केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज मुंबई में वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की 25वीं बैठक आयोजित की गई। बजट के बाद वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण मुंबई शहर के दो दिवसीय दौरे पर हैं, जहां वह उद्योग के प्रतिनिधियों, वित्तीय बाजार के पदाधिकारियों और बैंकरों के साथ बैठक कर रही हैं।
वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद – एफएसडीसी ने अपने विभिन्न आदेश-पत्रों और वैश्विक एवं घरेलू विकास के मद्देनजर उत्पन्न होने वाली प्रमुख मैक्रो-वित्तीय चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया। परिषद ने पाया कि सरकार और सभी नियामकों को वित्तीय स्थितियों और महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों के कामकाज पर निरंतर निगरानी रखने की आवश्यकता है, विशेष रूप से यह देखते हुए कि यह मध्यम और लंबी अवधि में वित्तीय कमजोरियों को उजागर कर सकता है। परिषद ने वित्तीय क्षेत्र में और विकास तथा व्यापक आर्थिक स्थिरता के साथ एक समावेशी आर्थिक विकास प्राप्त करने के लिए आवश्यक उपायों पर चर्चा की।
वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद
- वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (Financial Stability and Development Council – FSDC) का गठन दिसंबर 2010 में किया गया था। परिषद की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा की जाती है।
- इसके सदस्यों में भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर, वित्त सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव, मुख्य आर्थिक सलाहकार, वित्त मंत्रालय, सेबी के अध्यक्ष, इरडा के अध्यक्ष, पी.एफ.आर.डी.ए. के अध्यक्ष को शामिल किया जाता है।
यह क्या कार्य करता है?
- परिषद का कार्य वित्तीय स्थिरता, वित्तीय क्षेत्र के विकास, अंतर-नियामक समन्वय, वित्तीय साक्षरता, वित्तीय समावेशन तथा बड़ी वित्तीय कंपनियों के कामकाज सहित अर्थव्यवस्था से जुड़े छोटे-छोटे मुद्दों का विवेकपूर्ण पर्यवेक्षण करना है।
- इसके अतिरिक्त इस परिषद को अपनी गतिविधियों के लिये अलग से कोई कोष आवंटित नहीं किया जाता है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1PRE