पंजाब के मोहाली में ‘राष्ट्रीय जीनोम संपादन एवं प्रशिक्षण केंद्र (NGETC)’ का उद्घाटन
- केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य डॉ. जितेंद्र सिंह ने 5 जनवरी को राष्ट्रीय कृषि–खाद्य जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (एनएबीआई) मोहाली, पंजाब में “राष्ट्रीय जीनोम संपादन एवं प्रशिक्षण केंद्र (एनजीईटीसी)” का उद्घाटन किया।
- ‘राष्ट्रीय जीनोम संपादन एवं प्रशिक्षण केंद्र’ एक ही परिसर वाली अत्याधुनिक सुविधा है, जो मध्यस्थता जीनोम संशोधन सहित क्लस्टर्ड रेग्युलरली इंटरस्पेस्ड शॉर्ट पैलिनड्रॉमिक रिपीट्स– सीएएस (सीआरआईएसपीआर- कैस) की विभिन्न जीनोम संपादन विधियों को अनुकूलित करने के लिए क्षेत्रीय जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रीय मंच के रूप में काम करेगी।
महत्व:
- यह युवा शोधकर्ताओं को फसलों में इसकी जानकारी और अनुप्रयोग के बारे में प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान करके उन्हें सशक्त भी बनाएगा।
- वर्तमान जलवायु परिदृश्य में, बेहतर पोषण और बदलती पर्यावरणीय परिस्थितियों के प्रति सहनशीलता के लिए फसलों में सुधार करना एक महत्वपूर्ण चुनौती है। जीनोम सम्पादन (एडिटिंग) एक ऐसी आशाजनक तकनीक हो सकती है जिसे भारतीय अनुसंधान फसलों में वांछित पूर्व–निर्धारित (टेलर–मेड) लक्षणों की प्रस्तुति करने के लिए अपनाया जा सकता है।
- एनएबीआई ने यह क्षमता दिखाई है और वह केले, चावल, गेहूं, टमाटर, मक्का और बाजरा सहित फसलों की विशाल श्रुंखला में जीनोम संपादन प्रविधियों का विस्तार कर सकता है।