15 जनवरी, 2022 को, “सेना दिवस” मनाने के लिए, खादी के कपड़े से बना दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित किया गया।
मुख्य बिंदु
इसे जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर लोंगेवाला में प्रदर्शित किया गया।
लोंगेवाला भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 की ऐतिहासिक लड़ाई का केंद्र चरण था।
यह खादी ध्वज का पांचवां सार्वजनिक प्रदर्शन होगा।
स्मारकीय राष्ट्रीय ध्वज
यह स्मारकीय राष्ट्रीय ध्वज 225 फीट लंबा और 150 फीट चौड़ा है। इसका वजन लगभग 1400 किलोग्राम है। 70 खादी कारीगरों ने 49 दिनों में इस झंडे को तैयार किया। इसके निर्माण से खादी कारीगरों और संबद्ध श्रमिकों के लिए लगभग 3500 मानव-घंटे का अतिरिक्त कार्य हुआ है। यह 33,750 वर्ग फुट के क्षेत्र को कवर करता है। ध्वज में अशोक चक्र का व्यास 30 फीट है।
स्मारकीय राष्ट्रीय ध्वज क्यों महत्वपूर्ण है?
स्मारकीय राष्ट्रीय ध्वज भारतीयता की सामूहिक भावना के साथ-साथ खादी की विरासत शिल्पकला का प्रतीक है।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए ध्वज की अवधारणा तैयार की है।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC)
KVIC एक वैधानिक निकाय है, जिसे ‘खादी और ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम 1956’ के अनुसार अप्रैल 1957 में बनाया गया था। तहत एक संगठन है। यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के यह संगठन ग्रामीण विकास में शामिल अन्य एजेंसियों के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में खादी और ग्रामोद्योगों की स्थापना और विकास में योजना, प्रचार, आयोजन, सुविधा और सहायता करता है।
SOURCE-DANIK JAGRAN
PAPER-G.S.1PRE