कृषि एवं ग्रामीण श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक
- कृषि एवं ग्रामीण श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (आधार 1986-87 = 100) माह जुलाई, 2022 में प्रत्येक 6 अंक बढ़ कर क्रमशः 1131 तथा 1143 अंकों के स्तर पर रहे।
- यह वृद्धि मुख्यतः चावल, गेहूँ-आटा, बाजरा, दालें, दूध, ताज़ा मछली, प्याज, हरी/सूखी मिर्च, अदरक, गरम मसाले, सब्जियाँ एवं फल, चाय बनी हुई, इत्यादि की कीमतों के कारण रही।
- कृषि श्रमिकों के लिए तमिलनाडु राज्य का सूचकांक 1301 अंकों के साथ सूचकांक तालिका में शिखर पर रहा जबकि हिमाचल प्रदेश राज्य का सूचकांक 890 अंकों के साथ सबसे नीचे रहा।
- ग्रामीण श्रमिकों के लिए तमिलनाडु राज्य का सूचकांक 1290 अंकों के साथ सूचकांक तालिका में शिखर पर रहा जबकि हिमाचल प्रदेश राज्य का सूचकांक 942 अंकों के साथ सबसे नीचे रहा।
- राज्य स्तर पर, कृषि श्रमिकों एवं ग्रामीण श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांकों में असम राज्य में अधिकतम वृद्धि प्रत्येक 13 अंकों की रहीं।
Note: कृषि एवं ग्रामीण श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का प्रकाशन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय करता है।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -3, के “आर्थिक विकास” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।