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फुकुशिमा जल निकासी योजना

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14 फरवरी, 2022 को एक अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) केफुकुशिमा परमाणु संयंत्र से समुद्र में उपचारित पानी की विवादास्पद योजनाबद्ध रिहाई की समीक्षा के लिए जापान में मिशन शुरू किया।

मुख्य बिंदु

  • 2011 में सुनामी के बाद फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के पिघलने के बाद से, इस संयंत्र में टैंकों में लगभग एक मिलियन टन संसाधित पानी जमा हो गया है। इस संयंत्र में भंडारण की जगह खत्म हो रही है।
  • जापान के अनुसार, कई दशकों में पानी को पतला करने और छोड़ने की योजना सुरक्षित है, क्योंकि एक व्यापक पंपिंग और निस्पंदन प्रणाली अधिकांश रेडियोधर्मी तत्वों को हटा देती है।
  • IAEA ने भी इस निकासी का समर्थन किया है और कहा है कि यह अन्य साइटों पर परमाणु संयंत्रों में अपशिष्ट जल के निपटान के समान है।

चिंताएं

अप्रैल 2021 में जापान द्वारा अपनाई गई योजना, जिसके मार्च 2023 तक शुरू होने की उम्मीद है, पर्यावरण और सुरक्षा चिंताओं को लेकर इस पर पड़ोसी देशों द्वारा सवाल उठाये जा रहे हैं। इसने स्थानीय मछली पकड़ने वाले समुदायों का विरोध भी उत्पन्न किया क्योंकि उन्हें डर है कि यह योजना उनके समुद्री भोजन में विश्वास बहाल करने के वर्षों के काम को कमजोर कर देगी। इसके अलावा, निस्पंदन प्रक्रिया (filtration process) पानी से अधिकांश रेडियोधर्मी तत्वों को हटा देती है, हालांकि ट्रिटियम जैसे कुछ तत्व इसी में रह जाते हैं। ट्रिटियम बड़ी मात्रा में मनुष्यों के लिए हानिकारक है।

फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र (Fukushima Daiichi Nuclear Power Plant)

फुकुशिमा परमाणु संयंत्र एक अक्षम परमाणु ऊर्जा संयंत्र है जो जापान में ओकुमा और फुताबा के कस्बों में 3.5 वर्ग किलोमीटर की साइट पर स्थित है। 11 मार्च, 2011 को जापान में 9.0 तीव्रता के भूकंप और सुनामी से इस संयंत्र को बड़ी क्षति हुई। इन घटनाओं से विकिरण रिसाव हुआ, कई रिएक्टरों को स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया और उन्हें फिर से शुरू करना असंभव बना दिया।

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (International Atomic Energy Agency – IAEA)

  • आई.ए.ई.ए. परमाणु क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु सहयोग केंद्र है। इसे वर्ष 1957 में दुनिया के “शांति के लिये परमाणु” संगठन (world´s “Atoms for Peace” organization) के रूप में स्थापित किया गया था।
  • यह संगठन परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने और किसी भी सैन्य उद्देश्य के लिये परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को रोकने का कार्य करता है।
  • ध्यातव्य है कि यह संगठन संयुक्त राष्ट्र के प्रत्यक्ष नियंत्रण में नहीं आता है
  • हालाँकि, एक अंतर्राष्ट्रीय संधि (international treaty) के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसकी स्थापना की गई थी।
  • आई.ए.ई.ए. संधि के अनुसार, यह संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) और सुरक्षा परिषद् (Security Council) दोनों को रिपोर्ट करता है।
  • आई.ए.ई.ए. सचिवालय का मुख्यालय ऑस्ट्रिया (Austria) के विएना (Vienna) शहर में है।
  • आई.ए.ई.ए. दुनिया भर में परमाणु प्रौद्योगिकी और परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग में वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग हेतु एक अंतर-सरकारी मंच के रूप में भी कार्य करता है।

SOURCE-GK TODAY

PAPER-G.S.1PRE

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