प्रधानमंत्री ने कहा भारत जल्द ही कालाजार बीमारी से मुक्त हो जाएगा
- मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र की बड़ी चुनौतियों पर विजय पायी है। उन्होंने इसका पूरा श्रेय चिकित्सा विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और देशवासियों की इच्छा शक्ति को दिया।
- उन्होंने कहा कि भारत से चेचक, पोलियो और गिनीकृमी जैसी बीमारियों को समाप्त करके दिखाया है।
- श्री मोदी ने कहा कि कालाजार भी समाप्ति के कगार पर है। उन्होंने कहा कि हाल ही में चार राज्यों के पचास से अधिक जिलों में कालाजार का प्रकोप फैला हुआ था। लेकिन, अब यह बीमारी बिहार और झारखंड के चार जिलों तक ही सिमट कर रह गयी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बिहार-झारखंड के लोगों का सामर्थ्य, उनकी जागरूकता,
कला–आज़ार क्या होता है?
- काला-अजार धीरे–धीरे पनपने वाला देशी रोग है। भारत में केवल लीशमैनिया डोनोवनी परजीवी इस रोग का कारण है।
- इस बीमारी का परजीवी, बालू मक्खी बालू मक्खी के काटने से फैलता है। जब किसी को कालाजार होता है तो उसे महीनों तक बुखार रहता है, शरीर कमजोर हो जाता है और खून की कमी भी हो जाती है।
- पोस्ट काला अजार डरमल लीशमैनियासिस: पोस्ट काला अजार डरमल लीशमैनियासिस वह स्थिति है, जिसमें डोनोवनी परजीवी त्वचा की कोशिकाओं में पहुँच जाता है।
- यह परजीवी त्वचा में रहता है तथा वहाँ विकसित होता है एवं त्वचीय घावों के रूप में दिखाई देता है। आमतौर पर कालाजार से पीड़ित कुछ भारतीय रोगियों में एक से दो वर्ष या अधिकांशत: काला अजार उपचारित होने के बाद पीकेडीएल विकसित हो सकता है।