‘उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT)’ ने पूरे भारत में 40 महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा की
- विशेष सचिव, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी इन्वेस्ट इंडिया) के साथ रेल मंत्रालय एवं पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ समाधान के लिए सूचीबद्ध मुद्दों के साथ पूरे भारत में लगभग37 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश की 40 महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा की।
- ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सामाजिक–आर्थिक महत्व की उच्च स्तर वाली परियोजनाएं में देरी नहीं हो रही है।
समीक्षा की गई परियोजनाओं में से कुछ उल्लेखनीय नाम इस प्रकार हैं
- भारतनेट– ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी योजना 16 राज्यों के 361,000 गांवों में ब्रॉडबैंड लाने का प्रयास करती है और इसे 2025 तक पूरा किया जाना है।
- हुबली–अंकोला नई लाइन परियोजना (164.44 किमी), एक सुपर क्रिटिकल रेलवे परियोजना जो पर्यावरणीय मुकदमेबाजी के मुद्दों के कारण अटक गई थी।
- दिल्ली–गाजियाबाद–मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर: दिल्ली में सराय काले खान को मेरठ से जोड़ता है, जिसकी कुल लंबाई15 किमी है।
- बैंगलोर–चेन्नई एक्सप्रेस वे (एनई-5) को फोर लेन करना,85 किमी 4-लेन एक्सेस–नियंत्रित सड़क जो बेंगलुरु, कर्नाटक चेन्नई, तमिलनाडु के पास श्रीपेरंबदूर से जोड़ती है।
- भारत की विकास यात्रा में बुनियादी ढांचा केंद्रीय तत्व है और इसके सामाजिक-आर्थिक विकास चालक।
परियोजना निगरानी समूह (PMG Invest India):
- भारत सरकार ने देश के विकास और सामाजिक आर्थिक उन्नति के केंद्रीय स्तंभ के रूप में अवसंरचना के विकास को ध्यान में रखते हुए बड़े पैमाने पर अवसंरचना परियोजनाओं को समय पर पूरा करने को प्राथमिकता दी है।
- इस दृष्टि को ध्यान में रखते हुए, परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी) की स्थापना की गई थी, जो वर्तमान में इन्वेस्ट इंडिया, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
- पीएमजी एक अनूठा संस्थागत तंत्र है जो मुख्य रूप से राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों के साथ नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित करके 500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली अवसंरचना परियोजनाओं में मुद्दों के समाधान की सुविधा प्रदान करता है।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -3, के “बुनियादी ढांचा: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, हवाई अड्डे, रेलवे आदि” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।