प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (PMAY-G) के लिए भूमि आवंटित नहीं होने पर केंद्र निधि में कटौती करने पर विचार कर रहा है
- केंद्र सरकार ने हाल ही में चेतावनी दी है कि 15 दिसंबर तक केंद्र की प्रमुख आवास योजना के भूमिहीन लाभार्थियों को भूमि उपलब्ध कराने में असमर्थ रहने वाले राज्य के निधि को इस वित्तीय वर्ष के लिए अन्य राज्यों को पुनर्वितरित करने पर विचार कर रहा है। इसका मतलब यह है कि केंद्र प्रायोजित प्रधान मंत्री ग्रामीण आवास योजना (पीएमएवाई-जी) के तहत दोषी राज्यों को आवंटित धन के अपने हिस्से को वापस ले लेगा।
- उल्लेखनीय है कि यह योजना मार्च 2022 तक ग्रामीण गरीबों के लिए 2.95 करोड़ घर बनाने के लक्ष्य के साथ अप्रैल 2016 में शुरू की गई थी, जिसके लक्ष्य को सामाजिक–आर्थिक जाति जनगणना, 2011 से लिया गया था। किन्तु COVID महामारी के कारण, समय सीमा दो साल बढ़ाकर मार्च 2024 तक कर दी गई है।
- केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2022 तक 2.06 करोड़ घरों का निर्माण किया जा चुका है।
- योजना के अंतिम चरण में प्रवेश करने के साथ, देश भर में कम से कम 2.5 लाख भूमिहीन लाभार्थियों के लिए घरों का निर्माण अंतिम बाधाओं में से एक है।
- ग्रामीण विकास सचिव एन.एन. सिन्हा ने कहा कि “भूमिहीन PMAY-G लाभार्थियों को घरों के निर्माण के लिए भूमि प्रदान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे योजना की स्थायी प्रतीक्षा सूची में सबसे योग्य लाभार्थियों में से हैं“।
- भूमि खरीदने के लिए प्रदान की गई वित्तीय सहायता के कारण योजना की शुरुआत के बाद से 4.48 लाख भूमिहीन लाभार्थियों का मूल आंकड़ा घटकर 2.56 लाख रह गया है।
- हालांकि, 43% भूमिहीन लाभार्थियों को अभी तक भूमि उपलब्ध नहीं कराई गई है।
- तमिलनाडु में 56,709 भूमिहीन लाभार्थी अभी भी प्रतीक्षा सूची में हैं, इसके बाद महाराष्ट्र (48,272), असम (23,064), ओडिशा (19,869) और बिहार (16,943) हैं।