MSP समिति की पहली बैठक
- केंद्र सरकार द्वारा गठित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समिति की पहली बैठक राष्ट्रीय राजधानी के कृषि विज्ञान परिसर (एनएएससी) में संपन्न हुई।
- केंद्र सरकार ने फसलों के मूल्य को लेकर किसान संगठनों की आपत्तियों के मद्देनजर इस समिति का गठन किया है, लेकिन किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने इसमें शामिल होने से इनकार किया है।
- गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जुलाई में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की ‘अधिक असरदार एवं पारदर्शी‘ व्यवस्था के निर्माण के लिए एक समिति का गठन किया था। एमएसपी समिति के प्रमुख पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल हैं।
- इस 26 सदस्यीय समिति में किसान संगठनों के प्रतिनिधि, कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि अर्थशास्त्री के अलावा केंद्र एवं राज्य सरकारों के अधिकारी भी शामिल हैं।
समिति के पहली बैठक में लिए गए निर्णय:
- बैठक में प्राकृतिक खेती, एमएसपी और हिमालयी राज्यों में कृषि की संभावना के अध्ययन के लिए अलग–अलग उप समूहों का गठन का फैसला लिया गया।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रणाली को पारदर्शी और अधिक कारगर बनाने पर चर्चा की गई है।
- जीरो बजट आधारित खेती को प्रोत्साहित करने और देश की जरूरतों के मद्देनजर बदलते क्रॉप पैटर्न पर विचार–विमर्श किया गया। इसके लिए क्रॉप मैपिंग का आंकड़ा तैयार किया जाएगा।
- किसान नेता चौधरी कृष्णबीर ने बताया कि MSP प्रणाली में कृषि लागत व मूल्य आयोग (CACP) को संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए।
न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP):
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) कृषि उत्पादकों को कृषि कीमतों में किसी भी तेज गिरावट के खिलाफ बीमा करने के लिए भारत सरकार द्वारा बाजार में हस्तक्षेप का एक रूप है।
- कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर कुछ फसलों के लिए बुवाई के मौसम की शुरुआत में भारत सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की जाती है।
- प्रमुख उद्देश्य किसानों को संकटग्रस्त बिक्री करने से रोकने में मदद करना है और सार्वजनिक वितरण के लिए खाद्यान्न की खरीद करना है।
- कवर की गई फसलें:
- सरकार द्वारा अनिवार्य 22 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और गन्ने के लिए उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) की घोषणा की।
- अनिवार्य फसलें खरीफ मौसम की 14 फसलें, 6 रबी फसलें और दो अन्य व्यावसायिक फसलें हैं।
- क्रॉप पैटर्न के अनुसंधान के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) का एक संस्थान नागपुर में है, जिससे उसकी वैज्ञानिक सलाह को शामिल किया जाएगा।
- आइसीएआर के महानिदेशक को क्राप पैटर्न की मैपिंग करने का दायित्व सौपा गया है।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -3, के “आर्थिक विकास” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।