मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक
- भोपाल में 22 अगस्त से मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा तीन राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हो रहे हैं।
- क्षेत्रीय परिषद में मध्य प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य शामिल हैं।
क्षेत्रीय परिषद क्या होती है?
- राज्यों और उनसे संबंधित मामलों के पुनर्गठन की योजना के एक भाग के रूप में राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के भाग-III के तहत क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की गई थी।
- राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15 में यह उल्लेख किया गया है कि देश के पांच क्षेत्रों में से प्रत्येक के लिए एक क्षेत्रीय परिषद् होगी। प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद् की वर्तमान संरचना इस प्रकार हैः-
-
- उत्तरी क्षेत्रीय परिषद्, में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और चंडीगढ़ संघ शासित क्षेत्र शामिल हैं;
- मध्य क्षेत्रीय परिषद्, में छत्तीसगढ़, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य शामिल हैं;
- पूर्वी क्षेत्रीय परिषद्, में बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल हैं;
- पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद्, में गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र और दमन एवं दीव तथा दादरा एवं नगर हवेली संघ शासित क्षेत्र शामिल हैं; तथा
- दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद्, में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और पुड्डुचेरी संघ शासित प्रदेश शामिल हैं।
परिषदों के कार्यः
- प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद् एक सलाहकार निकाय होगी और ऐसे किसी मामले पर चर्चा कर सकती है जिस पर उस परिषद् में दर्शाए गए कुछ अथवा सभी राज्य, अथवा उस परिषद् में दर्शाए गए संघ और एकाधिक राज्यों का एक समान हित शामिल हो और केंद्र सरकार तथा संबंधित प्रत्येक राज्य सरकार को ऐसे किसी मामले पर कार्रवाई करने के संबंध में सलाह दे सकता है।
- उपर्युक्त प्रावधानों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, एक क्षेत्रीय परिषद् विशेष रूप से निम्न पर चर्चा और उनके संबंध में सिफारिशें कर सकती हैः-
- आर्थिक और सामाजिक नियोजन के क्षेत्र में समान हित के किसी मामले पर,
- सीमा–विवाद, भाषायी अल्पसंख्यकों अथवा अंतर–राज्य परिवहन से संबंधित किसी मामले पर; और
- इस अधिनियम के अंतर्गत राज्यों के पुनर्गठन से संबंधित या उनसे उत्पन्न किसी मामले पर।
उत्तर पूर्वी परिषद:
- उत्तर पूर्वी परिषद पूर्वोत्तर क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए नोडल एजेंसी है
- इसमे आठ राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा शामिल हैं।
- पूर्वोत्तर परिषद का गठन 1971 में संसद के एक अधिनियम द्वारा किया गया था।
- परिषद के गठन ने क्षेत्र के तेजी से विकास के लिए समेकित और नियोजित प्रयास के एक नए अध्याय की शुरुआत को चिह्नित किया है।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -2, के “संघीय ढांचे से संबंधित मुद्दे और चुनौतियाँ” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।