कैबिनेट ने गेहूं या मेस्लिन आटे के लिए निर्यात नीति में संशोधन को मंजूरी दी
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गेहूं या मेस्लिन आटे (एचएस कोड 1101) पर निर्यात प्रतिबंध/रोक से छूट की नीति में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
- इस मंजूरी से अब गेहूं के आटे के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति मिल जाएगी, जिससे गेहूं के आटे की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाना सुनिश्चित होगा और समाज के सबसे कमजोर तबकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
- विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) इस आशय की अधिसूचना जारी करेगा।
पृष्ठभूमि:
- रूस और यूक्रेन गेहूं के प्रमुख निर्यातक हैं, जिनकी कुल वैश्विक गेहूं व्यापार में लगभग एक–चौथाई हिस्सेदारी है।
- उनके बीच संघर्ष के कारण वैश्विक गेहूं आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई है, जिससे भारतीय गेहूं की मांग में वृद्धि हुई है।
- देश के 4 अरब लोगों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मई 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया था।
- हालांकि, गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध के कारण विदेशी बाजारों में गेहूं के आटे की मांग में वृद्धि हुई है और भारत से इसके निर्यात में अप्रैल–जुलाई 2022 के दौरान, 2021 की इसी अवधि की तुलना में, 200 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं के आटे की बढ़ती मांग के कारण घरेलू बाजार में गेहूं के आटे की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -3, के “आर्थिक विकास के खाद्य सुरक्षा” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।