दिल्ली–केंद्र के बीच सेवाओं के नियंत्रण के मुद्दे सुप्रीम कोर्ट की
संविधान पीठ सुनवाई करेगी
- न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच विवाद की सुनवाई करेगी। मालूम हो कि 6 मई को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण के मुद्दे को पांच–न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेजा था।
- मालूम हो कि संविधान के अनुच्छेद– 239AA का उप–अनुच्छेद 3 (ए) संविधान में दिल्ली के दर्जे और शक्तियों की बात कही गई है। यह राज्य सूची या समवर्ती सूची में उल्लिखित मामलों पर कानून बनाने के दिल्ली विधानसभा के अधिकार से संबंधित है।
- उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण और संशोधित जीएनसीटीडी अधिनियम, 2021 व कार्य बंटवारे के नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की दो अलग–अलग याचिकाओं पर संयुक्त सुनवाई की मांग की थी, जो कथित तौर पर उपराज्यपाल को अधिक अधिकार देते हैं।
- बता दें कि साल 2019 में न्यायमूर्ति एके सीकरी और भूषण की दो सदस्यीय पीठ ने केंद्र और दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर खंडित फैसला दिया था। साथ ही इस मामले को तीन सदस्यीय पीठ के सामने भेजने का तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश से आग्रह किया था।
- इससे पहले, 2018 के पांच न्यायाधीशों की सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में सर्वसम्मति से कहा था कि दिल्ली के उपराज्यपाल निर्वाचित सरकार की ‘सहायता और सलाह‘ से बंधे हुए हैं और दोनों को एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -2 , के “केंद्र–राज्य सम्बन्ध” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।