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एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 11 जनवरी 2022 को मानव संचालित एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम) का अंतिम सफल परीक्षण किया। स्वदेश में विकसित यह टैंक रोधी मिसाइल कम भार वाली, दागो और भूल जाओ मिसाइल है, क्‍योंकि इसे दागे जाने के बाद पुनः निर्देशित करने की आवश्यकता नहीं पड़ती और फिर धुआं भी नहीं निकलता। इस मिसाइल को थर्मल साइट के साथ एकीकृत मानव संचालित लॉन्चर से दागा गया। मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य पर हमला किया तथा उसे नष्ट कर दिया। परीक्षण के दौरान अंतिम वृत्तांत को कैमरे में कैद किया गया और मिसाइल ने अपनी क्षमताओं को पुष्ट करते हुए सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया है।

वर्तमान परीक्षण में इसको न्यूनतम सीमा तक सिलसिलेवार कार्य-प्रदर्शन में सिद्धस्त प्रदर्शित करना था। इस मिशन के दौरान सभी उद्देश्यों को पूरा किया गया। मिसाइल ने ऑन-बोर्ड नियंत्रण और मार्गदर्शन के लिए इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर तथा एडवांस्ड एवियोनिक्स को सीमित कर दिया है। मिसाइल के कार्य-निष्पादन को पहले की परीक्षण जांचों में अधिकतम सीमा तक के लिए प्रमाणित किया गया है।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने टैंक रोधी मिसाइल की निरंतर सफलताओं के लिए डीआरडीओ टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि उन्नत प्रौद्योगिकी आधारित रक्षा प्रणाली विकास में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने परीक्षण के दौरान मिसाइल के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए टीम को बधाई दी।

एकीकृत गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) :

  • IGMDP की परिकल्पना डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा भारत को मिसाइल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से की गई थी। IGMDP का अनुमोदन भारत सरकार द्वारा वर्ष 1983 में किया गया तथा इसे मार्च 2012 में पूरा किया गया।
  • इस कार्यक्रम के तहत विकसित पाँच मिसाइलें (P-A-T-N-A) हैं :
    • पृथ्वी : यह कम दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है।
    • अग्नि : यह विभिन्न श्रेणियों (I, II, III, IV, V)। में विकसित बैलिस्टिक मिसाइल है।
    • त्रिशूल : यह सतह से हवा में मार करने वाली कम दूरी की मिसाइल है।
    • नाग : तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक मिसाइल है।
    • आकाश : मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है।

नाग मिसाइल

  • नाग तीसरी पीढ़ी की ‘दागो और भूल जाओ’ (Fire-and-Forget) के सिद्धांत पर आधारित एक एंटी टेंक मिसाइल है, इसे DRDO द्वारा भारतीय सेना के मैकेनाइज़्ड इन्फैंट्री (Mechanized Infantry) और एयरबोर्न (Airborne) दोनों बलों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है।
  • यह सभी मौसम तथा दिन-रात किसी भी समय कार्य करने में सक्षम है तथा कम-से-कम 500 मीटर और अधिकतम 4 किलोमीटर तक लक्ष्य को भेद सकती है।
  • नाग को स्थल और वायु-आधारित प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है। वर्तमान में इसका स्थल संस्करण एकीकरण ‘नाग मिसाइल कैरियर’ (Nag missile carrier- NAMICA) उपलब्ध है।
  • नाग मिसाइलों को DRDO ने एकीकृत गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम (Integrated Guided Missile Development Program-IGMDP) के तहत विकसित किया है।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.3

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