य 100 का स्कोर प्राप्त करता है, तो यह दर्शाता है कि उसने लक्ष्य हासिल कर लिया है। किसी राज्य का स्कोर जितना अधिक होगा, लक्ष्य की दिशा में वह उतना ही करीब बढ़ा है।
- उल्लेखनीय है कि सतत विकास लक्ष्य 2030 एजेंडा को अपनाने के बाद से सतत विकास लक्ष्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता नीति आयोग द्वारा संचालित सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण पर ठोस प्रयासों में परिलक्षित होती है, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर काम करता है।
- नीति आयोग के पास देश में सतत विकास लक्ष्यों को अपनाने और उनकी निगरानी करने तथा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने का दोहरा दायित्व है।
एसडीजी इंडिया इंडेक्स क्यों महत्वपूर्ण है?
- एसडीजी इंडिया इंडेक्स ने स्थानीयकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया, इस परिवर्तनकारी यात्रा में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को प्रमुख हितधारकों के रूप में पुष्टि की। लक्ष्यों पर प्रगति का एक व्यापक और तुलनात्मक विश्लेषण प्रदान करने के लिए एसडीजी इंडिया इंडेक्स में पिछले कुछ वर्षों में लगातार सुधार किया गया है।
- सहकारी प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर, सूचकांक न केवल उपलब्धियों को उजागर करता है, बल्कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को परिणाम-आधारित अंतराल को कम करने के लिए एक-दूसरे से सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- सूचकांक राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप होने के साथ-साथ 2030 एजेंडा के तहत वैश्विक लक्ष्यों की व्यापक प्रकृति की अभिव्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24 की मुख्य विशेषताएं और परिणाम:
- भारत का समग्र स्कोर 2018 में 57 से बढ़कर 2020-21 में 66 हो गया तथा 2023-24 में 71 हो गया। भारत ने सूचकांक के 2020-21 और 2023-24 संस्करणों के बीच सतत विकास लक्ष्यों पर प्रगति को गति देने में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
- लक्ष्य 1 (गरीबी उन्मूलन), 8 (सभ्य कार्य और आर्थिक विकास), 13 (जलवायु कार्रवाई) में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई है। ये अब ‘फ्रंट रनर’ श्रेणी (65-99 के बीच का स्कोर) में हैं।
- इनमें से, लक्ष्य 13 (जलवायु कार्रवाई) ने सबसे अधिक सुधार दिखाया है, जिसका स्कोर 54 से बढ़कर 67 हो गया है। लक्ष्य 1 (गरीबी उन्मूलन) का स्थान इसके ठीक बाद है, जिसका स्कोर 60 से बढ़कर 72 हो गया है।
- यह प्रगति नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने में केंद्र और राज्य सरकारों के केंद्रित कार्यक्रमगत हस्तक्षेपों और योजनाओं के प्रभावों को रेखांकित करती है। खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, विद्युतीकरण, सभी के लिए आवास, स्वच्छता, स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन और ऊर्जा सुनिश्चित करने पर सरकार के फोकस ने सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- 32 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश 10 नए प्रवेशकों के साथ अग्रणी श्रेणी में हैं – अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मणिपुर, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तथा दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव।
- 2018 और 2023-24 के बीच सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्य उत्तर प्रदेश (स्कोर में 25 की वृद्धि) हैं, इसके बाद जम्मू-कश्मीर (21), उत्तराखंड (19), सिक्किम (18), हरियाणा (17), असम, त्रिपुरा और पंजाब (16-16), मध्य प्रदेश और ओडिशा (15-15) हैं।
सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक प्रमुख हस्तक्षेप:
- प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत 4 करोड़ से अधिक घर,
- ग्रामीण क्षेत्रों में 11 करोड़ शौचालय एवं 2.23 लाख सामुदायिक स्वच्छता परिसर
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 10 करोड़ एलपीजी कनेक्शन,
- जल जीवन मिशन के तहत 14.9 करोड़ से अधिक घरों में नल जल कनेक्शन
- आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 30 करोड़ से अधिक लाभार्थी
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के अंतर्गत 80 करोड़ से अधिक लोगों को शामिल किया गया
- 150,000 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों तक पहुंच जो प्राथमिक चिकित्सा देखभाल प्रदान करते हैं और सस्ती जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराते हैं
- प्रधानमंत्री जनधन खातों के माध्यम से 34 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) किया गया।
- कौशल भारत मिशन के तहत 1.4 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित और कौशल-उन्नत किया गया है तथा 54 लाख युवाओं को पुनः कौशल प्रदान किया गया है।
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत युवाओं की उद्यमशीलता संबंधी आकांक्षाओं के लिए 22.5 लाख करोड़ रुपये के 43 करोड़ ऋण स्वीकृत किए गए।
- स्टार्ट अप इंडिया और स्टार्ट अप गारंटी योजनाएं युवाओं की सहायता कर रही हैं
- बिजली तक पहुंच के लिए सौभाग्य योजना
- नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर देने के परिणामस्वरूप पिछले दशक में सौर ऊर्जा क्षमता 2.82 गीगावाट से बढ़कर 73.32 गीगावाट हो गयी।
- 2017 और 2023 के बीच, भारत ने लगभग 100 गीगावाट स्थापित विद्युत क्षमता जोड़ी है, जिसमें से लगभग 80% गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित संसाधनों से प्राप्त हुई है।
- डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ इंटरनेट डेटा की लागत में 97% की कमी आई है, जिससे वित्तीय समावेशन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और उसे बढ़ावा मिला है।
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