ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के विदेश मंत्रियों ने हाल ही में नोट किया कि क्वाड हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में खतरों पर खुफिया जानकारी साझा करने में सहयोग कर रहा है।
मुख्य बिंदु
- मंत्रियों ने इस समूह के गठन के बाद पहली बार मुंबई (2008) में 26/11 के आतंकवादी हमलों के साथ-साथ 2016 में पठानकोट एयरबेस हमले के लिए न्याय की मांग की।
- उन्होंने 11 फरवरी, 2022 को मेलबर्न में अपनी चौथी क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की, जिसमें भारत में निर्मित होने वाले अरब से अधिक कोविड टीकों की डिलीवरी को बढ़ावा देने, क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने और जलवायु परिवर्तन पर एक विशेष बैठक आयोजित करने का संकल्प लिया गया।
- उन्होंने पीएम मोदी, ऑस्ट्रेलियाई पीएम मॉरिसन और अमेरिकी राष्ट्रपति बाईडेन के साथ क्वाड शिखर सम्मेलन की योजना की भी घोषणा की। इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी 2022 की पहली छमाही में जापान के प्रधानमंत्री किशिदा द्वारा टोक्यो में की जाएगी।
क्वाड :
- ‘चतुर्भुज सुरक्षा संवाद’ (QUAD-Quadrilateral Security Dialogue) अर्थात् क्वाड भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच अनौपचारिक रणनीतिक वार्ता मंच है।
- यह ‘मुक्त, खुले और समृद्ध’ भारत-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने और उसके समर्थन के लिये इन देशों को एक साथ लाता है।
- क्वाड की अवधारणा औपचारिक रूप से सबसे पहले वर्ष 2007 में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे द्वारा प्रस्तुत की गई थी, हालाँकि चीन के दबाव में ऑस्ट्रेलिया के पीछे हटने के कारण इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका।
- शिंज़ो आबे द्वारा वर्ष 2012 में हिंद महासागर से प्रशांत महासागर तक समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका को शामिल करते हुए एक ‘डेमोक्रेटिक सिक्योरिटी डायमंड’ (Democratic Security Diamond) स्थापित करने का विचार प्रस्तुत किया गया।
- ‘क्वाड’ समूह की स्थापना नवंबर 2017 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र को किसी बाहरी शक्ति (विशेषकर चीन) के प्रभाव से मुक्त रखने हेतु नई रणनीति बनाने के लिये हुई और आसियान शिखर सम्मेलन के एक दिन पहले इसकी पहली बैठक का आयोजन किया गया।
- क्वाड के सभी चार देशों (जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और यूएसए) ने वर्ष 2020 में मालाबार अभ्यास (Malabar Exercise) में भाग लिया।
- मालाबार अभ्यास भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेनाओं के बीच होने वाला एक वार्षिक त्रिपक्षीय नौसेना अभ्यास है, जिसे भारतीय तथा प्रशांत महासागरों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.2