चावल फोर्टिफिकेशन की घोषणा का एक वर्ष पूरा
चावल फोर्टिफिकेशन कार्यक्रम के चरण-2 में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत कुल 151 जिले (24 राज्यों में) फोर्टिफाइड चावल उठा चुके हैं।
इसके बारे में:
- 1 अप्रैल, 2022 से शुरू हुए इस चरण के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा लगभग 83 एलएमटी चावल वितरित किया गया है और आईसीडीएस तथा पीएम पोषण के तहत अब तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा लगभग 7.36 एलएमटी चावल उठाया गया है। दूसरे चरण में लगभग 52% जिलों ने ये खाद्यान्न उठाया है।
- माननीय प्रधानमंत्री ने 75वें स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त, 2021) पर अपने संबोधन में 2024 तक पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से भारत सरकार की हर योजना में फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति की घोषणा की थी।
- आईसीडीएस और पीएम पोषण को कवर करने वाले चरण-1 को 2021-22 के दौरान लागू किया गया था और लगभग 51 एलएमटी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में वितरित किया गया था।
- खास बात ये है कि चरण-2 में उपरोक्त चरण-1 और साथ ही सब राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत सभी महत्वाकांक्षी जिलों और अधिक बोझ वाले जिलों (कुल 291 जिलों) में मार्च 2023 तक फोर्टिफाइड चावल वितरित किए जाने हैं जिनकी कुल मात्रा लगभग 175 एलएमटी है।
राइस फोर्टिफिकेशन (Rice Fortification) क्या है?
- फोर्टिफिकेशन भोजन में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व, अर्थात् विटामिन और खनिज (trace elements सहित) की सामग्री को जानबूझकर बढ़ाने का तरीका है, ताकि खाद्य आपूर्ति की पोषण गुणवत्ता में सुधार हो और कम से कम जोखिम के साथ एक सार्वजनिक स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जा सके। चावल का फोर्टिफिकेशन, चावल में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने और चावल की पोषण गुणवत्ता में सुधार करने का अभ्यास है।
राइस फोर्टिफिकेशन क्यों?
- चावल दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण मुख्य भोजन है। अनुमानित 2 बिलियन लोग हर दिन चावल खाते हैं, यह एशिया और अफ्रीका के बड़े हिस्से में आहार का मुख्य आधार है।
- नियमित रूप से मिल के चावल में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी होती है और मुख्य रूप से केवल कार्बोहाइड्रेट के स्रोत के रूप में कार्य करता है। चावल का फोर्टिफिकेशन पोषण को बेहतर बनाने का एक प्रमुख अवसर है।
- फोर्टिफाइड चावल में विटामिन A, विटामिन B1, विटामिन B12, फोलिक एसिड, आयरन और जिंक होते हैं।
भारत में खाद्य फोर्टिफिकेशन:
- भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने खाद्य पदार्थों के फोर्टिफिकेशन पर एक व्यापक विनियमन तैयार किया है, जिसका नाम है ‘खाद्य सुरक्षा और मानक (Fortification of Foods) विनियम, 2016’। ये नियम खाद्य फोर्टिफिकेशन के मानकों को निर्धारित करते हैं और फोर्टिफिकेशन खाद्य पदार्थों के उत्पादन, निर्माण, वितरण, बिक्री और खपत को प्रोत्साहित करते हैं। नियम खाद्य फोर्टिफिकेशन के संवर्धन में FSSAI की विशिष्ट भूमिका और फोर्टिफिकेशन को अनिवार्य बनाने का भी प्रावधान करते हैं।
SOURCE-INDIAN EXPRESS
PAPER-G.S.2