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राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) के लिए फिसलन भरा रास्ता:

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राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) के लिए फिसलन भरा रास्ता:

मुद्दा क्या है?   

  • वित्तीय वर्ष 2023-24 में 34 किमी प्रति दिन से, वित्तीय वर्ष 2024-25 में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की गति धीमी होकर 31 किमी प्रति दिन होने की उम्मीद है।
  • क्रेडिट रेटिंग एजेंसी केयरएज रेटिंग को उम्मीद है कि निष्पादन की गति में साल-दर-साल 7-10 प्रतिशत की गिरावट आएगी – वित्त वर्ष 2023-24 में 12,350 किमी से वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 11,500 किमी तक।

राजमार्ग निर्माण की गति धीमी होने के क्या कारण हैं?

  • राजमार्ग निर्माण के क्षेत्र में मध्यम क्रेडिट प्रोफाइल वाले मध्य-स्तरीय डेवलपर्स की आमद, खासकर मार्च 2020 के बाद, को इसके लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ध्यातव्य है कि बोलीदाताओं के अत्यधिक विस्तारित पूल के कारण बोलियों की राशि कम हुईं, लेकिन फंडिंग बाधाओं और अन्य देरी सहित निष्पादन जोखिम बढ़ गए।
  • विश्लेषकों का कहना है कि मामले को बदतर बनाने के लिए, हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) के तहत परियोजनाएं उम्मीद के मुताबिक आगे नहीं बढ़ी हैं।
  • सड़क क्षेत्र के सामने आने वाली अन्य प्रमुख चुनौतियों में भूमि अधिग्रहण बाधाएं और ‘नियुक्त तिथि’ – अर्थात् सफल बोली लगाने वाले को अनुबंध पत्र सौंपना, में देरी भी शामिल है।

 हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) से जुड़ी समस्याएं:

  • हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल है जो इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (EPC) और बनाने, संचालन, हस्तांतरण (BOT) मॉडल को जोड़ती है।
  • मार्च 2020 के बाद आवंटित ₹1.5 लाख करोड़ की हाइब्रिड एन्युटी मॉडल परियोजनाओं में से लगभग एक तिहाई में 4-6 महीने की देरी हो गई है। उनकी कुल ‘बिड परियोजना लागत’ (BPC) ₹50,000 करोड़ है।
  • विशेष रूप से, हाइब्रिड एन्युटी मॉडल परियोजनाओं का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा एक वर्ष से अधिक समय से ‘नियुक्त तिथि’ की प्रतीक्षा कर रहा है; 1 अप्रैल, 2024 तक उनका कुल BPC लगभग ₹40,000 करोड़ है, जबकि 30 जून, 2023 तक ₹14,500 करोड़ है। वहीं 2,200 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए हाइब्रिड एन्युटी मॉडल परियोजनाएं आवंटित होने के एक साल बाद भी शुरू नहीं हो पाईं।
  • जबकि हाइब्रिड एन्युटी मॉडल को मार्च 2020 तक प्रभावी देखा गया था, लेकिन तब से इसकी प्रभावशीलता कम हो गयी है, संभवतः महामारी से संबंधित व्यवधानों के कारण।
  • परियोजना के पूरा होने में देरी, लागत में वृद्धि और राजस्व अनिश्चितताओं ने निजी डेवलपर्स के लिए हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के आकर्षण को प्रभावित किया हो सकता है।
  • इसके अलावा, सरकार की बजटीय बाधाओं और आर्थिक सुधार पर ध्यान केंद्रित करने से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए परिव्यय कम हो सकता है, जिससे हाइब्रिड एन्युटी मॉडल परियोजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।

परियोजना वित्त संबंधी हाल की चिंताएँ:

  • परियोजना वित्तपोषण पर भारतीय रिजर्व बैंक के हालिया मसौदा दिशानिर्देशों ने संकटग्रस्त निर्माण कंपनियों के लिए चिंता की एक और परत जोड़ दी है, जो निर्माणाधीन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निहितार्थ के बारे में चिंतित हैं।
  • पूंजी-गहन होने के कारण बुनियादी ढांचा परियोजनाएं ब्याज दरों में बदलाव के प्रति संवेदनशील होती हैं। नतीजतन, निर्माण चरण के दौरान प्रावधान आवश्यकताओं में 0.4 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक की उल्लेखनीय वृद्धि से मध्यम अवधि में डेवलपर्स की बिड (Bid) में भागीदार होने की संभावना कम हो सकती हैं।

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