‘लाखों बच्चे अनाथ, लेकिन बच्चा गोद लेने में लगते हैं तीन–चार साल‘: सुप्रीम कोर्ट
- सुप्रीम कोर्ट ने 26 अगस्त 2022 को जोर देकर कहा कि भारत में बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को सरल करने की जरूरत है क्योंकि ‘सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA)’ के तहत एक बच्चे को गोद लेने की प्रतीक्षा अवधि तीन-चार साल है, जबकि लाखों अनाथ बच्चे गोद लिए जाने का इंतजार कर रहे हैं।
- ‘जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस जेबी पारडीवाला की पीठ ने गैर सरकारी संगठन (NGO) ‘द टेंपल ऑफ हीलिंग‘ की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल से यह बात कही।
केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA):
- केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार का एक वैधानिक निकाय है।
- यह भारतीय बच्चों को गोद लेने के लिए नोडल निकाय के रूप में कार्य करता है और देश में और अंतर्देशीय गोद लेने की निगरानी और विनियमन के लिए अनिवार्य है।
- 2003 में भारत सरकार द्वारा अनुसमर्थित, अंतर्देशीय दत्तक ग्रहण, 1993 पर हेग कन्वेंशन के प्रावधानों के अनुसार अंतर्देशीय गोद लेने से निपटने के लिए CARA को केंद्रीय प्राधिकरण के रूप में नामित किया गया है।
- CARA मुख्य रूप से अपनी संबद्ध/मान्यता प्राप्त दत्तक ग्रहण एजेंसियों के माध्यम से अनाथ एवं परित्यक्त बच्चों को गोद लेने से संबंधित है।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -2, के “कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का प्रदर्शन तथा कमजोर वर्गों की सुरक्षा और बेहतरी के लिए गठित तंत्र” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।