पंचायती राज मंत्रालय की वर्ष 2022 के अंत की समीक्षा रिपोर्ट
- पंचायती राज मंत्रालय द्वारा देश में पंचायतों के विकास एवं सशक्तिकरण के लिए निम्नलिखित प्रयास किये जा रहे हैं:
स्वामित्व (सर्वे ऑफ विलेजेस एंड मैपिंग विद इम्प्रोवाइज्ड टेक्नोलॉजी इन विलेज एरियाज़):
- इस योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री ने 24 अप्रैल, 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर किया था।
- इसका संकल्प था कि गांवों के हर गृहस्वामी को “मालिकाना दस्तावेज” प्रदान करके ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को सक्षम बनाना।
- पहला चरण – प्रायोगिक योजना (अप्रैल 2020– मार्च 2021): इसके दायरे में हरियाणा, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, आंध्रप्रदेश राज्य हैं।
- दूसरा चरण (अप्रैल 2021– मार्च 2025): वर्ष 2025 तक शेष बचे गांवों का आमूल सर्वेक्षण और 2022 तक देशभर में सीओआरएस नेटवर्क की स्थापना।
ई–ग्राम स्वराज ई–वित्तीय प्रबंधन प्रणाली:
- पंचायती राज संस्थानों में ई-शासन को मजबूत करने के लिये ई–ग्राम स्वराज नामक एक सरलीकृत कार्याधारित लेखांकन एप्लीकेशन को 24 अप्रैल, 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर आरंभ किया गया था।
- इसे ई–पंचायत मिशन मोड परियोजना (एमएमपी) के तहत सभी एप्लीकेशनों के तत्त्वों को मिलाकर विकसित किया गया है।
- ई-ग्राम स्वराज, पंचायती राज संस्थानों को निधियों पर ज्यादा अधिकार देकर पंचायतों की साख बढ़ाता है।
“ऑडिट ऑनलाइन”:
- महत्त्वपूर्ण संस्थागत सुधार के अंग के रूप में, 15वें वित्त आयोग ने कहा है कि पंचायत खातों की लेखा–परीक्षण रिपोर्ट को योग्यता मापदंड के तौर पर जनसाधारण को उपलब्ध कराना जरूरी है।
- इस संबंध में पंचायती राज मंत्रालय ने केंद्रीय वित्त आयोग अनुदान के परिप्रेक्ष्य में पंचायत खातों के ऑनलाइन लेखा–परीक्षण करने के लिये “ऑडिट ऑनलाइन” नामक एप्लीकेशन का विचार किया है।
ग्रामीण स्थानीय निकायों को वित्त आयोग अनुदान:
- 15वें वित्त आयोग ने ग्रामीण स्थानीय निकायों को अनुदानों का आबंटन किया है। वित्त वर्ष 2020-21 के लिये उसका आबंटन 60,750 करोड़ रुपये है और 2021-26 की अवधि के लिये 2,36,805 करोड़ रुपये है।
ग्राम ऊर्जा स्वराज:
- ग्लासगो में नवंबर 2021 को आयोजित कॉप-26 के दौरान जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिये प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता के अनुपालन में पंचायती राज मंत्रालय ने ग्राम ऊर्जा स्वराज पहल की शुरूआत की है, जिसका लक्ष्य है ग्राम पंचायत स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन देना।
- पंचायती राज मंत्रालय ने मई 2022 में ग्राम ऊर्जा स्वराज पोर्टल की भी शुरूआत की है, ताकि नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने की दिशा में पंचायती राज संस्थानों के झुकाव को जाना जा सके।
पंचायतों के प्रावधान (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 (PESA) का क्रियान्वयन:
- 13 सितंबर, 2022 को ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री ने झारखंड, ओडिशा और मध्यप्रदेश के पंचायती राज मंत्रियों से आग्रह किया था कि वे यह सुनिश्चित करें कि आगे और विलंब किये बिना PESA नियमों को अधिसूचित कर दिया जाये। इन राज्यों ने अभी तक PESA नियम नहीं बनाए हैं।
- हाल में ही छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश ने अपने–अपने राज्य पेसा नियमों को क्रमशः 8 अगस्त, 2022 और 15 नवंबर, 2022 को अधिसूचित कर दिया है।
- पंचायती राज मंत्रालय की निरंतर पैरवी और प्रेरित करने के फलस्वरूप 10 PESA राज्यों में से इस समय आठ राज्यों, जैसे आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और तेलंगाना ने अपने-अपने राज्य पंचायती राज अधिनियमों/नियमों के तहत राज्य पीईएसए नियम बना लिये हैं।
- झारखंड और ओडिशा में अंतर-विभागीय परामर्श अभी चल रहा है।
पंचायती राज संस्थानों का क्षमता निर्माण:
- पंचायती राज संस्थानों का क्षमता निर्माण पंचायती राज मंत्रालय की प्रमुख गतिविधियों में से एक है। मंत्रालय पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत बनाने के लिये कार्यक्रम आधारित, तकनीक आधारित और संस्थागत समर्थन दे रहा है।
- पंचायती राज संस्थानों के क्षमता निर्माण की दिशा में प्रमुख गतिविधियों का विवरण इस प्रकार हैः
- राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए): केंद्र द्वारा प्रायोजित इस अभियान का क्रियान्वयन 2018-19 से 2021-22 तक किया गया तथा 2149.09 करोड़ रुपये जारी किये गये। साथ ही पंचायतों के 1.42 करोड़ चुने हुये प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और अन्य हितधारकों को विभिन्न तथा अनेक प्रशिक्षण दिये गये।
- संशोधित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (2022-23 से 2025-26): संशोधित आरजीएसए की केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना को आर्थिक मामलों के केंद्रीय मंत्रिमंडल समिति ने 13 अप्रैल, 2022 को मंजूरी दी थी। इसके तहत योजना को एक अप्रैल, 2022 से 31 मार्च, 2026 (15वें वित्त आयोग के कार्यकाल की समाप्ति के साथ) तक क्रियान्वित किया जाना है।