छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के कार्यालय का उद्घाटन
- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नवा रायपुर, छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के कार्यालय का उद्घाटन किया।
नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA):
- स्थापना: एनआईए अधिनियम को 31-12-08 को अधिनियमित किया गया और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का जन्म हुआ। वर्तमान में एनआईए भारत में केंद्रीय आतंकवाद विरोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी के रूप में कार्य कर रही है।
- लक्ष्य: सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय मानकों से मेल खाने वाली पूरी तरह से पेशेवर जांच एजेंसी बनना है।
- उद्देश्य: उच्च प्रशिक्षित, साझेदारी उन्मुख कार्यबल के रूप में विकसित करके राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद और अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी जांच में उत्कृष्टता के मानकों को स्थापित करना है। एनआईए मौजूदा और संभावित आतंकवादी समूहों/व्यक्तियों के लिए प्रतिरोध पैदा करने का कार्य करना।
उपलब्धियां:
- NIA ने बहुत ही कम समय में अपने कार्य क्षेत्र के हर पहलू में उच्च बेंचमार्क स्थापित कर पूरे विश्व में एक प्रमुख Anti-Terror Investigation Agency के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
- एनआईए ने दोषसिद्धि और कनविक्शन में गोल्ड स्टैंडर्ड स्थापित किए हैं एवं क़रीब 94% तक दोषसिद्धि हासिल की है और वो भी ऐसे मामलों में जहां साक्ष्य मिलना ही मुश्किल है।
- कश्मीर को पूर्णतया आतंकवाद मुक्त करने का प्रयास किया है। इसका एक महत्वपूर्ण कारण एनआईए द्वारा टेरर फंडिंग करने वाले सभी जो लोगों के खिलाफ 2018, 2019 और 2020 में की गई कठोर कारवाई है। इस अवधि में टेरर फंडिंग के 105 मामले दर्ज किए और 876 आरोपियों को पकड़ा गया जबकि 105 में से 94 मामलों में चार्जशीट भी दायर कर ली गई है।
भारत सरकार ने एनआईए को एक फेडरल क्राईम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी बनाने के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
- विगत वर्षों में एनआईए ने 10 राज्यों में अपने काम का विस्तार किया है और 3 साल में 18 राज्यों में अपनी पहुँच को मजबूत किया है। आशा है की मई 2024 से पहले एनआईए देश के सभी राज्यों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा देगी।
- 2019 के बाद सरकार ने एनआईए एक्ट और यूएपीए एक्ट में बहुत महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं, अब एनआईए को संगठनों के साथ–साथ व्यक्तियों को भी आतंकवादी घोषित करने का अधिकार दिया गया। अब तक एनआईए ने 36 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित करने का काम किया है और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता प्राप्त हुई है।
- एनआईए का दायरा देश से बढ़ाकर जिन देशों के साथ हमारी राजनयिक सन्धियाँ है उन देशों तक बढ़ाने का काम किया है ताकि आतंकवाद की प्लानिंग कहीं पर भी हुई हो, एनआईए प्लानिंग करने वालों तक पहुंच सके और बाहर से प्रेरित किसी भी आतंकवादी हमले की जड़ तक जांच कर सके।
- इसके अलावा मानव तस्करी, प्रतिबंधक विस्फोटक और साइबर अपराध जैसे मुकदमों की जांच का अधिकार भी एनआईए को दिया गया है।
- सरकार देश में विगत 50 साल के अंदर हुई आतंकवादी घटनाओं की एफ़आईआर, उनका इन्वेस्टिगेशन और उनके बारे में सर्वोच्च न्यायालय तक के फैसले का एक डाटाबेस बनाने का काम कर रही है।
- इसी तरह विस्फोटक सामग्री का भी डेटाबेस बनाने का प्रयास किया है और एनआईए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा इस डेटाबेस का एनालिसिस कर आतंकवादियों के काम की पद्धति ढूंढने में प्रयासरत है।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -3, के “आंतरिक सुरक्षा के विभिन्न सुरक्षा बल और एजेंसियां और उनका अधिदेश” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।