स्टील के ऊपर विकसित कार्बनिक सौर सेल परत स्टील की छत को ऊर्जा उत्पादन उपकरण में परिवर्तित किया जा सकता है
- आईआईटी कानपुर के अनुसंधानकर्ताओं ने स्टील के ऊपर विकसित एक कार्बनिक बहुलक और पीसीबीएम (एक कार्बनिक अर्धचालक) के संयोजन से युक्त एक कार्बनिक सौर कोशिकाएं विकसित की है जो संभावित रूप से बाजार में उपलब्ध वर्तमान की तुलना में अधिक दक्षता के साथ एक स्टील की छत को ऊर्जा-उत्पादक उपकरण में परिवर्तित कर सकती हैं।
- तीसरी पीढ़ी की सौर सेल प्रौद्योगिकियों की क्षमता लचीली और अनुरूप सतहों के साथ उनके एकीकरण में निहित है।
- हालांकि, इस एकीकरण के लिए इंडियम टिन ऑक्साइड जो वर्तमान में उपयोग में आने वाली एक ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक सामग्री है इसकी भंगुरता के कारण और इसकी ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक दक्षता तापमान के साथ बदलती है, से होने वाली समस्या के कारण, विकल्प के रूप में नए शीर्ष पारदर्शी संचालन इलेक्ट्रोड विकसित करने की आवश्यकता है।
- पारंपरिक सौर सेल की तुलना में इनसे अपेक्षाकृत बहुत बड़े क्षेत्र को आच्छादित किया जा सकता है।
- बयान में कहा गया है कि आईआईटी कानपुर के अनुसंधानकर्ताओं ने नयी पीढ़ी के सौर-सेल के विकास में सेमीकंडक्टर के अंतरगत कार्बनिक पालिमर पीटीबी7 का इस्तेमाल ‘डोनर’ ( उच्चा ऊर्जा ग्रिड या ऊर्जा प्रदाता) तथा पीसीबीएम को ‘एक्सेप्टर’ (ग्राही या ऊर्जा को आगे संप्रेषित करने वाला अंग) तैयार करने में प्रयोग किया गया है।