घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 के तहत सबसे अधिक लंबित मामले उत्तर प्रदेश में
- सुप्रीम कोर्ट के समक्ष राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण ने 1 जुलाई, 2022 तक घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 के तहत लंबित मामलों के निपटान के संबंध में राज्यवार डेटा प्रस्तुत किया है।
- आंकड़ों के अनुसार, अधिनियम की अधिसूचना के बाद से 1 जुलाई 2022 तक देश भर में घरेलू हिंसा के कुल 1,193,359 मामले दर्ज किए गए हैं।
- देश में घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में 30 जून, 2022 तक 7,27,788 केस का निपटारा हुआ है। वहीं, 4,71,684 केस अब भी अदालतों में लंबित हैं।
- नालसा के आंकड़ों के अनुसार राज्यवार स्थिति:
- उत्तर प्रदेश में अधिनियम की अधिसूचना के बाद से कुल 2,02,880 मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे यह सबसे अधिक मामला दर्ज करने वाला राज्य बन गया है।
- इसके बाद महाराष्ट्र में 1,96,717 मामले दर्ज किए गए हैं।
- 1 जुलाई तक मूल मामलों की अधिकतम संख्या उत्तर प्रदेश में 1,19,684 लंबित है, इसके बाद महाराष्ट्र में 84,637 मामले, राजस्थान में 27212 मामले और दिल्ली में 27043 मामले लंबित हैं।
- एनजीओ ‘वी द वीमेन ऑफ इंडिया’ द्वारा दायर एक याचिका में सुप्रीम कोर्ट से घरेलू हिंसा अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश देने को कहा गया है।
- मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि सुंदर और भव्य कानून बनाना एक बात है, लेकिन आप घरेलू हिंसा के मामलों पर लगाम कसने के लिए, प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए जमीन पर कैसा तंत्र बनाते हैं, सब कुछ उसपर निर्भर करता है।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -1, के “महिलाओं संबंधित मुद्दे, उनकी समस्याएं और उनके उपाय।” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।