नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए विकास की संभावना
- COP26 में प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुरूप, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय 2030 तक गैर–जीवाश्म स्रोतों से 500 GW स्थापित बिजली क्षमता प्राप्त करने और 2070 तक नेट जीरो प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहा है।
- 31.10.2022 तक देश में गैर–जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से कुल 172.72 GW क्षमता स्थापित की गई है। इसमें 119.09 GW अक्षय ऊर्जा, 46.85 GW बड़ी हाइड्रो और 6.78 GW परमाणु ऊर्जा क्षमता शामिल है। यह देश में कुल स्थापित उत्पादन क्षमता 408.71 GW का 42.26% हिस्सा है।
- सरकार ने गैर–जीवाश्म स्रोतों से 500 GW स्थापित क्षमता हासिल करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं, जिनमें अन्य बातों के साथ–साथ शामिल हैं:
- स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति देना।
- 30 जून 2025 तक चालू होने वाली परियोजनाओं के लिए सौर और पवन ऊर्जा की अंतर–राज्य बिक्री के लिए इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) शुल्क में छूट।
- वर्ष 2029-30 तक नवीकरणीय क्रय बाध्यता (आरपीओ) के लिए ट्रजेक्टरी की घोषणा।
- बड़े पैमाने पर आरई परियोजनाओं की स्थापना के लिए आरई डेवलपर्स को जमीन और ट्रांसमिशन उपलब्ध कराने के लिए अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क की स्थापना।
- प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम–कुसुम), सोलर रूफटॉप फेज II, 12000 मेगावाट सीपीएसयू स्कीम फेज II, आदि जैसी योजनाएं।
- अक्षय ऊर्जा के पारेषण के लिए ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर योजना के तहत नई ट्रांसमिशन लाइन बिछाना और नई सब–स्टेशन क्षमता बनाना।
- सौर प्रकाश वोल्टीय प्रणाली/उपकरणों के परिनियोजन के लिए मानकों की अधिसूचना।
- ग्रिड कनेक्टेड सोलर पीवी और विंड प्रोजेक्ट्स से बिजली की खरीद के लिए टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के लिए मानक बोली दिशानिर्देश।
- ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस रूल्स 2022 के माध्यम से अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने की अधिसूचना।
- एक्सचेंजों के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा विद्युत् की बिक्री की सुविधा के लिए ग्रीन टर्म अहेड मार्केट (जीटीएएम) का शुभारंभ।