प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तिरुवल्लुवर दिवस पर महान तिरुवल्लुवर को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा है :
“तिरुवल्लुवर दिवस पर मैं महान तिरुवल्लुवर को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनके आदर्श अर्थपूर्ण और व्यावहारिक हैं। वे अपनी विविधतापूर्ण प्रकृति और बौद्धिक गम्भीरता के कारण विरल हैं। मैंने पिछले वर्ष कन्याकुमारी में तिरुवल्लुवर प्रतिमा और विवेकानन्द शिला स्मारक का एक वीडियो बनाया था, जिसे मैं साझा कर रहा हूं।
रुवल्लुवर (तमिल : திருவள்ளுவர்) एक प्रख्यात तमिल कवि हैं जिन्होंने तमिल साहित्य में नीति पर आधारित कृति थिरूकुरल का सृजन किया। उन्हें थेवा पुलवर, वल्लुवर और पोयामोड़ी पुलवर जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है।
तिरुवल्लुवर का जन्म मायलापुर में हुआ था। उनकी पत्नी वासुकी एक पवित्र और समर्पित महिला थी, एक ऐसी आदर्श पत्नी जिसने कभी भी अपने पति के आदेशों की अवज्ञा नहीं की और उनका शतशः पालन किया। तिरुवल्लुवर ने लोगों को बताया कि एक व्यक्ति गृहस्थ या गृहस्थस्वामी का जीवन जीने के साथ-साथ एक दिव्य जीवन या शुद्ध और पवित्र जीवन जी सकता है। उन्होंने लोगों को बताया कि शुद्ध और पवित्रता से परिपूर्ण दिव्य जीवन जीने के लिए परिवार को छोड़कर संन्यासी बनने की आवश्यकता नहीं है। उनकी ज्ञान भरी बातें और शिक्षा अब एक पुस्तक के रूप में मौजूद है जिसे ‘तिरुक्कुरल’ के रूप में जाना जाता है।तमिल कैलेंडर की अवधि उसी समय से है और उसे तिरुवल्लुवर आन्दु (वर्ष) के रूप में संदर्भित किया जाता है।
तिरुवल्लुवर के अस्तित्व का समय पुरातात्विक साक्ष्य के बजाय ज्यादातर भाषाई सबूतों पर आधारित है क्योंकि किसी पुरातात्विक साक्ष्य को अभी तक निर्धारित नहीं किया गया है। उनके काल का अनुमान 200 ई.पू. और 30 ई.पू. के बीच लगाया गया है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1