मार्च अंत तक केंद्र को अपनी रिपोर्ट दे सकता है रोहिणी आयोग
- आरक्षण के बाद भी इसके लाभ से वंचित ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) की डेढ़ हजार से ज्यादा जातियों को हालांकि उनका हक कब मिलेगा यह कहना अभी मुश्किल है, इन जातियों की पड़ताल करने और उन्हें आरक्षण का समुचित लाभ दिलाने के लिए जस्टिस जी. रोहणी की अगुवाई में गठित आयोग जल्द ही अपनी रिपोर्ट दे सकता है।
- मौजूदा समय में ओबीसी की केंद्रीय सूची में करीब 26 सौ जातियां शामिल है।
- खास बात यह है कि ओबीसी की पिछड़ी जातियों का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार ने रोहणी आयोग का गठन वर्ष 2017 में किया था।
- इस आयोग को अब तक करीब 14 बार विस्तार मिल चुका है। वैसे तो नए विस्तार के बाद आयोग का कार्यकाल जुलाई 2023 तक के लिए बढ़ गया है, लेकिन अब वह अपना काम और खींचना नहीं चाहता है।
- आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक ओबीसी की पिछड़ी जातियों को आरक्षण का पूरा लाभ दिलाने के लिए ओबीसी को मिलने वाले 27 फीसद आरक्षण को चार श्रेणियों में बांटने का प्रस्ताव किया गया है। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में पहले से ही ओबीसी जातियों की चार श्रेणियां हैं।