प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा नागपुर में 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का वर्चुअल उद्घाटन किया गया
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 3 जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी) को संबोधित किया। सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने अगले 25 वर्षों में भारत के विकास की गाथा में भारत की वैज्ञानिक शक्ति की भूमिका पर प्रकाश डाला।
- उन्होंने कहा, “जब विज्ञान में जुनून के साथ राष्ट्रीय सेवा की भावना का संचार होता है, तो परिणाम अभूतपूर्व होते हैं। मुझे यकीन है, भारत का वैज्ञानिक समुदाय हमारे देश के लिए एक ऐसी जगह सुनिश्चित करेगा, जिसके वह हमेशा से हकदार रहा है।”
- उल्लेखनीय है कि इस वर्ष की विज्ञान कांग्रेस की मुख्य विषय वस्तु “विज्ञान और महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए प्रौद्योगिकी” को बहुत सोच-समझकर अंतिम रूप दिया गया है।
- यह सम्मेलन समग्र विकास, समीक्षा की गई अर्थव्यवस्थाओं और स्थायी लक्ष्यों पर विचार–विमर्श करने के साथ–साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं के विकास की संभावित बाधाओं को भी दूर करेगा।
- इस वर्ष भारतीय विज्ञान कांग्रेस की एक अनूठी विशेषता “बाल विज्ञान कांग्रेस“ है, जिसका आयोजन बच्चों को उनके वैज्ञानिक स्वभाव और ज्ञान का उपयोग करने तथा वैज्ञानिक प्रयोगों के माध्यम से उनकी रचनात्मकता को साकार करने का अवसर प्रदान करने के लिए किया जा रहा है।
- इस वर्ष की विज्ञान कांग्रेस में एक नए आयोजन को शामिल किए जाने की भी योजना है जिसका शीर्षक “जनजातीय विज्ञान कांग्रेस” रखा गया है। यह जनजातीय महिलाओं के सशक्तिकरण को प्रदर्शित करने का प्रयास करने के साथ ही स्वदेशी उच्चारण ज्ञान प्रणाली और अभ्यास के प्रदर्शन के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा।
- कार्यक्रम के एक विशेष आकर्षण, विशाल प्रदर्शनी “भारत का गौरव” का भी है जो देश भर से सरकार, कॉर्पोरेट, सार्वजनिक उपक्रमों, शैक्षणिक और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों, नवोन्मेषकों और उद्यमियों की ताकत और उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा। विज्ञान ज्योति–ज्ञान की ज्वाला– की कल्पना ओलंपिक मशाल के आधार पर की गई थी। विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित यह ज्योति 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के अंत तक जलती रहेगी।
- भारतीय विज्ञान कांग्रेस का पहला सत्र 1914 में आयोजित किया गया था। भारतीय विज्ञान कांग्रेस का 108वां वार्षिक सत्र महाराष्ट्र के राष्ट्रसंत तुकादोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में आयोजित किया जायेगा जो इस वर्ष अपना शताब्दी वर्ष भी मना रहा है।