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‘आकांक्षी जिला कार्यक्रम’

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आकांक्षी जिला कार्यक्रम

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और निर्यात जैसे मानकों पर आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की है।

परिचय:

  • इसे जनवरी 2018 में ‘आकांक्षी ज़िलों का परिवर्तन’ कार्यक्रम (Transformation of Aspirational Districts’ Programme- TADP) के रूप में लॉन्च किया गया था। “आकांक्षी जिलों का परिवर्तन” कार्यक्रम नीति आयोग द्वारा एक ऐसी पहल है, जिसका उद्देश्य भारत में प्रतिस्पर्धी संघवाद की संस्कृति को बढ़ावा देकर 117 पिछड़े जिलों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधार करना है। यह कार्यक्रम प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों जैसे कि प्रसवपूर्व देखभाल, सीखने की कला, कृषि मूल्य प्राप्ति, मुद्रा ऋण का संवितरण, सड़क संपर्क आदि पर राज्यों की वास्तविक समय निगरानी और रैंकिंग सुनिश्चित करता है।
  • आकांक्षी ज़िले भारत के वे ज़िले हैं जो खराब सामाजिक-आर्थिक संकेतकों से प्रभावित हैं।

कार्यक्रम की व्यापक रूपरेखा:

  • अभिसरण (केंद्र और राज्य की योजनाओं का)
  • सहयोग (केंद्रीय, राज्य स्तरीय ‘प्रभारी’ अधिकारियों और ज़िला कलेक्टरों का),
  • मासिक डेल्टा रैंकिंग के माध्यम से ज़िलों के बीच प्रतिस्पर्द्धा।
    • आकांक्षी ज़िलों की डेल्टा रैंकिंग, व्यावहारिक प्रशासन के साथ डेटा के अभिनव उपयोग को जोड़ती है, जिससे ज़िले को समावेशी विकास के केंद्र में रखा जाता है।

उद्देश्य:

  • यह प्रत्येक ज़िले की क्षमता पर ध्यान केंद्रित करता है, एवं तत्काल सुधार के लिये प्रभावी कारकों की पहचान करता है और मासिक आधार पर ज़िलों की रैंकिंग करके प्रगति को मापता है।
  • ज़िलों को अपने राज्य में सबसे अच्छे ज़िले के समान स्थिति में पहुँचने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है और बाद में प्रतिसपर्द्धी तथा सहकारी संघवाद की भावना से दूसरों से प्रतिस्पर्द्धा करके और दूसरों से सीखकर देश के सर्वश्रेष्ठ में से एक बनने के लिये प्रेरित किया जाता है।
  • “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” (Sabka Saath Sabka Vikas aur Sabka Vishwas) के अपने नारे के साथ सरकार अपने नागरिकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने और सभी के लिये समावेशी विकास सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध है।
  • ADP अनिवार्य रूप से सतत् विकास लक्ष्यों को स्थानिक बनाने के उद्देश्य से है, जिससे राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित की जा सके।

रैंकिंग के लिये पैरामीटर:

  • रैंकिंग 5 व्यापक सामाजिक-आर्थिक विषयों के तहत 49 प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (KPIs) में की गई वृद्धिशील प्रगति पर आधारित है-
    • स्वास्थ्य और पोषण (30%)
    • शिक्षा (30%)
    • कृषि और जल संसाधन (20%)
    • वित्तीय समावेशन और कौशल विकास (10%)
    • अवसंरचना (10%)

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.2

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