मिराज, जगुआर और मिग की जगह लेगा स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस– मार्क 2
- भारतीय वायुसेना की ताकत अब और बढ़ने वाली है। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने तेजस-2 परियोजना को मंजूरी दे दी है।
- इस पर लगभग 10 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे और विकसित होने वाला स्वदेश निर्मित हल्का लड़ाकू विमान दुश्मन को घर में घुस कर मात दे सकेगा।
- यह विमान पुराने हो रहे वायुसेना के मिराज-2000, जगुआर और मिग-29 जैसे लड़ाकू विमानों की चरणबद्ध ढंग से जगह लेगा।
- तेजस मार्क-2 को लड़ाकू विमानों की नई पीढ़ी का अत्याधुनिक जेट माना जा रहा है। शक्तिशाली जीई 414 इंजन से इसकी हथियार ले जाने की क्षमता भी बढ़ जाएगी।
- अत्याधुनिक रडार, बेहतर एवियोनिक्स और इलेक्ट्रोनिक्स सिस्टम भी इसे राफेल और अमेरिकी सेना के एफ-18 जैसे अत्याधुनिक विमानों की श्रेणी में ला खड़ा करेंगे।
- तेजस-2 की पहली उड़ान अगले दो–तीन साल में सामने आने का अनुमान है।
- माना जा रहा है कि परीक्षण उड़ान और प्रमाणन के बाद तेजस बनाने वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) 2028 से 2030 के बीच इसका उत्पादन शुरू कर देगी। चीन और पाकिस्तान से दोहरी सामरिक चुनौतियों के बीच भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए इसे महत्त्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
- सीसीएस ने तेजस मार्क -2 के पूरा होने के बाद महत्वाकांक्षी पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर विमान निर्माण के मेगा प्रोजेक्ट के विकास को मंजूरी देने की भी योजना बनाई है।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -3, के “रक्षा प्रौद्योगिकी से संबंधित मुद्दे” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।