स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर रिपोर्ट 2024:
परिचय:
- हाल ही में जारी स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में वायु प्रदूषण के कारण दुनिया भर में 8.1 मिलियन लोगों की मौत हुई है, जिसमें चीन और भारत में क्रमशः 2.3 और 2.1 मिलियन मौतें हुई हैं।
- स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2024 रिपोर्ट 2021 में दुनिया भर के देशों के लिए वायु गुणवत्ता और स्वास्थ्य प्रभावों के आंकड़ों का व्यापक विश्लेषण प्रदान करती है।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष:
- वर्ष 2021 में वायु प्रदूषण के कारण दुनिया भर में 8.1 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई, जो मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा जोखिम कारक बन गया, जिसमें पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चे भी शामिल हैं।
- कुल मौतों में से, हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह, फेफड़ों के कैंसर और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) सहित गैर-संचारी रोग वायु प्रदूषण से होने वाली लगभग 90% बीमारियों के लिए जिम्मेदार हैं।
- 2021 में, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में 700,000 से अधिक मौतें वायु प्रदूषण से जुड़ी थीं; यह पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होने वाली सभी वैश्विक मौतों का 15% है।
भारत को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है:
- इस रिपोर्ट के अनुसार भारत उन देशों में से है जो वायु प्रदूषण का सबसे अधिक खामियाजा भुगत रहे हैं। वायु प्रदूषण के कारण 2.1 मिलियन मौतों के साथ भारत और 2.3 मिलियन मौतों के साथ चीन वैश्विक बोझ का 55% हिस्सा है।
- केवल पार्टिकुलेट मैटर ही नहीं, भारतीय आबादी ओज़ोन के उच्च स्तर के संपर्क में भी हैं। ओज़ोन के अल्पकालिक संपर्क को अस्थमा और अन्य श्वसन लक्षणों के बढ़ने से जोड़ा गया है, जबकि दीर्घकालिक संपर्क क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से जुड़ा है – एक ऐसी स्थिति जिसमें फेफड़े में सूजन रहती है जिससे वायु प्रवाह बाधित होता है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में वैश्विक स्तर पर 489,000 मौतें ओजोन के संपर्क में आने के कारण हुईं – इन मौतों में से लगभग 50% या 237,000 मौतें भारत में हुईं।
- उल्लेखनीय है है कि भारत ने 2021 में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में प्रदूषण से जुड़ी मौतों की सबसे अधिक संख्या भी दर्ज की, जिसमें कम से कम 169,400 मौतें वायु प्रदूषण के कारण हुईं।
- आंकड़ों के अनुसार, भारत में वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है, महामारी के दौरान इसमें मामूली गिरावट देखी गई।
स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौती:
- वायु प्रदूषण एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बन गया है – उच्च रक्तचाप के बाद समय से पहले मृत्यु के लिए दूसरा सबसे बड़ा जोखिम कारक बन गया है और तंबाकू सेवन से आगे है। उच्च रक्तचाप और तंबाकू सेवन के विपरीत – जो मुख्य रूप से वयस्कों को प्रभावित करता है – वायु प्रदूषण बच्चों को मारता है।
- इस रिपोर्ट में कहा गया है कि न केवल वायु गुणवत्ता में सुधार करने की आवश्यकता है, बल्कि स्वास्थ्य में असमानताओं को भी ठीक करने की आवश्यकता है।
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