25 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य देश में चुनावों में मतदान करने के लिए लोगों को बड़ी संख्या में भाग लेने के लिए प्रेरित करना है। इस दिवस के अवसर पर चुनावी प्रक्रिया में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले निर्वाचन अधिकारियों को सम्मानित (National Awards for the Best Electoral Practices) किया जाता है। इस वर्ष नई दिल्ली में चुनाव आयोग द्वारा समारोह का आयोजन किया जा रहा है, इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी हिस्सा लेंगे।
पहली बार राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2011 में मनाया गया था, इसे चुनाव आयोग (निर्वाचन आयोग) की स्थापना दिवस की स्मृति में मनाया जाता है। चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी, 1950 को की गयी थी।
चुनाव आयोग ने एक प्रकाशन ‘विश्वास के कदम : भारतीय चुनाव की यात्रा’ (‘लीप ऑफ फेथ : जर्नी ऑफ इंडियन इलेक्शन’) भी लॉन्च किया। यह पुस्तक उन्नीसवीं से इक्कीसवीं शताब्दी तक भारत के चुनावी इतिहास और भारत में प्रतिनिधि तथा चुनावी सिद्धांतों के विकास का वर्णन करती है। यह पुस्तक भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावों को वास्तव में जनमत को प्रतिबिंबित करने के लगातार प्रयासों पर केंद्रित है।
एक अन्य प्रकाशन ‘वोट का संकल्प – भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस की एक दशकीय यात्रा’ का भी विमोचन किया गया। पुस्तक आयोग के हीरक जयंती समारोह के बाद से राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह की यात्रा प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक में मुख्य अतिथि के संबोधन, मुख्य चुनाव आयुक्तों के भाषण, संदेश, कार्यक्रम-पूर्व की झलक, प्रेस नोट और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं आदि को शामिल किया गया है।
भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India)
भारतीय निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकरण है, इसका कार्य भारत में चुनावी प्रक्रिया का निर्वहन करना है। भारतीय निर्वाचन आयोग देश में लोक सभा चुनाव, राज्यों में विधानसभा चुनाव, राष्ट्रपति तथा उप-राष्ट्रपति के चुनावों का निर्वहन करता है। भारतीय निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत कार्य करता है। इसे जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत लागू किया गया था। भारतीय निर्वाचन आयोग की स्थापना 25 जनवरी, 1950 को की गयी थी, सुकुमार सेन भारत के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त थे।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S1PRE