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‘बाबुष्का बटालियन’

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रूस-यूक्रेन तनाव के बीच ‘बाबुष्का बटालियन’ (Babushka Battalion) हाल ही में सुर्ख़ियों में थी।

बाबुष्का बटालियन (Babushka Battalion)

  • ‘कॉन्स्टेंटिनोव्स्का और बाबुष्का’ (बूढ़ी महिला) की एक सेना 2014 में वहां संघर्ष शुरू होने के बाद से स्वेच्छा से काम कर रही है।
  • उन्होंने खाई खोदी है, जाल बनाए हैं, आपूर्ति की है, चिकित्सा देखभाल की पेशकश की है और एक लुकआउट टॉवर बनाया है।
  • वे दक्षिणपंथी आंदोलन आज़ोव (Azov) द्वारा संगठित किया गया है।

आज़ोव आंदोलन क्या है?

आज़ोव आंदोलन (Azov movement) एक दक्षिणपंथी सर्व-स्वयंसेवक इन्फेंट्री मिलिट्री यूनिट है। वे अति-राष्ट्रवादी हैं जिन पर श्वेत वर्चस्ववादी (white supremacist) और नव-नाजी विचारधारा (neo-Nazi ideology) को आश्रय देने का आरोप है। यह कीव में बेस्ड एक राजनीतिक विंग है। वे 2019 के चुनावों में संसद में एक भी सीट जीतने में विफल रहे। हालांकि, रूसी समर्थित अलगाववादियों द्वारा 2014 में संक्षिप्त कब्जे से शहर को पुनः प्राप्त करने के बाद, आज़ोव की सैन्य शाखा को अक्सर मारियुपोल शहर में रक्षकों के रूप में देखा जाता है।।

आज़ोव पर प्रतिबंध

आज़ोव को 2019 में अभद्र भाषा के कारण फेसबुक से प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस कार्यक्रम को इंस्टाग्राम के माध्यम से विज्ञापित किया गया था जिसमें आज़ोव की भागीदारी का कोई उल्लेख नहीं था।

रूस-यूक्रेन संघर्ष

रूस ने मार्च और अप्रैल 2021 में यूक्रेन के साथ अपनी सीमा के पास सैन्य कर्मियों और उपकरणों को इकट्ठा करना शुरू किया। यह 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद से सबसे अधिक सैन्य गतिविधि है। इससे चिंताएं पैदा हुईं और संभावित आक्रमण पर एक अंतर्राष्ट्रीय संकट पैदा हो गया। जून, 2021 तक सैनिकों को आंशिक रूप से हटा दिया गया था। दिसंबर 2021 तक कुछ 1,00,000 रूसी सैनिकों को फिर से सीमा के पास जमा किया।

SOURCE-GK TODAY

PAPER-G.S.1PRE

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