भारत-UAE के मध्य ऊर्जा संबंधों को विस्तार देने के लिए 4 प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर:
परिचय:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, के दोनों देशों के मध्य समग्र रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक वार्ता के क्रम में भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने 9 सितंबर को चार प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जो कच्चे तेल के भंडारण, एलएनजी की दीर्घकालिक आपूर्ति और असैन्य परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग की सुविधा प्रदान करेंगे।
- विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों नेताओं ने अप्रयुक्त क्षमता के नए क्षेत्रों, विशेष रूप से परमाणु ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिज, हरित हाइड्रोजन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का पता लगाने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
दोनों के मध्य ऊर्जा संबंधों को लेकर प्रमुख समझौते:
LNG की दीर्घकालिक आपूर्ति के लिए समझौता:
- इन समझौतों में अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (ADNOC) द्वारा भारतीय तेल निगम लिमिटेड को प्रति वर्ष एक मिलियन मीट्रिक टन तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) की दीर्घकालिक आपूर्ति के लिए एक समझौता किया गया है।
- प्रति वर्ष 1 मिलियन मीट्रिक टन LNG की दीर्घकालिक आपूर्ति के लिए यह समझौता, एक वर्ष से कुछ अधिक समय में हस्ताक्षरित तीसरा ऐसा अनुबंध है। आईओसीएल और गेल दोनों ने पहले क्रमशः ADNOC के साथ 1.2 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष और 0.5 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष के लिए दीर्घकालिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
नागरिक परमाणु क्षेत्र में सहयोग समझौता:
- अमीरात न्यूक्लियर एनर्जी कंपनी (ENEC) और न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) ने भी एक समझौता किया है, जिससे परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के संचालन और रखरखाव, भारत से परमाणु वस्तुओं और सेवाओं की सोर्सिंग में सहयोग बढ़ने की उम्मीद है।
- यह नागरिक परमाणु क्षेत्र में आपसी निवेश के अवसरों की खोज और क्षमता निर्माण के लिए एक रूपरेखा भी प्रदान करेगा।
भारत में रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व को लेकर समझौता:
- इन चार समझौते में ADNOC तथा इंडिया स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (ISPRL) के बीच एक अन्य समझौता भी शामिल है।
- इस समझौता ज्ञापन में भारत में कच्चे तेल के भंडारण के लिए अतिरिक्त अवसरों में ADNOC की भागीदारी की संभावना तलाशने और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य शर्तों पर उनके भंडारण और प्रबंधन समझौते के नवीनीकरण का प्रावधान है।
अबू धाबी ऑनशोर ब्लॉक-1 के लिए उत्पादन रियायत समझौता:
- चौथा समझौता ‘ऊर्जा भारत’ और ADNOC के बीच अबू धाबी ऑनशोर ब्लॉक-वन के लिए उत्पादन रियायत समझौता है।
- ऊर्जा भारत (IOCL और भारत पेट्रो रिसोर्सेज लिमिटेड का संयुक्त उद्यम) और ADNOC के बीच ‘अबू धाबी ऑनशोर ब्लॉक-1’ के लिए उत्पादन रियायत समझौता यूएई में परिचालन करने वाली किसी भी भारतीय कंपनी के लिए पहला समझौता है।
- यह रियायत समझौता ‘ऊर्जा भारत’ को भारत में कच्चा तेल लाने का अधिकार देती है, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा में योगदान मिलेगा।
दोनों नेताओं के मध्य अन्य मुद्दों पर चर्चा:
- इस वार्ता में दोनों नेताओं ने ‘भारत-यूएई व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ में हाल के वर्षों में हासिल की गई “पर्याप्त प्रगति” पर संतोष व्यक्त किया और द्विपक्षीय सहयोग के सभी क्षेत्रों में संबंधों को और गहरा करने के अवसरों पर चर्चा की।
- दोनों नेताओं ने स्वीकार किया कि व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) की सफलता और हाल ही में द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) के लागू होने से दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक और वाणिज्यिक साझेदारी को और बल मिलेगा।
- दोनों देशों ने सीमा पार लेनदेन के लिए भारतीय रुपया और संयुक्त अरब अमीरात दिरहम के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए फरवरी 2022 में CEPA और जुलाई 2023 में स्थानीय मुद्रा निपटान (LCS) प्रणाली पर हस्ताक्षर किए थे।
भारत-यूएई संबंधों का तेजी से होता विस्तार:
- उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत-यूएई संबंधों में काफी तेजी आई है। अगस्त 2015 में मोदी की यूएई की ऐतिहासिक यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक ले जाया गया।
- यूएई में लगभग 3.5 मिलियन का मजबूत और जीवंत भारतीय समुदाय सबसे बड़ा प्रवासी समूह है।
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