‘समुद्रयान’ भारत का पहला मानवयुक्त महासागर मिशन है जिसका मकसद समुद्र की गहराई में जाकर शोध और दुर्लभ खनिजों का पता लगाना है
- समुद्र की गहराई में छिपे कई रहस्यों को खोजने के लिए भारत ने मेगा महासागर मिशन ‘समुद्रयान‘ शुरू किया है।
- इसका उद्देश्य मानवयुक्त पनडुब्बी वाहन ‘मत्स्या 6000′ के जरिए गहरे पानी के अंदर विशेषज्ञों की एक टीम को भेजना है। यह भारत का पहला अद्वितीय मानवयुक्त महासागर मिशन है जिसका उद्देश्य गहरे समुद्र में अन्वेषण और दुर्लभ खनिजों का खनन जैसे कार्य शामिल हैं।
- लोकसभा में 20 दिसंबर को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मिशन के वर्ष 2026 तक साकार होने की उम्मीद है।
- भारत सरकार ने पांच साल की अवधि के लिए 4,077 करोड़ के कुल बजट के साथ डीप ओशन मिशन (डीओएम) को मंजूरी दी थी।
- केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक ऑटोमेटिक मानवयुक्त पनडुब्बी ‘मत्स्य 6000′ को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी), चेन्नई द्वारा डिजाइन और विकसित किया जा रहा है जो समुद्रयान मिशन में तीन विशेषज्ञों को समुद्र में 6,000 मीटर यानी 6 किलोमीटर की गहराई तक ले जाने का कार्य करेगा।
- उल्लेखनीय है कि ‘मत्स्य 6000’ वाहन वैज्ञानिक सेंसर और उपकरणों से सुसज्जित है। यह समुद्रयान 12 घंटे तक समुद्र की गहराई में रह सकता है। वहीं आपातकालीन स्थिति में 96 घंटे तक समुद्र में रहने में सक्षम है।
समुद्रयान से लाभ:
- उन्होंने कहा कि यह मानवयुक्त सबमर्सिबल वैज्ञानिकों को सीधे गहरे समुद्र के क्षेत्रों को देखने और समझने में मदद करेगा। इसके अलावा यह गहरे समुद्र में मानव रेटेड वाहन विकास की क्षमता को बढ़ाएगा। इससे स्वच्छ ऊर्जा, पेयजल और नीली अर्थव्यवस्था हेतु समुद्री संसाधनों का पता लगाने के लिए और अधिक विकास के रास्ते खुलेंगे।
- यह गहरे समुद्र में निकेल, कोबाल्ट, दुर्लभ खनिज, मैंगनीज आदि से समृद्ध खनिज संसाधनों की खोज और नमूनों के संग्रह में मानव द्वारा प्रत्यक्ष अवलोकन की सुविधा प्रदान करेगा, जिसका उपयोग विश्लेषण के लिए किया जा सकता है।
- उल्लेखनीय है कि भारत की समुद्री स्थिति अद्वितीय है क्योंकि देश में इसकी 7517 किमी लंबी तटरेखा है जो नौ तटीय राज्यों और 1,382 द्वीपों पर स्थित है। ऐसे में समुद्रयान मिशन की सफलता और इससे जुड़ी उपलब्धियां देश के लिए बेहद अहम साबित होगी। भारत विकासशील देशों में पहला देश है जिसने गहरे समुद्र में मिशन को अंजाम दिया है।