इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के लिए पीएलआई योजना में अधिकार प्राप्त समिति द्वारा पहले वितरण को मंजूरी
- उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) आत्मनिर्भर भारत के विज़न को पूरा करने के लिए सरकार की आधारशिला है।
- इसका उद्देश्य घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को वैश्विक रूप से स्पर्धी बनाना और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में घरेलू चैम्पियन बनाना है।
- इस योजना के पीछे की रणनीति इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन देना और बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करना है।
उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई):
- 1 अप्रैल, 2020 को बड़े आकार के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए पीएलआई योजना अधिसूचित की गई थी।
- यह योजना मोबाइल फोन और निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक्स घटकों सहित ‘लक्ष्य वर्ग’ के तहत कवर किए गए विनिर्मित वस्तुओं की शुद्ध वृद्धिशील बिक्री पर 4 प्रतिशत से 6 प्रतिशत की प्रोत्साहन राशि देती है।
- इस योजना के तहत कुल परिव्यय 38,645 करोड़ रुपये है।
- इस योजना के अंतर्गत 16 कंपनियों यानी मोबाइल फोन श्रेणी की 5 वैश्विक कंपनियों, 5 घरेलू कंपनियों और निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक्स घटकों के अंतर्गत 6 कंपनियों को मंजूरी दी गई थी।
- पीएलआई योजना की अवधि एक वर्ष यानी 2024-25 से बढ़ाकर 2025-26 कर दी गई है।
- इस योजना से जून, 2022 तक 65,240 करोड़ रुपये के निर्यात सहित 1,67,770 करोड़ रुपये से अधिक का कुल उत्पादन हुआ है।
- पीएलआई योजना से 28,636 लोगों को रोजगार भी मिला है। पिछले तीन वर्षों में स्मार्ट फोन का निर्यात 139 प्रतिशत बढ़ा है।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -3, के “भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधन जुटाने, संवृद्धि, विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।