आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की सीमा को 50,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये करने को मंजूरी दे दी है। रु 4.5 लाख करोड़ से रु. 5 लाख करोड़, अतिरिक्त राशि विशेष रूप से आतिथ्य और संबंधित क्षेत्रों में उद्यमों के लिए निर्धारित की गई है।
आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS)
- पृष्ठभूमि: आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) की शुरुआत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मई 2020 में कोरोना वायरस महामारी तथा देशव्यापी लॉकडाउन के कारण उत्पन्न संकट को कम करने के लिये विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को क्रेडिट प्रदान करने हेतु आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के एक हिस्से के रूप में शुरू किया गया था, जो कि देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सबसे अधिक प्रभावित हुए थे।
- उद्देश्य: वित्त मंत्री द्वारा घोषित इस योजना का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs), व्यावसायिक उद्यमों, तथा मुद्रा योजना (MUDRA Yojana) के उधारकर्त्ताओं को पूरी तरह से गारंटी एवं संपार्श्विक (Collateral) मुक्त अतिरिक्त ऋण प्रदान करना है।
- इस योजना के तहत प्रदान की जाने वाली राशि 29 फरवरी, 2020 तक उनकी कुल बकाया राशि की 20 फीसदी होगी।
- इस योजना के तहत 100 प्रतिशत संपार्श्विक (Collateral) मुक्त ऋण की गारंटी राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) द्वारा प्रदान की जा रही है, जबकि बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (NBFCs) योजना के तहत ऋण प्रदान करती हैं।
- योग्यता: इस योजना के तहत वे उधारकर्त्ता ऋण प्राप्त करने के लिये पात्र होंगे जिनकी-
- बकाया राशि 29 फरवरी, 2020 तक 50 करोड़ रुपए तक है।
- वार्षिक कारोबार 250 करोड़ रुपए तक है।
- अवधि: योजना के तहत प्रदत्त ऋण की अवधि चार वर्ष है, जिसमें मूलधन को चुकाने के लिये एक वर्ष की स्थगन अवधि दी गई है।
- ब्याज दर: इस योजना के तहत बैंकों द्वारा जारी किये गए ऋण पर 25% ब्याज और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (Non-Banking Financial Companies- NBFCs) द्वारा जारी ऋण पर 14% ब्याज लागू होगा।
- मौजूदा स्थिति: इस योजना के तहत अभी तक 67 लाख लोगों के लिये 2.03 लाख करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है, जिसमें से 1.48 लाख करोड़ रुपए की राशि वितरित कर दी गई है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3