कोल इंडिया लिमिटेड ने 30 खनित क्षेत्रों को ईको-टूरिज्म स्थलों में परिवर्तित किया

कोल इंडिया लिमिटेड ने 30 खनित क्षेत्रों को ईकोटूरिज्म स्थलों में परिवर्तित किया

  • कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) अपनी परित्यक्त खदानों को इकोपार्क में बदलने की प्रक्रिया में है, जो इकोटूरिज्म के स्थलों के रूप में लोकप्रिय हो गए हैं। ये इको-पार्क और पर्यटन स्थल स्थानीय लोगों के लिए आजीविका का स्रोत भी साबित हो रहे हैं।

  • ऐसे तीस इकोपार्क पहले से ही लोगों को निरंतर आकर्षित कर रहे हैं तथा सीआईएल के खनन क्षेत्रों में और अधिक संख्या में इको पार्क एवं इकोपुनर्स्थापना स्थलों के निर्माण की योजनाएं चल रही हैं।
  • छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एसईसीएल द्वारा विकसित केनापारा ईकोटूरिज्म साइट पर एक आगंतुक ने कहा, “कोई भी यह सोच नहीं सकता था कि एक परित्यक्त खनित भूमि को एक आकर्षक पर्यटन स्थल में रूपांतरित भी किया जा सकता है।
  • इसी तरह, मध्य प्रदेश के सिंगरौली के जयंत इलाके में एनसीएल द्वारा हाल ही में विकसित किए गए मुदवानी इकोपार्क में लैंडस्केप वाटर फ्रंट और रास्ते हैं। एक आगंतुक ने कहा, “सिंगरौली जैसे दूरदराज के एक स्थान में, जहां देखने लायक बहुत कुछ नहीं है, मुदवानी इको-पार्क अपने सुंदर परिदृश्य और मनोरंजन की अन्य सुविधाओं के कारण आगंतुकों की संख्या में वृद्धि का साक्षी बन रहा है।”
  • उपरोक्त के अलावा, 2022-23 के दौरान, सीआईएल ने पहले ही अपने हरित आवरण को 1610 हेक्टेयर तक विस्तारित करके 1510 हेक्टेयर के अपने वार्षिक वृक्षारोपण लक्ष्य को पार कर लिया है। कंपनी ने चालू वित्त वर्ष में 30 लाख से अधिक पौधे लगाए हैं।
  • वित्त वर्ष 22 तक अपने पिछले पांच वित्तीय वर्षों में, खनन पट्टा क्षेत्र के अंदर 4392 हेक्टेयर हरियाली ने 2.2 एलटी/वर्ष की कार्बन सिंक क्षमता पैदा की है

Any Doubts ? Connect With Us.

Related Links

Connect With US Socially

Request Callback

Fill out the form, and we will be in touch shortly.